अक्सर हम दूसरे लोगों से अलग-अलग महसूस करते हैं। हमें उनसे बात करने में, उनसे मिलने में, उनके लिए किसी कार्य को करने में कोई दिलचस्पी नहीं रहती है। ऐसी स्थिति हमारी योग्यता पर और हमारे व्यवहार पर एक सवाल उठाती है कि क्या हम वाकई रिश्तों को निभाने के काबिल नहीं है या हम केवल अपने बारे में सोचते हैं। यदि आपके साथ भी कुछ ऐसी समस्या हो रही है तो यह जरूरी नहीं है कि आपमें कोई कमी है यह आप रिश्तो को निभाने में असमर्थ हैं।
डाॅ. ललिता साइकोलॉजिस्ट, मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट हैं और वह समय-समय पर मेंटल हेल्थ से संबंधित समस्याओं पर अपनी राय साझा करती हैं। वह कहती हैं कि हम एक बनाबटी दुनिया में रहते हैं और हमेशा एक मुखौटा पहने रहते हैं जिससे लोग आपको स्वीकार करें। लेकिन एक वक़्त के बाद यह मुखौटा भी काम नहीं करता है और आप अच्छे बनने की कोशिश से थक जाते हैं और आप दूसरे लोगों से अलग रहना शुरू कर देते हैं। इसलिए आप जैसे हैं वैसे रहे अपने आप से और अपने काम से प्यार करें।
कई बार ऐसा होता है जब आप अपने दोस्तों से भी मिलने पर खुशी का अनुभव नहीं करते हैं। आपको ऐसा लगता है कि आप अपने रिश्ते से काफी आगे आ चुके हैं और आप इस रिश्ते में निभाने के लिए कुछ भी शेष नहीं है और आप ऊबने लगते हैं तो आप लोगों से दुरी बनाने लगते हैं।
बहुत बार ऐसा होता है कि रिश्तों को बचाने के लिए आप सामने वाले के लिए कोई भी कार्य या मदद बहुत ज्यादा करते हैं। और उसके बदले में आपको कुछ भी हासिल नहीं होता या काफी कम हासिल होता है। तो आप ऐसे रिश्तो को निभाने से बचते हैं। क्योंकि आप इनसे थक चुके होते हैं और बाहर निकलना चाहते हैं।
कई बार आप अपनी मेंटल हेल्थ के साथ संघर्ष कर रहे होते हैं। तब आपको दूसरों से बातचीत करना भी काफी बोझिल लगता है और यह कार्य भी आपको थका हुआ महसूस कराता है। तब आप दूसरे लोगों से दूरी बनाना शुरू कर देते हैं।
एक्सपर्ट कहती हैं कि कई बार ऐसा होता है जब आप अपनी तुलना दूसरों से करने लगते हैं और पाते हैं कि दूसरे लोग आपसे आगे निकल गए हैं। आप उनकी तुलना में काफी पीछे हैं यह बात आपको शर्मिंदगी का एहसास कराती है। हालांकि ऐसा महसूस करना सही नहीं है। लेकिन फिर भी आप इस एहसास से बचने के लिए आप दूसरे लोगों से दूर होने लगते हैं।
बहुत बार रिश्तो में ऐसा होता है कि हमें लगता है कि हम उस रिश्ते को निभाने के लिए अच्छे नहीं है। हम उस रिश्ते के लिए उतना नहीं कर पा रहे जितना हमें करना चाहिए। ऐसे रिश्ते को निभाने में आप संघर्ष करने लगते हैं तब भी आप लोगों से दुरी बनाने लगते हैं।
एक्सपर्ट कहती हैं कि जब आप अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त होते हैं और आपके पास अपने खुद के लिए भी बहुत कम समय रहता है। तब आप सामाज और लोगों से दूरी बनाने लगते हैं। आपको लोग को समय देना और उनसे बात करना काफी ज्यादा जटिल काम लगने लगता है।
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