आप कितनी बार थकावट महसूस करती हैं? खैर, महामारी के बाद से यह हमारे जीवन में इतना आम हो गया है। जब हम थके हुए या तनावग्रस्त होते हैं, तो हम तुरंत खुद को पैंपर करने लगते हैं। इसे सेल्फ केयर के रूप में जाना जाता है और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। मगर लेडीज, आराम का मतलब हमेशा सोना नहीं होता। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि “वेकिंग रेस्ट” के रूप में जानी जाने वाली रेस्टिंग तकनीक आपके जीवन को पूरी तरह से बदल सकती है!
आपने शायद देखा होगा कि कितने लोग अपने दिन की भागते – दौड़ते हुए करते हैं। क्या आप जानते हैं कि दिन की शुरुआत बहुत अधिक तनाव के साथ करने से आपके दिमाग, शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। पहले के समय में सुबह के समय को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था। इसलिए लोग सुबह टहलने जाते थे, व्यायाम करते थे और सक्रिय रहने की कोशिश करते थे। मगर, यदि आप आलसी हैं तो यह वेकिंग तकनीक, आपके लिए सबसे सही है।
वेकिंग रेस्ट का मतलब है जागना और अपने मन और शरीर को आराम और भटकने देना। सीधे शब्दों में कहें, यह मूल रूप से शांत रहकर अपने विचारों पर ध्यान केंद्रित करने का एक तरीका है।
हेल्थ शॉट्स ने फोर्टिस हॉस्पिटल, बन्नेरघट्टा रोड, बेंगलुरु के सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी, डॉ विवेक आनंद पडेगल, से बात की, ताकि इसे अभ्यास करने का सही तरीका खोजा जा सके।
डॉ पडेगल कहते हैं, “वेकिंग रेस्ट आराम करने का एक अलग तरीका है, जिसमें शांत चित्त रहकर मन के विचारों पर ध्यान केंदित किया जाता है।”
अभ्यास का तरीका काफी सरल है। इसमें चुपचाप बैठना और “कुछ नहीं करना” शामिल है। इसमें अक्सर दिन में 5 से 20 मिनट, या दिन में कई बार बिना किसी फोकस एजेंडे के चुपचाप बैठना शामिल है। इस तकनीक का लाभ उठाने के लिए सुबह उठकर इसे करना सबसे अच्छा है।
पडेगल कहते हैं, “इस तकनीक को चिंता, अनिद्रा, उत्पादकता और याददाश्त बढ़ाने में मदद करने के लिए माना जाता है। इसे ध्यान में रखें कि अधिक लगातार अंतराल के साथ लंबे समय तक जागने से इस पद्धति की प्रभावशीलता में वृद्धि होती है।”
इसके अलावा, डॉ पडेगल कहते हैं, “यह तकनीक ध्यान जैसे स्थापित पारंपरिक भारतीय तरीकों से भिन्न नहीं है।”
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