टेक्नोलॉजी के दिग्गज मेटा, ट्विटर, डिज़नी और अमेज़न में जब छंटनी होती है, तो ये सुर्खियों में आ जाता है। जबकि कोरोनावायरस महामारी के कारण कितने ही लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। बहुताें को कम पैसे पर ज्यादा काम करने या आमदनी में कटौती का सामना करना पड़ा। आर्थिक नुकसान तनाव के बड़े कारणों में से एक है। खासतौर पर ऐसे दौर में जब आपकी नौकरी, बहुत सारे सपनों और मंथली ईएमआई का भी आधार हो। मगर इस स्थिति से घबराने या अवसाद में चले जाना, समाधान नहीं है। बल्कि जरूरत है कि आप इस स्थिति को पूरी सूझबूझ के साथ संभाले। यहां मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट उन बिंदुओं पर बात कर रहे हैं, जो छंटनी के दौर में आपके मानसिक स्वास्थ्य (how to deal with financial loss or layoff) के लिए संबल साबित हो सकते हैं।
नौकरी, जो न केवल आपके बिलों का भुगतान करती है, बल्कि पैशन को पूरा करने का भी साधन है। नौकरी में छंटनी होने पर यह किसी के आत्मविश्वास को कम कर सकता है। तनाव, चिंता, अवसाद और क्रोध को यह जन्म दे सकता है। आप असहाय महसूस कर सकती हैं। छंटनी के बाद आत्मविश्वास को दुबारा बहाल करने के लिए आपको करनी होगी ढेर सारी मेहनत।
साइकोथेरेपिस्ट और लाइफ कोच डॉ. चांदनी तुगनैत के अनुसार, नौकरी छूटना व्यक्ति के जीवन की सबसे तनावपूर्ण घटनाओं में से एक हो सकता है। इस होने वाले तनाव के दुष्प्रभाव को मापना आसान नहीं है।
डॉ तुगनैत हेल्थ शॉट्स से बताती हैं, “पति या बच्चे की मृत्यु के बाद नौकरी छूटना जीवन के तनाव को और अधिक बढ़ा सकता है। यह सिर्फ आय का नुकसान नहीं है, बल्कि स्थिति, दिनचर्या और उद्देश्य की भावना का नुकसान भी है।”
अचानक बेरोजगार होने का डर जायज है। इसके अलावा अपराधबोध, उदासी, क्रोध, विश्वासघात और शर्म की भावनाएं भी विकसित होती हैं। डॉ। तुगनैत बताती हैं, “ये सभी कारक मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि चिंता, अवसाद और यहां तक कि ट्रॉमा के बाद के तनाव विकार (Post-traumatic stress disorder) में योगदान दे सकते हैं।” आप नौकरी से निकाले जाने के विभिन्न भावनात्मक चरणों से गुजर सकती हैं। मेंटल हेल्थ की भाषा में, छंटनी क्लस्टर इमोशन को ट्रिगर कर सकती है।
नौकरी से निकाले जाने से निपटने के लिए पहला कदम अपनी भावनाओं को स्वीकार करना है। छंटनी के बाद अपने जीवन और आत्मविश्वास को दोबार बहाल करने के लिए सामाजिक और प्रोफेशनल हेल्प लेना चाहिये।
डॉ. तुगनैत कहते हैं, ” जिन्हें काम से निकाल दिया गया है, उन लोगों को शुरुआत में किसी प्रोफेशनल से मदद मांगनी चाहिये। इससे वे अपने मानसिक स्वास्थ्य पर नौकरी से निकाले जाने के दीर्घकालिक प्रभावों को कम कर सकते हैं।”
आप यह महसूस कर सकती हैं कि आपने अपनी नौकरी खोने की प्रक्रिया में अपनी पहचान खो दी है। यह विफलता की भावना ला सकता है। लेकिन इसे सामान्य समझें। लेकिन यह नकारात्मक भाव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। असफलता से आगे बढ़ने का तरीका खोजें।
डॉ. तुगनैत सलाह देती हैं, “इन भावनाओं से निकलने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें, जो आपको समझता हो और आपका समर्थन भी करता हो। साथ ही, दबी हुई भावनाओं को बाहर निकालने और आगे की राह पर स्पष्टता हासिल करने के लिए जर्नलिंग शुरू करें।”
डॉ तुगनैत कहती हैं, ‘यदि आप बड़े पैमाने पर छंटनी की शिकार हुई हैं, तो दुःख मनाना स्वाभाविक है। आप उदास हो सकती हैं, स्थितियों के बारे में अधिक सोच सकती हैं और आत्म-संदेह में घिर सकती हैं। लेकिन कोई बात नहीं। “यह खुद को दोष देने या तुरंत दूसरी नौकरी खोजने की कोशिश करने का समय नहीं है। इसकी बजाय, अपनी देखभाल के लिए कुछ समय निकालें। व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन करें, पर्याप्त नींद लें और सहयोगी लोगों के साथ समय बिताएं।”
विशेषज्ञ का मानना है कि ये आपको बेरोजगारी के तनाव से निपटने में मदद करेंगे और आपकी अगली नौकरी खोजने में मदद करेंगे। साथ ही जोश के साथ नए सिरे से शुरुआत करने के लिए आपको अपने आत्मविश्वास का भी पुनर्निर्माण करना चाहिए।
डॉ तुगनैत सुझाव देती हैं, ‘छंटनी के मानसिक स्वास्थ्य प्रभावों से बचने के लिए इन बुनियादी सुझावों का पालन करें’
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कस्टमाइज़ करेंछंटनी के बाद परेशान, डरा हुआ और गुस्सा महसूस करना सामान्य है। अपनी भावनाओं को दबाने की कोशिश न करें। इसकी बजाय, अपनी भावनाओं को स्वीकार करें और उन्हें अभिव्यक्त भी करें।
इस कठिन समय में भावनात्मक समर्थन के लिए अपने दोस्तों और परिवार पर निर्भर रहें। एक मजबूत समर्थन प्रणाली के महत्व को कम मत समझिए क्योंकि आप नौकरी खोने के मानसिक स्वास्थ्य प्रभाव से जूझ रही हैं।
शराब या नशीले पदार्थों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। इन दोषों की ओर मुड़ने की बजाय मुकाबला करने की स्वस्थ रणनीति बनाएं। आप इसके तहत ध्यान करने के विकल्प का चुनाव कर सकती हैं।
नौकरी से छंटनी हो जाने के बाद उसी स्थान पर रुकी नहीं रहें। आगे आपके लक्ष्य क्या हैं, आप उन्हें कैसे प्राप्त कर सकती हैं, इसके बारे में सोचना शुरू करें।
यदि आप खुद अपने आपको संभाल नहीं पा रही हैं, तो परामर्श या चिकित्सा लेने पर विचार करें। इसके लिए प्रोफ़ेशनल की मदद ले सकती हैं।
प्रख्यात मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख का मानना है कि हालांकि जीवन में परिवर्तन होते रहते हैं, उतार-चढ़ाव ग्राफ का हिस्सा हैं, तो आपको कभी भी बाहरी परिस्थितियों से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए। आत्म-विश्वास आपकी सबसे बड़ी ताकत हो सकती है जब आप खुद को सबसे कमजोर महसूस करती हैं।
डॉ पारिख कहते हैं, “अगर किसी कंपनी ने किसी कारण से कुछ प्रतिशत लोगों की छंटनी करने का फैसला किया है और आप उसमें शामिल हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपके पास योग्यता नहीं है। याद रखें, यह आपके स्किल सेट, आपकी क्षमता, आपकी पिछली सफलता और आपके भविष्य से भी कुछ नहीं छीनेगा। और यह विश्वास नितांत आवश्यक है।”
डॉ. पारिख सुझाव देते हैं कि जिस किसी की भी नौकरी छूट गई है, उसे इन बातों पर ध्यान देना चाहिए:
अपनी स्किल को आगे बढ़ाएं
रिश्ते बनाए रखें
अपने आप पर यकीन रखें
अगले विकल्प की तलाश करें
अगला विकल्प मिलने तक नियमित हेल्दी रूटीन को फॉलो करें
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