इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में सभी को एक दूसरे से आगे निकलने की जल्दी होती है। हर व्यक्ति दूसरों की भावनाओं की परवाह किए बगैर आगे की ओर निकलता जा रहा है। ऐसे में शारीरिक स्वास्थ्य कितना जरूरी है यह तो हम सभी जानते हैं परंतु भावनात्मक रूप से खुद को मजबूत रखना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि भावनात्मक स्वास्थ्य (emotional health) न केवल मानसिक स्वास्थ्य (mental health) को बल्कि शारीरिक रूप (physical health) से भी आपके लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है। हालांकि, कहीं न कहीं तनाव (stress) सभी के जिंदगी में है। परंतु तनाव का बढ़ता स्तर कई बार लोगों पर हावी हो जाता है और लोग भावनात्मक थकान और इमोशनली एग्जॉशन (emotional exhaustion) का शिकार हो जाते हैं।
इस समस्या पर समय रहते ध्यान देना बहुत जरूरी है, अन्यथा धीरे-धीरे यह बढ़ती जाती है और इससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हेल्थ शॉट्स ने दिल्ली की मनोवैज्ञानिक डॉक्टर भावना बर्मी से बातचीत की। उन्होंने इससे बाहर आने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताए हैं, तो चलिए जानते हैं, आखिर कौन से लक्षण बताते हैं कि हम इमोशनली एग्जास्टेड (emotional exhaustion) हैं। साथ ही जानेंगे इससे बाहर निकलने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय (how to overcome emotional exhaustion)।
इमोशनल एग्जॉशन यानी कि भावनात्मक थकान की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब हम व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यवसायिक रूप से भावनात्मक तौर पर काफी तनाव में चले जाते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति भावनात्मक रूप से अपने ऊपर नियंत्रण नहीं रख पाता। इस स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य के प्रभावित होने का खतरा बना रहता है। कई बार यह गंभीर समस्याओं में तब्दील हो जाता है, जिसके कारण शरीर को लंबे समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
किसी कार्य पर ध्यान केंद्रित न रख पाना।
जरूरत से ज्यादा तनाव में रहना।
खुद का ख्याल न रखना।
छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन महसूस होना।
हर वक्त थकान महसूस होना।
छोटी-छोटी बातें भूल जाना
काम करने की अनिच्छा और मोटिवेश की कमी।अकेलापन और दूसरों के साथ समय बिताने से बचना।
बहुत कम या बहुत ज्यादा खाना।
असमय सोना और उठना। किसी तरह की भावना महसूस न कर पाना।
आत्मसम्मान में कमी महसूस करना।
घबराहट महसूस होते रहना।
डिप्रेशन एंग्जाइटी की स्थिति।
किसी भी वक्त सिर दर्द शुरू हो जाना।
यदि आप भावनात्मक रूप से थक चुकी हैं और किसी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं रख पा रही हैं। तो सबसे जरूरी है पर्याप्त नींद लेना। क्योंकि इस दौरान नींद की कमी आपके मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। इसलिए चाहे आपको नींद आए या न आए समय पर अपने बिस्तर पर जाकर लेट जाएं, अपनी आंखें बंद करें और आराम से सोने की कोशिश करें। सोने का एक उचित समय तय करें और उसे नियमित रूप से फॉलो करें। ऐसा करने से आपकी नींद की गुणवंता बेहतर होगी। सोने के 5 से 6 घंटे पहले से कैफीन के सेवन से परहेज रखें।
मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान होने पर शराब और स्मोकिंग से पूरी तरह से परहेज रखने की कोशिश करें। हालांकि, आमतौर पर लोग ऐसी परिस्थिति में इन चीजों का सेवन बढ़ा देते हैं परंतु यह स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकता है। हो सकता है कुछ देर आपको इससे अच्छा महसूस हो परंतु जैसे ही इसका प्रभाव कम होता है वैसे ही यह आपको अधिक एनसीएस और डिप्रेस्ड बना देता है। साथ ही आपकी नींद को भी प्रभावित करता है।
एक्सरसाइज या फिर अन्य किसी भी शारीरिक गतिविधि में भाग लेने से एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है। यह दोनों हैप्पी हॉर्मोन होते हैं। शरीर में इनका बढ़ता स्तर आपके मूड को बेहतर करता है। ऐसे में आपकी भावनात्मक स्थिति में भी सुधार देखने को मिल सकता है। यदि आप भी भावनात्मक रूप से थकान महसूस कर रही हैं, तो नियमित रूप से 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज जरूर करें। यदि आप चाहें तो अपने मनपसंदीदा खेल या फिर अन्य शारीरिक गतिविधियों में भी भाग ले सकती हैं।
यह भी पढ़ें : काले चने उबालने के बाद बच गया है पानी? तो जानिए आप इसे इस्तेमाल करने के 5 हेल्दी तरीके
अक्सर मानसिक और भावनात्मक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति को माइंडफूलनेस टेक्निक बताए जाते हैं। हालांकि, यह आपकी भावनाओं के बीच में संतुलन बनाये रखता है और एंग्जाइटी, डिप्रेशन, इत्यादि जैसी समस्याओं में काफी कारगर होता है। माइंडफूलनेस टेक्निक में शामिल है मेडिटेशन, योगा, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, खुले वातावरण में टहलना, इसके साथ ही अपनी भावनाओं को कलम की मदद से पेपर पर उतार सकती हैं।
चाहे आप किसी भी वजह से इमोशनली एग्जॉस्ट हों, उससे एक छोटा सा ब्रेक लेना आपके लिए उचित रहेगा। यदि आप अपने काम से परेशान हैं, तो 4 से 5 दिन की छुट्टी लेकर कहीं बाहर घूमने जा सकती है। यदि आप अपने रिश्ते से परेशान हैं तो कुछ दिन एक दूसरे को टाइम दे और थोड़ा डिस्टेंस मेंटेन करें ताकि आप दोनों को एक दूसरे की वैल्यू का पता लग सके। इसी प्रकार आप जिस किसी चीज से भी तंग आ चुकी हैं, उससे कुछ दिन के लिए दूरी बना लें ऐसा करने से आपको उसकी अहमियत का अंदाजा होगा और आप उसे दोबारा से और बेहतर तरीके से शुरू कर पाएंगी।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंयह भी पढ़ें : World Idli Day : वेट लॉस ही नहीं, आपकी गट और हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है इडली, जानिए इसकी रेसिपी