सेल्फ वर्थ यानी कि अपना सम्मान या आत्म मूल्य हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। यह किसी को भी खुश रहने और सही फैसले लेने में मदद कर सकता है। वहीं जब आप लाे सेल्फ वर्थ या कम आत्मसम्मान की शिकार होती हैं, तो इसका असर आपके व्यवहार, प्रोडक्टिविटी और मानसिक स्वास्थ्य पर भी नजर आता है। लो सेल्फ वर्थ वाला व्यक्ति अपने लक्ष्यों में ही नहीं, बल्कि अपने रिश्तों में भी खुद को ठगा हुआ पाता है। इसलिए जरूरी है कि इसके संकेतों को पहचानकर, जल्द से जल्द इससे छुटकारा पाया जाए। एक्सपर्ट बता रहीं हैं, लो सेल्फ वर्थ के कुछ संकेत (Sign of low self worth), जिनसे आपको दूर रहना चाहिए।
लो सेल्फ वर्थ या अपनी कद्र न कर पाना आपको जीवन की नकारात्मकता की और आकर्षित करता है। लो सेल्फ वर्थ के लक्षण सामान्य रूप से नजर नहीं आते, परंतु आपका व्यवहार और पर्सनेलिटी इसे दर्शाता है। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। वहीं आत्मविश्वास की कमी के कारण आप अपनी दुनिया को एक सीमित दायरे में घेर लेती हैं और चीजों में नकारात्मकता ढूंढने लग जाती हैं। हलांकि, जीवन के हर पड़ाव और पहलू में सेल्फ एस्टीम का मजबूत होना बहुत जरूरी है, इसीलिए लो सेल्फ एस्टीम एक गंभीर समस्या कहा जाता है।
आत्मविश्वास की कमी के कारण आप अपने हर एक्शन पर भ्रमित रह सकती हैं। इतना ही नहीं आप दूसरों को भी अपनी कमजोरी का फायदा उठाने दे सकती हैं। ऐसे में खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखना बहुत जरूरी है। चलिए जानते हैं लो सेल्फ वर्थ के छुपे हुए कुछ लक्षणों के बारे में, जो नजर तो नहीं आते, परंतु अंदर ही अंदर हमें नकारात्मकता की ओर धकेलते रहते हैं।
पेरेंटिंग और साइकोलॉजी एक्सपर्ट डॉ ललिता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है। पोस्ट में उन्होंने लो सेल्फ वर्थ के हिडन फैक्ट्स के बारे में बताया है। डॉ ललिता कहती हैं कि “हमारा सेल्फ वर्थ हमारा खुद के साथ एक ऐसा रिश्ता है, जिसे दूसरे नहीं देख सकते। यह इस बात पर निर्भर करता है, कि हम किस तरह बातचीत करते हैं और किस तरह आसपास के लोगों से जुड़ते हैं।
लो सेल्फ वर्थ (Low self worth) के कारण हम लोगों से जुड़ने से डरते हैं, कि कहीं लोग हमारी वास्तविकता को न देख लें। हालांकि, हमें इस चीज को पूरी तरह दिमाग से निकाल देना चाहिए की हम जैसे हैं जब तक खुद को एक्सेप्ट नहीं करेंगे] तब तक दूसरों से उम्मीद करना भी बेकार है।
जानी-मानी साइकोलॉजिस्ट डॉ ललिता ने लो सेल्फ वर्थ के 7 अंदरूनी लक्षणों के बारे में बताया है। चलिए जानते हैं क्या है वह लक्षण।
1. खुद के साथ नकारात्मक बातें करना, जैसे “मैं कितनी ज्यादा बेवकूफ हूं” और “मैं कुछ नहीं कर सकती।” यानी कि अपने मन में केवल नकारात्मक चीजों को न्यौता देना।
2. अपनी स्ट्रैंथ को देखने के बजाय कमजोरी पर ज्यादा ध्यान देना। सेल्फ एस्टीम की कमी के कारण लोग अक्सर अपने अंदर खूबियां होने के बावजूद केवल अपनी कमियों को देखते हैं।
3. अपने छोटे से छोटे फैसलों को लेकर दुविधा में रहना। खुद पर बिल्कुल भी विश्वास न होना।
4. जीवन में चल रहे कॉम्प्लिकेशंस को स्वीकार न कर पाना।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें5. लोगों के बीच बैठकर बातचीत करने में कतराना। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपको लगता है कि आपके अंदर कई सारी कमियां हैं, जो लोगों के सामने नहीं आनी चाहिए।
6. ऐसा महसूस होना कि आप किसी भी अच्छी चीज को डिज़र्व नहीं करती।
7. दूसरे लोगों को खुद से बेहतर समझना।
डाॅ. ललिता बताती हैं, “मैं जब भी आत्मविश्वास में कमी महसूस करती हूं, तो उस वक्त अपने अंदर के एक छोटे से बच्चे को देखती हूं, जिसे अभी बहुत कुछ सीखने और मजबूत होने की आवश्यकता है। यह भावना रखना काफी शक्तिशाली होता है। क्योंकि कोई भी ऐसा नहीं जो हर तरह से निपुण हो।”
वे आगे कहती हैं “आप अपनी सेल्फ वर्थ को बदल सकती हैं। यह आपके अंदर की यात्रा है। मैंने कई ऐसे लोगों से मुलाकात की है, जिन्होंने आगे बढ़ने की उम्मीद छोड़ दी थी। परंतु खुद पर भरोसा रखना आपको एक नए सिरे से शुरूआत करने की उम्मीद देता है।”
यह भी पढ़ें : एक्ने और मुहांसे ही नहीं पिगमेंटेशन भी कम करता है बेकिंग सोडा, जानिए कैसे करना है इस्तेमाल