किसी भी रिश्ते में हिंसक व्यवहार कभी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, और यहां बात सिर्फ शारीरिक हिंसा की नहीं हो रही। शारीरिक हिंसा यानी मारपीट या डोमेस्टिक वॉइलेंस हम सब जानते हैं। लेकिन भावनात्मक और मानसिक हिंसा को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। माना कि इसमें आपके शरीर पर चोट या निशान नहीं आते, लेकिन मानसिक हिंसा भी आपके लिए उतनी ही खतरनाक है। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस पर बहुत गहरा प्रभाव डाल सकती है और आपके पूरे जीवन को प्रभावित करती है।
अक्सर हम प्यार में अपने पार्टनर की छोटी-छोटी गलतियों को इग्नोर कर देते हैं। लेकिन कई बार प्यार के नाम पर हम उनके गलत बर्ताव को भी सहते रहते हैं। आपके लिए ये समझना जरूरी है कि क्या सहनीय है और कहां सीमा पार हो रही है। अगर आपको ये 5 लक्षण अपने रिश्ते में नजर आएं तो आप भी मानसिक हिंसा का शिकार हैं।
अगर आपका पार्टनर आपको कंट्रोल कर रहा है, तो ये मानसिक हिंसा का पहला लक्षण है। सभी महत्वपूर्ण निर्णय अकेले लेना, आपकी राय ना मांगना, आपकी आर्थिक स्थिति को कंट्रोल करना और हर मांग पूरा करने का दबाव बनाना – किसी भी रिश्ते को हिंसक बना देता है। किसी भी रिश्ते में निजी स्वतंत्रता और सम्मान खो देना प्यार नहीं है।
आप कहां जा रहीं हैं, किस के साथ हैं ये पूछना चिंता और प्यार जताने का तरीका हो सकता है। लेकिन यही चिंता अगर बढ़ कर इस स्तर तक पहुंच जाए कि आप कहां हैं बताने के लिए आपका पार्टनर लोकेशन मांगे या आपके सोशल मीडिया को चेक करे तो ये हेल्दी नहीं है। इस तरह का व्यवहार आपकी मानसिक शांति को प्रभावित करने के साथ-साथ आपके रिश्ते की नींव को भी कमजोर करता है। ऐसे रिश्ते में आप सुखी नहीं रह सकतीं।
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कमी किस व्यक्ति में नहीं होती! और अक्सर हमारे अंदर अपनी कमियों को लेकर कॉम्प्लेक्स भी होता है। ऐसे में अपने पार्टनर से हम उम्मीद करते हैं कि वह हमें खुद से प्यार करना और सकारात्मक रहने में मदद करे। लेकिन ठीक इससे उलट, अगर आपका पार्टनर आपको आपकी कमियों का हर वक्त एहसास करवाता है, तो यह भी मानसिक हिंसा की निशानी है।
सबके सामने आपको कमतर दिखाना, आपकी कमियों का मजाक उड़ाना या आपको खुद से नीचे मानना – ये ऐसा बर्ताव है जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
ये सच है कि रोमांटिक रिश्ते में अपने आप ही आपका पार्टनर आपकी प्राथमिकता बन जाता है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं हुआ कि उन्हें आपके जीवन में मौजूद अन्य रिश्तों पर अधिकार मिल गया। अगर आपके पार्टनर आपको अपने घरवालों, दोस्तों या रिश्तेदारों से बात करने से रोकता है तो ये मानसिक हिंसा का प्रमाण है।
अगर आपका पार्टनर आपको लेकर, खासकर आपके फिजिकल अपीयरेंस या आर्थिक स्थिति को लेकर शर्मिंदगी महसूस करता है, तो ये रिश्ता बिल्कुल स्वस्थ नहीं है। यही नहीं, अगर आपके पार्टनर आपको अपने साथ बाहर नहीं ले जाते, आपको अपने दोस्तों के सामने आने से मना करते हैं या सामाजिक रूप से आपसे दूरी बनाए रखते हैं, तो यह भी मानसिक हिंसा की निशानी है।
डियर गर्ल्स, प्यार सबके लिए जरूरी है, लेकिन खुद से प्यार करना सबसे महत्वपूर्ण है। इन खतरे के लक्षणों को इग्नोर करना खुद के साथ अन्याय होगा। इसलिए अगर आपको लगता है कि आप मानसिक हिंसा की शिकार हैं, तो आगे बढ़कर अपने भले के लिए सही कदम उठाएं। दोस्तों या परिवार से इस बारे में बात करना आपका पहला कदम होना चाहिए। जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल मदद लेने में पीछे ना हटें।