ये 4 संकेत बताते हैं कि आपकी परवरिश का तरीका बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को कर रहा है प्रभावित, जानिए हेल्दी पेंरेंटिंग टिप्स

बच्चे के साथ उसके माता-पिता भी बड़े होते हैं। यह जरूरी नहीं है कि बच्चे के पैदा होते ही आप पेरेंटिंग के सभी तरीके सीख जाएं। बल्कि कई बार पेरेंट्स को पता ही नहीं होता कि उनकी वजह से बच्चे की पर्सनेलिटी और मेंटल हेल्थ पर असर पड़ रहा है।
apke parenting ka tarika galat hai
कई बार बच्चे का बहुत ज्यादा ख्याल रखना भी परेशानी का कारण बन सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 27 Jun 2023, 19:05 pm IST
  • 145

कई बार आपने देखा होगा कि कुछ बच्चे बहुत ज्यादा चिड़चिड़े, उदास या गुस्से में दिखते हैं। यह जानना बहुत जरूरी है कि इसके पीछे क्या कारण है। हर माता-पिता की कोशिश होती है कि वे अपने बच्चे को अच्छी से अच्छी परवरिश दें, उन्हे अच्छी शिक्षा और अच्छा बरताव करना सिखाएं। लेकिन कई बार बच्चे का बहुत ज्यादा ख्याल रखना भी परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए बच्चे की सही परवरिश के लिए उन नकारात्मक चीजों (signs of toxic parenting) को पहचानना जरूरी है जो बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं।

इस बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से। डाॅ. श्रीवास्तव बताते हैं कि बच्चे का पालन-पोषण उसके मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ पूरे स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। पालन-पोषण में बहुत ज्यादा चीजों को करने का दबाव डालना बच्चे को भवानात्मक रूप से प्रभावित करता है। बच्चे की तुलना करना, कमतर आंकना ऐसी हरकतें हैं जो बच्चे के आत्मविश्वास को कमजोर करती हैं।

यहां वे संकेत दिए गए हैं, जो बच्चे के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं

1 भावनात्मक संकट

डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि यदि आपका बच्चा बार-बार चिंता, अवसाद, क्रोध या अत्यधिक मूड परिवर्तन के लक्षण का सामना कर रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी पालन-पोषण शैली उसके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है।

parenting tips ke fayde
बच्चे को ना कहने की बजाय उसे समझदारी पूर्वक हां कहने की आदत डालें। चित्र: शटरस्टॉक

2 आत्मसम्मान की कमी

अगर बच्चा लगातार आत्मसम्मान की कमी महसूस करता है, सेल्फ एस्टीम बनाए रखने में उसे मुश्किल होती है, या बार-बार किसी काम के लिए पूछना चाहता है, तो यह नकारात्मक या अत्यधिक आलोचनात्मक पालन-पोषण का परिणाम हो सकता है।

3 किसी भी चीज में भाग न लेना

यदि आपका बच्चा अक्सर सामाजिक गतिविधियों से दूर हो जाता है, खुद को अलग कर लेता है, या दूसरों के साथ बातचीत करने से बचता है, तो यह उनके पालन-पोषण के माहौल के कारण होने वाले भावनात्मक संकट का संकेत हो सकता है।

4 एक्सीलेंस के दबाव में रहना

डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव बताते है कि बच्चा हर चीज में पर्फेक्ट होने की कोशिश कर रहा है, लगातार विफलता से डरता है, या उच्च उम्मीदों को रखता है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह अपनी पालन-पोषण शैली से अत्यधिक दबाव का अनुभव कर रहा है।

डॉ आशुतोष यहां कुछ टिप्स दे रहे हैं, जो हेल्दी पेंरेंटिंग में मददगार हो सकते हैं

1 घर का माहौल आसान बनाएं

घर पर बच्चे के साथ एक साकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश करें। घर में प्यार, समझ और स्वीकृति का माहौल बनाएं। सहानुभूति दिखाएं और सक्रिय रूप से अपने बच्चे की भावनाओं और चिंताओं को सुनें।

Parenting mistakes
बच्चे के अच्छे दोस्त बनें और उससे जुड़ी हर समस्या को गंभीरता से लें। चित्र: शटरस्टॉक

2 खुल कर बातचीत करें

अपने बच्चे के लिए जजमेंट या दंड के डर के बिना खुद को अभिव्यक्त करने के लिए एक सुरक्षित स्थान स्थापित करें। उनके विचारों, चिंताओं और अनुभवों को समझने के लिए नियमित बातचीत करें और उनकी बातों को समझने की कोशिश करें।

3 पूरी होने लायक अपेक्षा रखें

अवास्तविक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने बच्चे पर अत्यधिक दबाव डालने से बचें। उनकी व्यक्तिगत क्षमताओं और सीमाओं का सम्मान करते हुए उनके हितों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। बहुत ज्यादा कुछ भी करने की अपेक्षा बच्चों से न करें।

4 किसी भी परिस्थिति से मुकाबला करना सिखाएं

अपने बच्चे को तनाव से निपटने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने में मदद करें, जैसे गहरी सांस लेना, माइंड के व्यायाम, या उन गतिविधियों में संलग्न होना जो उन्हें पसंद हैं। उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और जरूरत पड़ने पर मदद मांगने के लिए प्रोत्साहित करें।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

ये भी पढ़े- तनाव में बढ़ सकती है एक्ने ब्रेकआउट की समस्या, बढ़ने से रोकने के लिए ट्राई करें ये 7 प्रभावी नेचुरल टिप्स

  • 145
लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख