हमेशा खुद को बेस्ट समझना हो सकता है खराब एटिट्यूड का संकेत, इससे उबरना है जरूरी

Parent child dispute kaise handle karein
जानते हैं बच्चों के साथ होने वाले डिस्प्यूटस को कैसे हैंडल करें। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 20 Feb 2023, 08:00 pm IST
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सुबह से ही अगर कोई व्यक्ति हर छोटी छोटी बात को लेकर झुझलाहट से भर जाए, किसी की बात सुनने को तैयार न हो, अपनी मर्जी से हर काम करना जिसे पसंद है, जो दूसरों को मूर्ख और खुद को स्मार्ट समझे। ऐसे लोग समाज में न सम्मान हासिल कर पाते हैं और न ही दूसरों का प्यार। अंहकार और जलन से भरे ऐसे लोग नकारात्कता के शिकार हो जाते हैं। जो हर वक्त दूसरों में कमियों की तलाश करते हैं। मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट और प्रोफेशनल्स इसे खराब व्यक्तित्व के संकेत बताते हैं। जिन पर काम करना जरूरी है। अगर आप भी अपने आप में बैड एटीट्यूड महसूस कर रहीं हैं, तो जानिए आप इससे कैसे उबर (how to overcome bad attitude) सकती हैं।
जानिए क्यों आपकी मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदेह है खराब एटीट्यूड

खुद को बेहतर समझने वाले लोग अक्सर सामज में अकेले रहे जाते हैं। उनका रवैया हर किसी के लिए सहनीय नहीं हो पाता हैं। दूसरों की तुलना में अपने आप को बेहतर मानने वाले ये लोग स्वभाव से जिद्दी और सेल्फिश होते हैं। ये साइन्स बताते हैं कि आपका व्यवहार औरों के प्रति उचित नहीं है। इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्दवानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि बैड एटीट्यूड आपको न केवल अकेलेपन की ओर धकेलता है, बल्कि आपकी प्रोडक्टिविटी और सकारात्मकता को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए जरूरी है कि आप इसे संबोधित करें और इससे उबरने का प्रयास करें।

एक्सपर्ट बता रहे हैं बैड एटीट्यूड के संकेत और उससे उबरने के उपाय

Bad behaviour se kaise rahein dur
आइए जानते हैं उन साइंस के बारे में जो बताते हैं कि आपकी व्यवहार गलत है। चित्र अडोबी स्टॉक

1 अपनी तुलना दूसरों से करना

इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्दवानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि
बहुत से लोग आपको ऐसे मिलेंगे जिनका ध्यान अपने से ज्यादा दूसरों पर रहता है। दूसरों के कपड़ों से लेकर उनकी सफलताएं तक उन्हें बर्दाश्त नहीं हो पाती है। वे अपनी तुलना हर वक्त अन्य लोगों के स्टेटस, बैंक बेलेंस और उनके रहन सहन से करते हैं। इससे उनके अंदर नकारात्मका का विकास होने लगता है। जो उनके मन पर महरा प्रभाव डालता है। वे अपने जीवन में संतुष्ट महसूस नहीं करते हैं।

क्या करें

सेटिसफाइड इंसान दूसरों की खुशी में अपनी खुशी को खोजता है। सेटिसफैक्शन इंसान के जीवन को सरल और बेहतर बनाने का काम करती है। खुद को ऐसा बनाएं, ताकि आप अन्य लोगों तरक्की और खुशियों से कुछ सीख सकें और उनमें शामिल भी हो पाएं।

2 सबसे उलझते रहना

हर वक्त दूसरों को गलत और खुद को सही साबित करना ऐसे लोगों की आदत में शुमार होता है। ऐसे लोग छोटी छोटी बातों से आहत हो जाते है। वे बिना सोच समझे दूसरों से उलझने में वक्त नहीं लगाते है। उनकी नज़र में उनकी कही बात हर किसी को माननी चाहिए। वे हमेशा दूसरों के अंदर खामियों को खोजते रहते हैं। कई बार अधिक प्रशंसा और बार बार मिलने वाली सराहना भी उनके इस व्यवहार का कारण भी बन सकती है।

क्या करें

ऐसे में इन लोगों को ये समझना ज़रूरी है कि हमारी खुशी के लिए हम खुद जिम्मेदार हैं। अगर आप हर किसी से बेवजह उलझेंगे या उन्हें टॉनटिंग वे में प्वाइंट आउट करेंगे, तो सोसायटी में आपकी इमेज धुंधली होती चली जाएगी। इस बारे में डॉ युवराज पंत बताते हैं कि सबसे पहले अपनों के नज़दीक आएं और उन्हें उनके अच्छे और बुरे हर तरह के बिहेवियर समेत एक्सैप्ट करें। इस बात को हमें स्वीकार करना होगा कि हर व्यक्ति में कमियां और अच्छाइयां दोनों की मौजूद होती हैं।

3 दूसरों की बातों का गलत मतलब निकालना

ऐसे बर्ताव वाले लोग हमेशा दूसरों की बातों का डबल मिनिंग निकालते है। दरअसल, अपने नेचर के हिसाब से हर बात का निगेटिव आसपेक्ट देखने लगते हैं। जो उनकी इमेज को दूसरों की नज़र में खराब करता है। उनका अधिकतर समय दूसरों को आंकने में निकल जाता है। उनकी नज़र में हर दूसरा व्यक्ति गलत या मतलबी होता है। हर बात को दिल पर लगाना और उसके लिए दूसरों को गलत साबित करना ऐसे लोगां की फितरत होती है।

क्या करें

इन लोगों को खुद पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है। अगर किसी की बात आपको गलत लगी भी है, तो उसी वक्त उस विषय पर खुलकर बात करें, ताकि आप किसी डाउट में न रहें। डॉ युवराज पंत का कहना है कि
दूसरों को समझना शुरू करें और लोगों से मेलजोल बढ़ाए। इससे आप अन्य लोगों के करीब जा पाएंगे और उनकी मेंटेलिटी समझ पाएंगे।

irritating behaviour apke rishte ko prabhavit kar sakta hai
इरिटेटिंग बिहेवियर आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

4 मैं दूसरों से बेहतर हूं

ये बात ऐसे लोगों के ज़हन में घर कर जाती है कि वे औरों से बेहतर है और अलग हैं। उनमें ज्यादा टेंलेट है और वो हर काम को बखूबी अंजाम दे सकते हैं। यही सोच उन्हें एरोगेंस का शिकार बना देती है। वो अंदर ही अंदर इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं होते कि दूसरे लोग उनसे बेहतर हैं। दूसरे शब्दों में वो दूसरे से जैलेसी की भावना रखते हैं।

क्या करें

दूसरों की तरीफ करना शुरू करें। इसके अलावा चेहरे पर मुस्कुराहट बनाए रखें और दोस्तों के साथ आउटिंग पर जाएं।

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5 सभी मेरे मुताबिक चलें

इन लोगों का एटीटएूट बेहद कंट्रोलिंग होता है। वे चाहते हैं कि दूसरे लोग हमेशा इनके आस पास रहें और इनके मुताबिक सभी काम करे। ऐसे लोग दूसरों को दबाकर रखने में बिलीव करते हैं।

क्या करें

आपको हर काम पेंशेंस से करना चाहिए। दूसरों को दबाने की बजाय उन्हें सम्मान दें और उन्हें अपने फैसलों में शामिल करें। अगर आप दूसरों को रिस्पेक्ट नहीं देते हैं, तो समाज में आपकी छवि धीरे धीरे खाराब होने लगेगी।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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