महिलाएं अक्सर खुद के स्ट्रेस, तनाव या इच्छाओं की परवाह किए बगैर दूसरों की भलाई, उनकी भावनाओं के बारे में सोचती हैं। वे आलोचना सहते हुए सारी जिम्मेदारी निभाती रहती हैं। अब जब नए साल के लिए नए रिजॉल्यूशन लेने का समय है, तो क्यों न खुद को सेलिब्रेट करने के बारे में सोचें। अपनी भावनाओं और इच्छाओं को मान दें। अपने से मीठी और पॉजीटिव बातें करें। दूसरों के साथ-साथ खुद को भी प्यार (tips for Self Love) करें।
गौतम बुद्ध ने कहा है कि पूरी कायनात में सिर्फ एक आप ही हैं, जिन्हें खुद का प्यार एवं स्नेह चाहिए होता है। हमें अपने ऊपर ही भरोसा नहीं होता है। भावनाओं को सही तरीके से एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं। दूसरों के दुख, दर्द एवं डर को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेते हैं।
खुद पर इतनी सख्ती बरतने लगते हैं कि छोटे-मोटे पलों को जीना भी भूल जाते हैं। लाइफ कोच की मानें, तो जब तक हम स्वयं से खुश एवं संतुष्ट नहीं होंगे, तब तक लाइफ का असली मजा नहीं मिल सकता है। खुलकर जीने के लिए फॉलो करें इन रूल्स को और देखें खुद से प्यार करने का क्या होता है असर।
अक्सर महिलाएं खुद को दूसरों से कमतर समझती हैं। उन्हें खुद ही मालूम नहीं होता है कि वे क्या कर सकती हैं या उनके अंदर कौन-सी खास क्वालिटी है। वे दुविधा में रहती हैं और अपने मन का करने से डरती हैं। संकोच न करें और न ही दूसरों से खुद की तुलना करें। ये भी न सोचें कि दूसरे क्या कहेंगे या सोचेंगे। आप हर किसी को खुश नहीं कर सकती हैं। अपने अंदर छिपे हुनर (tips for Self Love) को पहचानें। उसे तराशें। खुद पर भरोसा करना सीखें।
आमतौर पर महिलाएं सुबह के समय काफी बिजी होती हैं। फिर चाहे वह हाउस वाइफ हों या वर्किंग वूमन। परिवार के सदस्यों के लिए समय पर ब्रेकफास्ट और लंच बनाना, तो उन्हें याद रहता है। लेकिन खुद का नाश्ता काफी जल्दबाजी में करती हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो स्ट्रेस या दूसरे मेंटल प्रॉब्लम्स की वजह से जरूरत से ज्यादा खाने लगती हैं। जिसे बिंज ईटिंग (Binge Eating) भी कहते हैं।
आपको अपने शरीर का ध्यान खुद ही रखना है। शरीर स्वस्थ होगा, तो मन भी हरा-भरा रहेगा। मैकगिल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता बताते हैं कि इमोशनल ईटिंग, बिंग ईटिंग या बेचैनी में खाना खाने से परहेज करना चाहिए। कोशिश करें कि हमेशा बैठकर खाएं। खाने को पॉजिटिव वाइब्रेशन देकर, उसके टेस्ट को एंजॉय करें।
गलतियां किससे नहीं होती हैं। गलतियों से सबक लेकर ही लोग आगे बढ़ते हैं। दूसरों की गलतियों को माफ करने से मन को सुकून भी मिलता है। लेकिन कई बार अपनी गलती को लेकर पछतावा खत्म नहीं होता है। सालों तक पश्चाताप करते रहते हैं और अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। अगर ऐसा है, तो संभल जाएं।
अपनी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। जो कुछ हुआ हो, उसके लिए खुद को जिम्मेदार ठहराना बंद करें। स्वयं के प्रति करुणा का भाव रखें। एक्सपीरियंस से सीखें और खुद को क्षमा करने की आदत डालें। इससे आप डिप्रेशन, स्ट्रेस जैसी समस्याओं से दो-चार नहीं होंगे। आपकी अपनी इमेज पॉजिटिव बनेगी।
गॉसिपिंग एक ऐसी बीमारी हो, जो इंसान के साथ-साथ आसपास के वातावरण को भी निगेटिव कर देती है। आप किसी की आदत को नहीं बदल सकती हैं और न ही उसकी सोच को, जब तक कि अमुक व्यक्ति खुद बदलने का प्रयास न करें। इसलिए अगर किसी की निगेटिव बातें और विचार आपकी लाइफ को प्रभावित कर रही है, सही निर्णय लेने से रोक रही है, तो प्रतिक्रिया देने की बजाय उस शख्स से दूरी बना (tips for Self Love) लेना ही बेहतर होगा।
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