माइग्रेन का दर्द अगर बार-बार परेशान कर रहा है, तो आयुर्वेद हो सकता है आपका मददगार

छोटा सा तनाव या भावनाओं को व्यक्त न कर पाने की स्थिति कब सिर में विस्फोटक दर्द पैदा कर दे, कहा नहीं जा सकता। पर आयुर्वेद में आपके लिए कुछ सुझाव हैं।
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माइग्रेन का कारण हो सकता है देर तक सोना। चित्र : शटरस्टॉक

माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द है, जिसमें घबराहट, उल्टी और हल्की संवेदनशीलता होती है। यह एक ऐसी स्थिति है जो लगभग 4 घंटे से लेकर 3 – 4 दिनों तक चल सकती है। माइग्रेन रिसर्च फाउंडेशन के अनुसार, यह रोग 1 अरब लोगों को प्रभावित करता है। विश्व स्तर पर यह दुनिया में तीसरी सबसे अधिक प्रचलित बीमारी है। इसके शिकार ज्यादातर 18-44 आयु वर्ग के लोग हैं।

अक्सर माइग्रेन का दर्द असहनीय होता है, इसलिए लोग पेन किलर्स का सहारा लेते हैं। जबकि यह समस्या का इलाज नहीं है। जिन लोगों को माइग्रेन होता है, वे अक्सर इसके संकेतों और ट्रिगर्स की पहचान करने में सक्षम होते हैं।

अधिकांश माइग्रेन पीड़ितों को ये हमले महीने में एक या दो बार होते हैं। जबकि 4 मिलियन से अधिक लोगों को दैनिक माइग्रेन होता है। ऐसा माना जाता है कि आयुर्वेद में हर समस्या का इलाज है! मगर क्या माइग्रेन के साथ भी ऐसा है?

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सिर दर्द से तुरंत राहत के लिए आप ये उपाय अपना सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक

जानिए माइग्रेन के बारे में क्या कहता है आयुर्वेद

सिर में माइग्रेन का दर्द पित्त-वात असंतुलन या अमा (विषाक्त पदार्थों) के संचय के कारण होता है। इसके दर्द या लक्षणों को दबाने से केवल अल्पकालिक राहत मिलती है और दवाओं पर निर्भरता पैदा होती है। प्रत्येक व्यक्ति में माइग्रेन का कारण अलग होता है। इसलिए निदान के लिए विस्तृत केस हिस्ट्री और रोगी से जुड़ी चर्चा की आवश्यकता होती है।

उपचार शुरू करने से पहले हमेशा एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। आहार और जीवन शैली में जरूरी बदलाव के माध्यम से दोषों का संतुलन रोगी की प्रकृति के अनुसार किया जाना चाहिए। माइग्रेन के आयुर्वेदिक उपचार में शामिल है –

बॉडी को डिटॉक्स करना
हर्बल उपचार
आहार और जीवन शैली में परिवर्तन
विश्राम करने की विभिन्न तकनीकें

माइग्रेन के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट

पंचकर्म चिकित्सा

पंचकर्म चिकित्सा शरीर को विषहरण या शुद्ध करने के लिए है। यह आपके माइग्रेन में योगदान करने वाले विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए जाना जाता है।

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ऑयल मसाज हमारी माइग्रेन के लिए लाभदायक है। चित्र : शटरस्टॉक

शुद्धिकरण में शामिल हैं:

नाक में औषधीय तेल डालना (नस्य कर्म)
पूरे शरीर की तेल मालिश
औषधीय घी खाना

पंचकर्म चिकित्सा में समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जीवनशैली में बदलाव भी शामिल हो सकते हैं।

योगाभ्यास

योग एक प्राचीन अभ्यास है जो आपके मन और शरीर में समन्वय स्थापित करता है। इसमें विभिन्न श्वास तकनीकों को शामिल किया गया है और विश्राम को बढ़ावा देने के लिए कुछ मुद्राएं भी हैं। आपके मन और शरीर को शांत करके, योग तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है और माइग्रेन के दर्द को भी कम कर सकता है।

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2014 के एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग अपने नियमित माइग्रेन के उपचार के बाद योग का अभ्यास करते हैं, उनमें माइग्रेन की गंभीरता कम हो जाती है।

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सर्दियों में होने वाली समस्याओं को योगा कर सकता है दूर। चित्र : शटरस्टॉक

माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए कुछ आयुवेदिक सुझाव

दोपहर की धूप और ठंडी हवाओं के संपर्क में आने से बचें

8 घंटे की नींद के साथ नियमित स्लीप साइकल का पालन करें

रोजाना सुबह-शाम 40-60 मिनट की सैर का समय निर्धारित करें

पुराने तनाव से निपटने के लिए विश्राम तकनीकों का पालन करें

प्राकृतिक आग्रह जैसे छींकने या पेशाब करने को दबाएं नहीं

आंसुओं को न दबाएं

शराब और धूम्रपान से बचें

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प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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