8 उदाहरणों से समझें कि आपका पार्टनर आपके लिए डिज़र्व नहीं करता, गैसलाइटिंग कहलाता है ऐसा व्यवहार

एक अच्छे संबंध में दोनों व्यक्ति एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और ध्यान रखते हैं कि एक-दूसरे की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। अगर आपके रिश्ते में इन चीजों का अभाव है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
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गैसलाइटिंग पार्टनर अपने अब्यूसिव व्यवहार की जिम्मेदारी पीड़ित पर डाल देता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Updated On: 18 Oct 2023, 10:20 am IST
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किसी भी रिश्ते में जब तक इमोशन होते है तब तक ठीक होता है लेकिन यदि किसी रिश्ते में इमोशन अब्यूज हो तो वह सही नही होता है। यदि आपका साथी आपको भावनात्मक रूप से परेशान कर रहा है तो उसे रिलेशनशिप में गैसलाइटिंग टर्म दिया जाता है।

एक रिश्ते में गैसलाइटिंग भावनात्मक हेरफेर और मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार के एक रूप को दिखाता है जहां एक साथी दूसरे की वास्तविकता, स्मृति, धारणा या विवेक की भावना को कमजोर करना चाहता है। “गैसलाइटिंग” शब्द एक नाटक और फिल्म “गैस लाइट” से आया है, जहां एक पति अपने घर में गैस लाइटों से छेड़छाड़ करके अपनी पत्नी को यह विश्वास दिलाने के लिए अलग-अलग तरीकों का उपयोग करता है कि वह पागल हो रही है। गैसलाइटिंग रिश्ते में, दुर्व्यवहार करने वाला साथी अक्सर पीड़ित को अपनी भावनाओं, विचारों और निर्णयों पर संदेह करने के लिए रणनीति अपनाता है।

गैसलाइटिंग रिलेशनशिप के उदारणों के बारे में बात करने के लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से।

यहां जानिए रिलेशनशिप में गैसलाइटिंग के 8 उदाहरण

1 जो पहले कहा, उससे मुकर जाना

गलत करने वाला यह दावा करने की कोशिश करता है कि दूसरे व्यक्ति की याद्दाश्त खराब हो चुकी है और वो जैसा कह रहें है वैसा वास्तव में हुआ ही नहीं। ऐसे व्यक्तियों के साथ आप जब भी उनके द्वारा किए गए बुरे बर्ताव के बारे में बता करेंगी, तो वे ऐसा दिखाएंगे कि ये बातें या तो हुई ही नहीं, या यह इतनी छोटी हैं कि इस पर बात करना बेकार है। जिससे पीड़ित स्वयं ही सेल्फ डाउट में चला जाता है।

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पीड़ित के विचारों और भावनाओं का मज़ाक उड़ाया जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

2 पीड़ित को दोषी ठहराना

गैसलाइटिंग पार्टनर अपने अब्यूसिव व्यवहार की जिम्मेदारी पीड़ित पर डाल देता है, जिससे उन्हें विश्वास हो जाता है कि रिश्ते में समस्याओं का कारण वे ही हैं। दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति कभी अपनी गलती नहीं मानता है। उदाहरण के लिए चोरी पकड़े जाने पर उल्टा पीड़ित से ही सवाल कर उसे कंफ्यूज करना।

3 भावनाओं को तुच्छ समझना

दुर्व्यवहार करने वाला पीड़ित की भावनाओं को कम महत्व देता है, जिससे उन्हें ऐसा महसूस होता है कि उनकी चिंताएं महत्वहीन या अतिरंजित हैं। सामने वाले व्यक्ति की किसी भी बात को छोटा समझा जाता है और कहा जाना कि तुम छोटी-छोटी बात लड़ती हो बहुत इमोशनल हो इससे उन्हें ये एहसास दिलाया जाता है कि उनकी भावना बेकार है।

4 अकसर व्यंग्यात्मक या खराब भाषा का प्रयोग करना

पीड़ित के विचारों और भावनाओं का मज़ाक उड़ाया जाता है, जिससे उन्हें अपने आत्म-मूल्य और बुद्धिमत्ता पर संदेह होता है। उनकी हर बात को बिना किसी मतलब का समझना और किसी भी विचार का मजाक उड़ाया जाता है। उन्हे ये जताने की कोशिश की जाती है तुम्हे कुछ पता नहीं है। जिससे उनका आत्म विश्वास गिरता है।

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5 सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश करना

दुर्व्यवहार करने वाला तथ्यों और घटनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश करता है, भ्रम पैदा करता है और पीड़ित को जो हुआ उसके बारे में उनकी समझ पर सवाल उठाने पर मजबूर कर देता है।

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गैसलाइटिंग करने वाले लोगों को इसमें भी आनंद आता है। चित्र : शटरस्टॉक

6 पीड़ित को अलग-थलग करना

पीड़ित को कुछ ऐसी बाते बोलना जिससे वह दुसरों के साथ आपके संबंधो को खत्म कर दे और उन्हे अकेला कर देना भी गैसलाइटिंग रिश्ते का उदाहरम है। दुर्व्यवहार करने वाला पीड़ित के दूसरों के साथ संबंधों को कमजोर कर देता है, जिससे उन्हें ऐसा महसूस होता है कि कोई भी उन्हें नहीं समझेगा या उन पर विश्वास नहीं करेगा।

7 झूठी कहानिंयां या घटनाएं बुनना

पीड़ित पार्टनर के लिए दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति कहानियों या घटनाओं का आविष्कार करता है, जिससे पीड़ित अपनी विवेकशीलता और दुनिया की धारणा पर सवाल उठाता है। वे आपकी याददाश्त को सही करने का प्रयास करते हैं और आपको अपनी धारणाओं पर संदेह करने पर मजबूर करते हैं।

8 कभी प्यार, कभी गलत व्यवहार

गैसलाइटिंग करने वाले लोगों को इसमें भी आनंद आता है कि जब आप बिल्कुल असहाय हो जाएं तो वे आप पर प्यार जताएं। वास्तव में अलग-अलग तरीकों से वे आपको ऐसा बना देते हैं कि आपको न खुद पर भरोसा रह जाता है और न ही किसी दूसरे पर। ऐसे में निराशा या अवसाद की स्थिति में आप उसी के पास जाने लगती हैं, जो वास्तव में समस्या की जड़ है।

अगर कोई व्यक्ति बार-बार दुर्व्यवहार करने के बाद भी आपके करीब रहना चाहता है, तो ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। उनसे और भी ज्यादा, जिनका दुर्व्यवहार बर्दाश्त करते हुए भी आप उन्हीं को सर्वश्रेष्ठ समझ रहीं हैं।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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