किसी से प्यार करना सकारात्मक और जीवन बदलने वाले हो सकते हैं, लेकिन वे दर्दनाक भी हो सकते हैं यदि कोई पार्टनर अपनी व्यक्तिगत असुरक्षाओं से निपटने में सक्षम नहीं है और अपने साथीको अपनी अनुचित आलोचना, बुरे स्वभाव और प्रतिबंधात्मक व्यवहार का शिकार बनाता है। कई बार व्यक्ति अपने आप को लेकर अत्मविश्वास महसूस नही कर पाता है जिसके कारण भी वो अपने पार्टनर पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने की कोशिश करता है जिससे वह खुद को आत्मविश्वासी महसूस करा पाता है।
मनुष्य होने के नाते हम सभी में खामियां मौजूद होती है और ये कोई अपराध भी नहीं है। लेकिन ये तब खराब होता है जब आपकी आपकी खामियां आपके उपर हावी होने लगती है जिसके कारण आपकी सोच और व्यवहार दोनों में अंतर आने लगता है। ये बर्ताव आपके रिश्ते को खराब करने लगता है। यदि आप इस चीज को अनियंत्रित छोड़ देंगे तो ये आपके रिश्ते को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। चलिए आज आपको बताते है कि रिलेशनशिप में असुरक्षित होने के क्या संकेत है।
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से, डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से बताते है कि किसी रिश्ते में असुरक्षा विभिन्न तरीकों से प्रकट हो सकती है, और इन संकेतों को पहचानना आवश्यक है ताकि आप अपने साथी के साथ अपनी भावनाओं को बता सके और उन पर काम कर सकें।
यदि आप अपने पार्टनर से उनकी प्रतिबद्धता या प्यार को लेकर बार बार अश्वश्त होना चाहत है तो ये रिश्ते में असुरक्षा का एक संकेत हो सकता है। इसमें बार बार ये पूछना शामिल होता है कि क्या आप अब भी उनसे प्यार करते है या वे आपको आकर्षक लगते है या नहीं।
कई बार एक पार्टनर हद से ज्यादा पोजेसिव होने की कोशिश करता है जिसे वो केयर समझते है। आपके रिश्ते में अत्यधिक ईर्ष्या या पजेसिवनेस की भावना रिश्ते में असुरक्षा का संकेत दे सकती है। इसमें बिना किसी बात के संदेह करना, अपने साथी की गतिविधियों पर नज़र रखना, या दूसरों के साथ उनकी बातचीत से खतरा महसूस करना शामिल हो सकता है।
यदि आप ये महसूस कर रहे है कि आपका पार्टनर आपको किसी अन्य व्यक्ति से साथ बात करने से रोक रहा है या उनसे बात करने पर वे आपसे गुस्सा हो जा रहा है तो ये एक असुरक्षा का संकेत हो सकता है। आपके साथी द्वारा आपको छोड़ देने या किसी बेहतर व्यक्ति को पाने का प्रबल डर असुरक्षा का एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। ऐसे में आपका पार्टनर आपको रोकने के लिए आपके कार्यों को नियंत्रित करने का प्रयास करने लगता है।
कम आत्मसम्मान भी कई बार एक रिश्ते में असुरक्षा पैदा करने का कारण बन सकता है। यदि आपके पार्टनर में कम आत्मसम्मान है या उनका कॉन्फिडेंट लो है तो वे आपको लेकर संदेह करते रहते है। उन्हे हर समय यही लगता रहता है कि आप उनके लिए सही नही है।
कई बार आप बोलते कुछ है लेकिन आपका साथी उसकका गलत अर्थ ही निकालता है क्योंकि उनके दिमाग हर समय एक असुरक्षा का भाव ही होता है। अपने साथी के शब्दों और कार्यों का लगातार विश्लेषण करना,हर बात का एक ऐसा अर्थ निकालने की कोशिश करना जिसका कोई मतलब ही न हो, असुरक्षा का संकेत हो सकता है। ज़्यादा सोचने से गलतफहमियां और अनावश्यक झगड़े हो सकते हैं।
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