कोरोना वायरस महामारी के बीच में, कई कंपनियां स्वैच्छिक या अनिवार्य, वर्क फ्रॉम होम नीतियों को लागू कर रही हैं। हम में से बहुत से लोगों ने घर से कभी काम नहीं किया। इसके बावजूद हम पिछले एक साल से ज्यादा समय से इसके साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। यह सोचकर कि जल्दी ही हालात बदलेंगे। पर नई सूचनाओं ने अगर आपको और भी ज्यादा परेशान कर दिया है, तो हम आपके लिए लेकर आए हैं ऐसे उपाय जिनसे आप घर से भी बेहतर तरीके से काम कर पाएंगी।
जब हम ऑफिस जाते थे तो हर काम की एक व्यवस्था थी, लेकिन इस समय कुछ भी काम व्यवस्थित ढंग से नहीं हो रहा है। चाहे काम करना हो या सही दिनचर्या अपनाना हमारे जीवन से अनुशासन गायब हो चुका है। इसलिए, वर्क फ्रॉम होम को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए हम लाए हैं कुछ टिप्स।
सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप अपने ऑफिस रूटीन को मेन्टेन रखें। आप फिजीकली ऑफिस नहीं जा रही हैं, पर अब भी आपको अपने टारगेट पूरे करने हैं। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपना वही रूटीन बनाए रखें जो आप ऑफिस के लिए बनाती थीं। अच्छी बात ये कि इसमें आपका यात्रा पर लगने वाला समय बचने वाला है।
भले ही आप ऑफिस जा रही हैं या नहीं समय की पाबंदी बेहद महत्वपूर्ण है। वर्क फ्रॉम होम का मतलब यह नहीं है कि सुबह 10 बजे सोकर उठें। ऐसा करना बिल्कुल गलत है, इससे आपको आलस आने लगेगा, काम करने में मन नहीं लगेगा और नींद आयेगी।
जी हां.. वर्क फ्रॉम होम का मतलब साल भर टी शर्ट और लोअर में रहना नहीं है। आप उसी तरह तैयार हों, जैसे अपने ऑफिस जाने के लिए होती थीं। हां, ये और बात है कि अब आपको शूज या हाई हील में दिन भर अपने पैरों को कसने की जरूरत नहीं है।
बस अपने पजामास को त्याग दें और एक अच्छा शावर लेकर कपड़े बदल लें। इस छोटी सी टिप से आप पूरा दिन ऊर्जावान महसूस करेंगी और आपका काम करने में भी मन लगेगा।
घर में वर्क एनवायरनमेंट स्थापित करना बेहद ज़रूरी है, तभी काम करने में मन लगता है। वातावरण का आपकी डेली प्रोडक्टिविटी पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए, घर में अपने लिए एक वर्क स्पेस बनायें। आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस एक टेबल-चेयर सेट अप करें, अपनी ज़रुरत की चीजें वहां सजाएं, आप चाहें तो कुछ मोटीवेटिंग कोट्स भी लगा सकती है।
वर्क फ्रॉम होम में ऑफिस की तरह कोई समय सीमा नहीं होती। लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से काम करना पसंद करते हैं। मगर समय सीमा निर्धारित करना सबसे ज़रूरी है, क्योंकि घर के आराम में वक़्त कब निकल जाता है पता नहीं चलता। इसलिए, सुबह एक निश्चित समय पर काम की शुरुआत करें और एक निश्चित समय पर उसे खत्म करें।
घर पर काम करने से अचानक सामाजिक दायरा कम होने लगता है। ऐसे में अक्सर लोगों से मिलना-जुलना और उनसे बातें करना कम हो जाता है। इसलिए, वर्क फ्रॉम होम में भी अपने को-वर्कर्स से कम्युनिकेशन बनाये रखें। उनसे वीडियो कॉल के मध्यम से जुड़े रहें। यहां तक कि आप हर सुबह 10 मिनट की एक फ्रेंडली मीटिंग भी रख सकती हैं।
ऐसा न हो जाये कि आप पूरे दिन काम करती रहें इसलिए, काम और जीवन के बीच संतुलन बनाना बहुत ज़रूरी है।
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