विवाहित जीवन, अच्छा घर परिवार, बच्चे – यकीनन यह सब किसी अच्छे सपने की तरह लगता है। मगर ज़रूरी नहीं हैं कि लाइफ में सब कुछ परफेक्ट हो। यदि आप एक ऐसी शादी में हैं, जो अनहेल्दी (Unhealthy) है या टॉक्सिक (Toxic) है, तो इससे छुटकारा पाना ही बेहतर है। मगर यह निर्णय लेना बहुत मुश्किल हो सकता है यदि आप दोनों के बीच बच्चे भी हैं। सिर्फ एक निर्णय अपके और आपके बच्चे के आने वाले जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है।
वाकई रिश्ते से अलग होने का निर्णय बहुत कठिन है। हर मां अपने बच्चे को एक अच्छा जीवन देना चाहती है। परंतु, कभी – कभी परिस्थितियां आपके हाथ में नहीं होती। और तब अलग होना ही एकमात्र रास्ता होता है।
तो अपने बच्चों की खातिर यह निर्णय लेने से पीछे न हटें क्योंकि, माता-पिता के आपसी संबंध यदि हेल्दी न हों, तो बच्चों पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। लगभग 13% बच्चे एंग्जायटी (Anxiety) का शिकार होते हैं, यदि उनके आसपास का वातावरण अनहेल्दी हो।
यकीनन अपनी परिस्थिति के बारे में आप ही बेहतर तरीके से समझ सकती हैं। पर यहां कुछ ऐसे टिप्स हैं, जो एक बच्चों के साथ एक टॉक्सिक मैरिज से निकलने में आपकी मदद करेंगे। ताकि आप अपने बच्चे को एक बेहतर और स्वस्थ माहौल दे पाएं।
विवाह से अलग होने का निर्णय आसान नहीं है! न आपके लिए और न ही आपके बच्चे के लिए। ऐसे में आपका मजबूत रहना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि अगर आप कमजोर पड़ीं, तो बच्चे के लिए खुद को संभालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए खुद को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक (Financial) रूप से मजबूत बनाएं।
सबसे पहले अपने बच्चों से बात करें कि उन्हें आपके संबंधों के बारे में क्या जानकारी है। यदि आपका बच्चा बड़ा है, तो यह थोड़ा आसान हो सकता है। मगर, यदि आपका बच्चा छोटा है, तो उसे यह बताना ज़रूरी है कि उसके माता – पिता अब साथ नहीं रहेंगे। इसमें आपको ज़्यादा डिटेल्स देने की ज़रूरत नहीं है, बस उन्हें उनकी भाषा में समझाने की कोशिश करें।
भले ही आपके संबंध कैसे भी हों, लेकिन माता – पिता अपने बच्चों से कभी नाराज़ नहीं हो सकते हैं। इसलिए यदि आप तलाक (Divorce) ले रही हों, तो उन्हें समझाएं कि आप दोनों का प्यार उनके लिए कभी कम नहीं होगा। परिस्थितियां भले ही बदल जाएं, लेकिन माता-पिता का साया उन पर हमेशा रहेगा और तलाक का उनसे कोई लेना देना नहीं होना चाहिए।
जब आप उन्हें यह बताएंगी, तो यकीनन उनके मन में कई सवाल पैदा होंगे। ऐसे में उनकी बातों को सुनें और वे क्या सोच रहे हैं उसे समझने की कोशिश करें। उनके सवालों को टालें नहीं और खुले दिमाग से उनका जवाब दें। जीवन के इस नए चरण में उनका आत्मविश्वास (Confidence) बढ़ाने में मदद करें। उन्हें यह जानने में मदद करें कि आप हमेशा उनके लिए रहेंगी, चाहे कुछ भी हो।
जीवन में आने वाले नए उतार-चढ़ाव के बीच उन पर ध्यान देना ज़रूरी है। जब आप पहली बार अलग रहना शुरू करेंगे, तो बच्चों के लिए यह एक मुश्किल बदलाव होगा। इसलिए इस समय को जितना हो सके उतना स्पेशल और सकारात्मक (Positive) बनाने की कोशिश करें। सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चों के साथ ढेर सारा क्वालिटी टाइम (Quality Time) बिताएं।
अभी तक आपका बच्चा माता – पिता दोनों के साथ में पल रहा था, मगर अब आपको उनका ख्याल अकेले रखना होगा। इसके लिए होमवर्क करें यदि आपकी कोई फ्रेंड सिंगल मदर हो तो उनसे भी बात कर सकती हैं। उन्हें बचपन से सेविंग करना सिखाएं। उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करना सिखाएं गुड टच और बैड टच के बारे में बताएं।
आपको ज़रूरत है सबसे पहले अपने बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने की, क्योंकि अब आप एक सिंगल मदर हैं। इसलिए, उसे डराएं नहीं, मगर जीवन और समाज के प्रति जागरुक करें। इसकी शुरुआत आप उनके छोटे – छोटे कामों से कर सकती हैं। जैसे अपनी अलमारी साफ करना, घर में जूते चप्पलों को सही जगह रखना, स्वयं भोजन करना आदि।
उन्हें यह भी बताएं कि आप औरों से अलग नहीं हैं और एक बहादुर बच्चे हैं तथा उनके हर फैसले के लिए उनकी प्रशंसा करना न भूलें। इन सभी से उनके अंदर आत्मनिर्भरता का भाव पैदा होगा।
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