scorecardresearch

ध्यान करते वक्त आने लगती हैं नींद की झपकियां, तो मेडिटेशन से पहले इन टिप्स को न करें नज़रअंदाज़

मेडिटेशन के दौरान नींद से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आपका खाना ठीक से पचा हो। जब तक आपका शरीर खाना पचाने में व्यस्त है, तब तक यह थकान को काफ़ी हद तक बढ़ाएगा। अभ्यास करने से पहले ज्यादा खाने से बचें औऱ खाना खाया है तो 3 घंटे का इंतेजार करें।
Published On: 4 Jun 2024, 04:00 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
अल्का पेरीवाल
इनपुट फ्राॅम
मेडिटेशन के दौरान नींद से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आपका खाना ठीक से पचा हो। चित्र- अडोबी स्टॉक

ध्यान करते समय सो जाना बहुत सामान्य बात है और अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आपको बहुत ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। जब हम ध्यान करना सीखते हैं, तो हम ध्यान और विश्राम के बीच संतुलन की तलाश करते हैं, और उस सीखने की प्रक्रिया में यह सामान्य है कि कभी-कभी हम किसी भी दिशा में बहुत आगे बढ़ जाते हैं, कभी-कभी बहुत ज़्यादा तनाव महसूस करते हैं और कभी-कभी सो जाते हैं। ये दिमाग को शांत करने का बहुत अच्छी तरीका है इसलिए लोग इसे पसंद कर रहें है।

योगा एक्सपर्ट अल्का पेरिवाल बताती है कि सोने और ध्यान की सही अवस्था में होने के बीच एक बहुत ही महीन रेखा होती है, इसलिए ध्यान करते समय नींद आना स्वाभाविक है। लेकिन अंततः व्यक्ति को ठीक से और कुशलता से ध्यान करने में सक्षम होने के लिए इससे बचना सीखना होगा। तो चलिए जानते है कि ध्यान करते समय कुछ लोगों को नींद क्यों आती है।

bhramari pranayama negative thoughts ko door karta hai.

अंधेरा आपके तंत्रिका तंत्र को शांत होने और यहां तक ​​कि सो जाने के लिए संकेत भेजता है।
चित्र : एडॉबी स्टॉक

मेडिटेशन के दौरान नींद क्यों आती है

सबसे आम कारण शरीर या मन का आलस्य है। यह आपको अभ्यास में पूरी तरह से व्यस्त नहीं रहने देता है, जिसके कारण आप ध्यान प्रक्रिया में उतने शामिल नहीं होते हैं।

यदि आप ध्यान करना शुरू कर रहे हैं, तो नींद आना एक सामान्य बात है, क्योंकि यह एक ऐसी गतिविधि हो सकती है जिससे आप बहुत परिचित नहीं हैं। और यही कारण है कि शरीर और मन ध्यान के प्रति सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया नहीं करते हैं।

नींद आना आपके शरीर में पोषण की कमी का भी लक्षण हो सकता है, जिसका अर्थ है कि आप कमज़ोर महसूस कर रहे हैं और इस अभ्यास में सक्रिय रूप से शामिल नहीं रह पा रहे हैं।

जब शरीर को ध्यान करने की आदत नहीं होती है, तो जाहिर है कि आप स्वाभाविक रूप से अपने अभ्यास के बीच में नींद महसूस करना शुरू कर देंगे।

मेडिटेशन के दौरान नींद से कैसे बचें

सुनिश्चित करें कि आपने ठीक से पचाया है

मेडिटेशन के दौरान नींद से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आपका खाना ठीक से पचा हो। जब तक आपका शरीर खाना पचाने में व्यस्त है, तब तक यह थकान को काफ़ी हद तक बढ़ाएगा। अभ्यास करने से पहले ज्यादा खाने से बचें औऱ खाना खाया है तो 3 घंटे का इंतेजार करें। इसके अलावा, इस बात पर विचार करें कि कुछ प्रकार के भोजन दूसरों की तुलना में पचाने में भारी होते हैं। हल्का खाना एक अच्छा विचार है।

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

रोशनी वाले कमरे में अभ्यास करें

अंधेरा आपके तंत्रिका तंत्र को शांत होने और यहां तक ​​कि सो जाने के लिए संकेत भेजता है। इसलिए यदि खुद को मेडिटेशन के दौरान जगाए रखना चाहते है, तो रोशनी वाले कमरे में अभ्यास करना एक अच्छा विचार होगा। आप अपनी आंखें खुली रखकर भी अभ्यास कर सकते हैं, अपनी निगाह अपने सामने फर्श पर टिकाकर।

मेडिटेशन के दौरान जगाए रखना चाहते है, तो रोशनी वाले कमरे में अभ्यास करना एक अच्छा विचार होगा।

ध्यान करने से पहले योग और सांस लेने के व्यायाम करें

योग और सांस लेने के व्यायाम ध्यान के लिए बेहतरीन तैयारी हैं। ध्यान के लिए बैठने से ठीक पहले ऐसी तकनीकों का अभ्यास करने से आपके ध्यान पर ठोस प्रभाव पड़ता है। आप न केवल शांत रहेंगे बल्कि अपने अभ्यास में अधिक ऊर्जा और स्पष्टता भी लाएंगे। इससे मेडिटेशन के दौरान जागते रहना बहुत आसान हो जाएगा।

रात को पर्याप्त नींद लें

कुछ भी करने से पहले, खुद से पूछें कि आपको नींद क्यों आ रही है। क्या ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि आपको रात में पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है या आपकी नींद की गुणवत्ता अच्छी नहीं है? अगर ऐसा है, तो अपनी नींद में सुधार करके शुरुआत करें। अगर आपको अनिद्रा की समस्या है, तो ध्यान इस समस्या से निपटने में एक महत्वपूर्ण घटक हो सकता है।

ये भी पढ़े- अधूरी नींद से आंखों के नीचे बढ़ने लगी है सूजन की समस्या, तो इन योगासनों की मदद से मिलेगी राहत

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

अगला लेख