क्या आपने बालीबुड फिल्म तमाशा देखी है? जरा एक बार याद कीजिए उस फिल्म में रणबीर कपूर यानी वेद वर्धन साहनी कैसे तनाव और बर्नआउट की समस्या से जूझते हुए अपनी नौकरी और करियर को संभालने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। खैर, अगर आप भी बर्नआउट से जूझ रही हैं, तो आपने अपने और रणबीर के हालात में कुछ कनेक्शन महसूस किया होगा। पर इससे उबरने का रास्ता इतना भी मुश्किल नहीं है। हमारे साथ एक्सपर्ट हैं जो बता रहे हैं कि आप बर्नआउट से कैसे बच (How to avoid burnout) सकती हैं।
आज की भागदौड़भरी दुनिया में, लाखों करोड़ों लोग बर्नआउट से जूझ रहे हैं। तेजी से लोगों में बढ़ रही ये संख्या चिंताजनक होती जा रही है। दुर्भाग्यवश बर्नआउट एक से अधिक तरीकों से पीड़ित के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रहा है।
विश्व स्वास्थ संगठन (World Health Organization) ने बर्नआउट (Burnout) की समस्या को मानसिक समस्या बताया है। डब्लूएचओं (WHO) के मुताबिक, यह एक ऐसा सिंड्रोम है जो काम के दौरान होने वाले तनाव के कारण पैदा होता है। इसकी वजह से पीड़ित में कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें :- गोल्ड फेशियल से भी ज्यादा ग्लो देती है स्वर्ण भस्म, जानिए इसके 5 फायदे
इसी से जुड़े करीब 7500 फुलटाइम कर्मियों पर अमेरिकन कंपनी गैलप द्वारा किए गए शोध में बताया गया कि 23 फीसदी कर्मचारी काम के दौरान अत्यधिक बर्नआउट की समस्या महसूस कर रहे हैं। इसी स्टडी से ये बात भी सामने आई कि 44 फीसदी कर्मचारी कभी-कभार बर्नआउट से परेशान रहते हैं। इस स्टडी से साफ जाहिर हैं कि 66 फीसदी फुलटाइम वर्कर अपने नौकरी के दौरान बर्नआउट की समस्या से जूझते हैं।
कई कर्मचारियों ने भी माना है कि वह अपने ऑफिस या जिस भी जगह वह काम करते हैं, वहां ज्यादातर तनाव और चिंता में रहते हैं। साथ ही कुछ लोगों ने अवसाद में रहने की बात भी कही है। और कोविड-19 महामारी आने के बाद बर्नआउट की समस्या लोगों में और भी बढ़ गई है। यदि आप इस बात को लेकर कनफ्यूज हो रही हैं कि आप बर्नआउट की कौन सी अवस्था में हैं या फिर नहीं हैं तो आपको एक बार इसके लक्षणों को जरुर देख लेना चाहिए।
बर्नआउट के कारण आपको थकान, सिर दर्द, पीठ दर्द, कंधे का दर्द, नींद न आना, थायरॉइड संबंधी समस्या महसूस हो सकती है इसके आलावा मोटापा बढ़ या घट सकता है।
चीजों को देखने के नजरिए में परिवर्तन जैसे दूसरो की कामयाबी से असंतोष, चिढ़, जलन, बुराई करना, आलोचना करना, नजरअंदाज करना, कमतर आंकना, टाल देना, हताश हो जाना, प्रेरणा की कमी।
नकारात्मक तरीके से चाजों को लेना जैसे, अनहेल्दी तरीके का खानपान, ज्यादा शराब या एल्कोहल लेना, स्मोंकिंग करना, गेम और सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना ऐसी तमाम नुकसान पहुचाने वाले आदतों को अपनाना।
यह भी पढ़ें :- आपके निजी अंगों के लिए परेशानी बन रहा है पसीना? ये 3 तरीकें करेंगे स्किन फ्रिक्शन से बचाव
ज्यादा चिंता करना, डरे सहमे रहना, परेशान होना, खुद को कमतर आंकना और जल्दी-जल्दी इच्छाएं बदलना, खुद को नीचा समझना और तमाम इस तरह के मानसिक कमियों को महसूस करना।
किसी पर से भी विश्वास उठ जाना, ठीक तरह से आराम करने में खुद को असमर्थ पाना, पहले की तरह आध्यात्मिक प्रैक्टिस को जारी रख पाने में असमर्थ होना, काफी थका हुआ और बोझिल महसूस करना।
ये सब लक्षण बर्नआउट से जूझने के दौरान नजर आ सकते हैं। लोगों में तेजी से बढ़ रही बर्नआउट की शिकायत को देखते हुए हेल्थशॉट्स की टीम ने मुंबई के मीरा रोड स्थित वॉकहार्ट हास्पिटल से जुड़ी मनोचिकित्सक डॉ सोनल आनंद से बात की। इस बातचीत के दौरान टीम में बर्नआउट के तमाम फेजों व समस्याओं को समझने की कोशिश की। साथ ही उन समस्याओं से उबरने के तरीकों के बारे में भी जाना। डॉ सोनल द्वारा बताई गई बर्नआउट की अवस्थाओं और उससे निजात पाने के उपायों को यहां आपके लिए साझा किया गया है।
बर्नआउट का हनीमून स्टेज व्यक्ति के शरीर की ऊर्जा और उसके आशावादी होने से जुड़ा है। व्यक्ति चाहे एक नए जॉब की शुरुआत करे या एक नए काम की इस स्टेज में वह बेहतर परफार्मेंस, काम के प्रति अधिक उत्साहित व क्रिएटिव और भी बहुत कुछ अच्छा करता है।
यह भी पढ़ें :- एंग्जाइटी की दवाओं से बेहतर है मेडिटेशन, यहां जानिए इसे करने का सबसे आसान तरीका
हनीमून स्टेज समाप्त होने के बाद उस व्यक्ति को तनाव महसूस होने लगेगा। इसके बाद उसके हाथ में जो काम होगा उसमें उसका फोकस कम होगा या फिर जैसे ही काम पूरा होने वाला होगा उसकी परफॉर्मेंस घटने लगेगी। शारीरिक रुप से वह थक जाएगा और यही थकान उसकी नींद में बाधा बनने लगेगी।
तनाव के कारण जैसे जैसे दबाव बढ़ेगा उस व्यक्ति का काम प्रभावित होना शुरु हो जाएगा। उसके बाद जैसे ही काम पूरा होने वाला होगा वह उस काम को पूरा करने में देरी करने लगेगा या फिर बर्नआउट के इस स्टेज की वजह से वह काम समय पर कर पाने में देरी होगी। वह इस स्टेज में अपने सहकर्मियों पर भड़क सकता है या उन्हें डांट लगा सकता है।
यह भी पढ़ें :- नाजुक होती है बेबी की स्किन, जानिए कैसे रखना है गर्मियों में उसका ख्याल
इन तीन पड़ावों के बाद आता है बर्नआउट फेज। इस फेज में पहुंच जाने के बाद आमतौर पर वह काम को अंजाम तक पहुंचा पाने में बार-बार असमर्थ होने लगता है। इस कारण उसके व्यवहार में आया बदलाव बर्नआउट पीड़ित शख्स के ऊपर हावी होने लगता है। जिसकी वजह से पीड़ित जब भी काम करने की शुरुआत करने के लिए बैठता है वह सन्न महसूस करने लगता है। उसको अपने ऊपर संदेह होने लगता है। इसके बाद पीड़ित हमेंशा सिर दर्द, पेट संबंधी बीमारी, चिंता, दूसरों से चिढ़ने लगना, हताश होने लगता है।
सही समय पर इस बर्नआउट से निजात नहीं पाया जा सका तो यह आपके दैनिक जीवन का एक हिस्सा बन जाता है और इसकी वजह से व्यक्ति अवसाद में चला जाता है। फिर वह आसानी से काम नहीं कर पाता है।
दिनचर्या में उन आदतों को शामिल करना चाहिए जो आपको तनाव से दूर रख सकें। इसके लिए आप योग, मेडिटेशन, सिंगिंग, डांसिंग, संगीत सुनना, सजावटी पौधों की देखरेख करना, या फोटोग्राफी कर सकती है।
यह भी पढ़ें :- गर्मी के मौसम में ज्यादा रेड मीट खाना आपको दे सकता है ये 6 स्वास्थ्य जोखिम
अपने सहकर्मीयों, परिवार के सदस्यों और दोस्तों से मदद ले सकती हैं। उनसे खुल के बात कर सकती हैं और उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में बताकर कर उसका निदान मांग सकती है या सलाह ले सकती हैं।
रोजाना समय से बिस्तर पर चले जाना और भरपूर नींद लेना चाहिए। रात में अच्छी नींद लेने से आपका काम पर फोकस बढ़ सकेगा और ऐसा करने से परफार्मेंस भी बेहतर होगी। भरपूर नींद के लिए आप मेडिटेशन, गहरी सांस लेने और बाहर निकालने संबंधी एक्सरसाइज कर सकती है इसके आलावा आप तनाव कम करने वाले बाकी एक्टिविटी को भी अपने दिनचर्या का हिस्सा बना सकती हैं।
अपने आप को कठोर नहीं बनाना चाहिए। अगर आप लगता है कि काम के कारण बर्नआउट की शिकायत हो रही है, तो कुछ दिन उस काम से दूरी बना लेनी चाहिए। ऐसे में खुद को आराम देना चाहिए। अच्छी नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ दिन की छुट्टी ले लेनी चाहिए। इसके आलावा आप अपना पसंदीदा काम भी कर सकती हैं।
अगर आप बर्नआउट से बचना चाहती हैं, तो एक अच्छी लाइफ अपनाने की ओर ध्यान देना चाहिए। डाइट में संतुलित आहार, वजन सामान्य और दैनिक जीवन में रोजाना एक्सरसाइज को शामिल कर लेनी चाहिए। अमूमन इस तरह की चीजों को अपनाकर एक खुशहाल जीवन जी सकती हैं।
यह भी पढ़ें :- Vitamin B12 : शाकाहारी हैं, तो यहां जानिए विटामिन बी 12 के कुछ खाद्य स्रोत
ऑफिस के कामकाज संबंधित तनाव ही ज्यादातर बर्नआउट का कारण बनता है। इसलिए अपने निजी जीवन और प्रोफेशनल लाइफ को अलग बनाए रखना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि इन दोनों के बीच का संतुलन न बिगड़े। अगर आप ऐसा कर पाने में सफल हो पाती हैं तो हर हाल में बर्नआउट आपसे दूर रहेगा।
कई जिम्मेदारियां एक साथ ले लेने या ढेर सारे कामों को करने का वादा कर लेने से तनाव होने लगती है। ऐसे में कुछ जिम्मेदारियों व वादों से दूरी बना लेना चाहिए। काम का अपने ऊपर बोझ नहीं बढ़ने देना चाहिए। और किसी काम को पूरा करने का वादा करने से पहले ये देख लेना चाहिए कि आपके पास उस काम के लिए समय और ऊर्जा है या नहीं।
अगर काम की वजह से आपका पूरा दिन व्यस्त रहता है तो बीच-बीच में ब्रेक लेती रहें। यदि आप दिन सोशल मीडिया में व्यस्त रहती हैं तो उससे बीच-बीच में दूरी बना लें। इन सब के आलावा आपको जब भी ब्रेक मिले आपको जरुर उसका इस्तेमाल करना चाहिए।
यह भी पढ़ें :- Nurse Day 2022 : जो महामारी में भी डटी रहीं, उन्हें एक सलाम तो बनता है