थकान सिर्फ शरीर की ही नहीं होती। ये आपके मन और मस्तिष्क दोनों को भी प्रभावित करती है। एक वक्त ऐसा आता है, जब आपकाे कुछ भी और नहीं सूझता। लगातार काम करते रहने पर कभी-कभी हमारा शरीर बुरी तरह थक जाता है। अकसर यह सप्ताह का आखिरी दिन होता है। जब हमारा शरीर हमसे कुछ भी और करने को इन्कार कर देता है। तब जरूरत होती है किसी ऐसे उपाय की जो उसे पूरी तरह रिलैक्स कर सके। वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में कई ऐसे उपाय हैं, जो शरीर की थकान उतारने में मददगार हो सकते हैं। आइए बात करते हैं ऐसे ही 5 उपायों के बारे में।
मसाज एवं अन्य प्रक्रियाएं न सिर्फ थकान दूर कर मसल्स को टोन करती हैं, बल्कि इनसे ब्लड सर्कुलेशन भी सही होता है। पुराने समय से ही भारत सहित विश्व के कई देशों में बॉडी मसाज का प्रचलन रहा है। इसमें स्किन सर्फेस और मसल्स पर दबाव डाला जाता है। आइए जानते हैं उन 5 बॉडी मसाज (5 body massage to relieve fatigue and improve body health ) के बारे में, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी हैं।
बॉडी मसाज एक सिस्टमैटिक प्रक्रिया है, जो बॉडी पर टेंशन, मोशन और वाइब्रेशन को अप्लाई करता है। यह हाथ या मशीन दोनों से की जाने वाली प्रक्रिया है। कौन-कौन सी मसाज और थेरेपी शरीर के लिए सबसे अधिक उपयोगी है, इसके लिए हमने धर्मशाला, हिमाचल के बॉडी मसाज केंद्र बॉडी टेंपल के ऑनर और मसाज एक्सपर्ट आनंद कुमार से बात की।
आनंद कुमार के अनुसार बॉडी मसाज में सबसे अधिक हाथ, उंगलियां, कोहनी, घुटने, कंधे-पीठ, कमर और पैरों पर वर्क किया जाता है। मसाज के दौरान हाथ, वाइब्रेशन मशीन, हीट एमिटिंग मशीन, बांस से बने रोलर और मसाज चेयर का भी प्रयोग किया जाता है।
आनंद कहते हैं, “आयुर्वेदिक मसाज बॉडीवर्क की सबसे पावरफुल स्टाइल है, जिसमें तेल से मालिश की जाती है। इसमें पैसिव योग स्ट्रेच और ब्रीदिंग को भी शामिल किया जाता है। यह पुराने समय में अभयंगम के रूप में भी जाना जाता था। यह थकान और मासंपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाती है। साथ ही स्किन को भी पोषण देती है। यह लिमफेटिक सिस्टम को स्टिम्यूलेट करती है। इसके कारण लिम्फोसाइट्स का प्रोडक्शन बढ़ता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में भी मदद करता है।’
शरीर को रिलैक्स करने की यह पद्धति मूल रूप से चीन से आई है। एक्यूप्रेशर टेक्निक में रोगी के दर्द और थकान से संबंधित किन्हीं खास बिंदुओं की पहचान की जाती है। हाथ, कोहनी, हथेली, कलाई, घुटनों का उपयोग करके एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर शारीरिक दबाव डाला जाता है। इसमें मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है। इस विधि का इस्तेमाल करने पर तनाव और थकान दूर होती है और एनर्जी बूस्ट होती है।
यह एक प्रकार की थेरेपी है, जिसमें मालिश के दौरान खुशबूदार एसेंशियल ऑयल का प्रयोग किया जाता है। एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करते समय सॉफ्ट और हार्ड दोनों तरह का प्रेशर बारी-बारी से लगाया जाता है। इसमें सेंटेड लोशन का भी प्रयोग किया जाता है। इससे न सिर्फ मांसपेशियों को आराम मिलता है, बल्कि मेंटल हेल्थ भी बूस्ट होती है। जिससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा महसूस करती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंइसमें शरीर पर प्रेशर और हीट दोनों अप्लाई किए जाते हैं। इसके लिए गर्म पत्थरों के साथ-साथ ठंडे पत्थरों का भी प्रयोग किया जाता है। इसमें बेसाल्ट स्टोंस या लावा रॉक का प्रयोग किया जाता है, जिस पर पॉलिश की जाती है और उसे चिकना बनाया जाता है। मसाज के दौरान पानी या तेल के साथ पत्थरों को गर्म किया जाता है और फिर शरीर पर लगाया जाता है।
यह मसाज की ताओ टेक्निक का प्रयोग करती है। इसमें कार्डियोवस्कुलर हेल्थ, बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने पर काम किया जाता है। इन सभी के लिए पेट पर मालिश की जाती है। जिससे ब्लड वेसल्स को खोलकर ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मददगार है। खासतौर से बैकपेन और प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
कोई भी प्रक्रिया आरामदेह और निजी कमरे में संपन्न होनी चाहिए। कमरा हल्का गर्म हो और सुगंधित कैंडल से जगमगा रहा हो।
इस दौरान लाइट म्यूजिक जरूर चलना चाहिए, इससे मन शांत और रिलैक्स होता है।
शरीर पर कम से कम कपड़े हों, ताकि बॉडी पर हाथों या मशीन से सही तरीके से स्ट्रोक दिया जा सके।
मसाज हमेशा पैरों से शुरू होनी चाहिए। पीठ की मालिश पीठ के निचले हिस्से से ऊपर की ओर की जानी चाहिए।
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