सिंगल मदर होना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हालांकि, इस दौरान काफी सारी परेशानियां एवं तकलीफों का सामना करना पड़ता है। परंतु यह सफर इतना महत्वपूर्ण और खूबसूरत है की इसके सामने सभी परेशानी और मिश्किलें छोटी लगने लगती हैं। आमतौर पर शुरुआत में महिलाएं कमजोर पड़ने लगती हैं, परंतु खुद को यदि एक बार मानसिक रूप से इसके लिए तैयार कर लिया जाए तो फिर कोई भी आपको अपने बच्चे की जिम्मेदारी लेने और उसे पूरा करने से नहीं रोक सकता।
यदि आप अंदर से खुश रहती हैं तो यह सफर और भी खूबसूरत हो जाता है। ऐसे में आज हर सिंगल मदर (single mother) के लिए हम लेकर आए हैं, ऐसे 5 टिप्स जो सिंगल पेरेंटिंग के दौरान उन्हें खुश और मजबूत रहने में मदद करेंगे (how to distress as a single mom)। तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
आपके पास बच्चे को लेकर निर्णय लेने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है।
आप अपना पूरा ध्यान अपने बच्चे पर एकाग्र रख सकती हैं।
आपके बच्चे को एक रोल मॉडल मिल जाता है। साथ ही समय के साथ वे अधिक साहसी और मजबूत होते जाते हैं।
बच्चे इंडिपेंडेंट बनते हैं और घर के कामकाज और रिस्पांसिबिलिटी को अच्छी तरह समझना शुरू कर देते हैं।
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चाइल्ड माइंड इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार हर सिंगल मदर को हर रोज कम से कम 20 से 30 मिनट खुद के लिए कुछ अच्छा करते हुए बिताना चाहिए। इस दौरान आप एक्सरसाइज कर सकती है या स्किन केयर के लिए कुछ करें। साथ ही यदि किताबों की शौकीन हैं, तो एक कप कॉफी के साथ 20 मिनट तक किताबों के कुछ पन्नों को पलट लें।
वहीं लिखने की शौकीन हैं, तो अपने मन की कोई बात पन्नों पर उतार लें। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की गतिविधियां हैं, जो सेल्फ केयर में आती हैं। सेल्फ केयर का मतलब केवल खुद को फिजिकली ग्रूम करना नहीं, बल्कि मेंटली स्ट्रांग करना भी है।
एक सिंगल मदर होते हुए घर के कामकाज और ऑफिस के बाद अपने लिए समय निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है। परंतु इन सभी के बीच खुद के लिए समय निकालना और खुद के साथ वक्त बिताना बहुत जरूरी है। इसके लिए किसी दिन समय निकालकर बाहर डिनर पर जाएं या कभी कॉफी पर चली जाएं।
शॉपिंग करना भी एक अच्छा आईडिया है। कोशिश करें कि हर रोज घर से बाहर निकलें और 15 से 20 मिनट के लिए दोस्तों से मिलने जरूर जाएं। यह काफी रैफ्रेसिंग होता है और आपके माइंड को तरोताजा रहने में मदद करता है। वहीं एक एजुकेटेड बेबी सीटर हायर करना कहीं से भी गलत नहीं है।
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यदि आप सिंगल मदर हैं, तो इस दौरान आपके शुभचिंतक और आसपास के लोग तरह-तरह के सुझाव दे सकते हैं। परंतु हमेशा अपने डिसीजन और अपनी ओपिनियन को पक्का रखें, क्योंकि आपके और आपके बच्चे के लिए क्या बेहतर है इसे आप से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता। समाज में आज भी एक सिंगल मदर को कमजोर और लाचार माना जाता है, इसलिए दूसरों के कहने से अपने निर्णय में किसी तरह का बदलाव न लाएं।
अक्सर जिन बच्चों के पास केवल एक पेरेंट्स होते हैं, ऐसे में जब बच्चे बड़े होते जाते हैं, तो जितना वे खुद के लिए नहीं उससे कहीं अधिक वे अपने पैरंट के लिए परेशान होने लगते हैं। इसलिए हमेशा बच्चों के साथ खुशनुमा माहौल बनाए रखने का प्रयास करें।
फन एक्टिविटी में भाग लें और अपने बच्चे के साथ खुलकर बातचीत करें। ऐसा करने से आप दोनों सकारात्मकता की ओर अधिक आकर्षित होंगे। साथ ही आपको अपने बच्चे को खुश देखकर अधिक मोटिवेशन मिलेगा।
सिंगल मदर होते हुए किसी को डेट करना और नए प्यार की तलाश करने में किसी प्रकार की कोई भी बुराई नहीं है। यदि आप नई शुरुआत के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं तो बिल्कुल आगे की ओर बढ़ते हुए नए प्यार की तलाश शुरू कर सकती हैं।
भविष्य में असुविधाओं से बचने के लिए किसी को डेट करने से पहले शुरुआत में ही अपने बच्चे और अपनी प्राथमिकताओं के बारे में उस व्यक्ति को सभी चीजें क्लियर कर दें। साथ ही उन्हें बताएं कि वह केवल आपसे नहीं बल्कि आपके बच्चे से भी जुड़ने वाले हैं।
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