महात्मा गांधी के ये 6 मंत्र आपकी मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकते हैं

तनाव, चिड़चिड़ापन, आक्रोश, अनियमित नींद, ये ऐसी चीजें हैं जो आपकी मेंटल हेल्थ को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं। महात्मा गांधी दुनिया के लिए सबसे पहली जरूरत शांति को ही मानते थे, यानी आपके मन के लिए भी यह सबसे बड़ी आवश्यकता है।
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इस गांधी जयंती अपनाएं शांत मन के 6 मंत्र। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 2 Oct 2021, 10:00 am IST
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तनाव भरे इस दौर में शायद ही कोई हैं जिसका मन शांत रहता होगा। घर की जिम्मेदारियों से लेकर कॉर्पोरेट जगत का संघर्ष, आपको शारीरिक और मानसिक रूप से थका देता हैं। विभिन्न स्वास्थ्य जोखिमों को निमंत्रण देता हैं ये तनावपूर्ण जीवन। आज के समय में  डिप्रेशन, एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन, अनियमित नींद, पैनिक अटैक, आदि आम समस्याएं हो गई हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोच हैं कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपने तनावों और जिम्मेदारियों को कैसे संभालते थे? जी हां, यह आश्चर्य और प्रेरणा लेने की बात हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आपके जीवन को सरल और मन को शांत करने के लिए हम गांधीजी के जीवन के 6 मंत्र बता रहे हैं। ये पांच मंत्र आपकी मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।  

क्यों दुनिया के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है शांति? 

2 अक्टूबर (2 October) महात्मा गांधी की जयंती (Gandhi Jayanti) को अन्तराष्ट्रिय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) के तौर पर भी मनाया जाता है। गांधी जी मानते थे कि दुनिया की सबसे पहली आवश्यकता शांति है। शांति सिर्फ बाहर की ही नहीं होती, आंतरिक भी होती है। जब आपकी आंतरिक शांति भंग होने लगती है, तब आप तनाव से घिर जाते हैं। 

Man ki shanti rakhta hai aapko healthy
मन की शांति रखता हैं आपको हेल्दी। चित्र: शटरस्टॉक

यदि आपका तनाव सीमा से अधिक हो गया हैं, तो यह अपने साथ कई स्वास्थ्य परेशानियां ला सकता हैं। यह आपके सोचने-समझने की प्रक्रिय को प्रभावित करता हैं। इसके साथ ही सर दर्द, अनियमित नींद, अधूरा पोषण, वजन घटना या बढ़ना, मूड स्विंग होना, आदि इसके सामान्य लक्षण हैं। 

बीआर लाइफ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बेंगलुरु के न्यूरोसर्जन डॉ एनके वेंकटरमन के मुताबिक, “लंबे समय तक तनाव में रहने से यह इम्‍युनिटी और हॉर्मोंस पर असर डालता है। इसके कारण आपको ज्यादा बेचैनी होती है और आपका मन विचलित रहता हैं।”

आपकी मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकते हैं गांधी जी के ये 6 मंत्र 

1. दूसरों को क्षमा करें 

आपने गांधीजी का यह प्रसिद्ध वाक्य जरूर सुना होगा कि अगर आपको कोई एक गाल पर थप्पड़ मार दे तो अपना दूसरा गाल भी आगे कर दें। इस अहिंसा भरे स्वभाव को अपने जीवन में उतारने की बहुत जरूरत है। अगर आप हर छोटी बात पर लड़ते या चिड़ते रहेंगे तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता हैं। 

गुस्से भरा स्वभाव मानसिक दबाव के साथ हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी रोगों का कारण बन सकता हैं। इसलिए क्षमा के इस मंत्र को अपनाने से आप मानसिक और भावनात्मक रूप से शांत रहेंगे। 

2. सकारात्मक दृष्टिकोण रखें 

बापू का मानना ​​था कि अगर हम नकारात्मक सोचते रहेंगे तो हमारा जीवन भी वैसा ही हो जाएगा। नकारात्मक सोच गलत परिस्थियों को जन्म देती हैं। आपका विचार ही आपकी उपज को तय करता हैं। आपको जीवन की छोटी या बड़ी असफलताओं से हारकर खुद को असहाय नहीं बनाना चाहिए। उसी व्यक्ति का मन शांत और चित स्थिर रहता है जो किसी भी हालात का सामना सकारात्मक ऊर्जा के साथ करता हैं। 

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सकारात्मक दृष्टिकोण रखता हैं आपका मन शांत। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. ध्यान या मेडिटेशन 

हमे ध्यान के लाभों पर जोर देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आप इसे अच्छे से जानते होंगे। ध्यान आपकी एकाग्रता और संयम को बढ़ाता है। किसी भी कार्य के लिए खुद पर विश्वास और एक दृड़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती हैं। ध्यान आपको यह सब देने में सक्षम है। अतः आज के दौर में मन की शांति पाने का सबसे बढ़िया विकल्प है ध्यान या मेडिटेशन करना। सुखद परिणाम पाने के लिए आप अपनी दिनचर्या में प्राणायाम योग को शामिल कर सकती हैं। 

4. पैदल चलना 

आपने अक्सर फिल्मों और तस्वीरों में देखा है कि गांधीजी कहीं भी पैदल जाना पसंद करते थे। आजकल यह बहुत कम देखने को मिलता हैं। समय बचाने के लिए हम छोटी दूरी के लिए भी गाड़ी निकाल लेते हैं। इससे आपका शरीर सुस्त हो जाता हैं। चलना फायदेमंद है क्योंकि यह आपके शरीर के सभी अंगों को सक्रिय करता है और आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है। 

शोध बताते हैं कि पैदल चलना आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह हैप्पी हार्मोन रिलीज कर आपको तनावमुक्त बनाता है। स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता हैं। इसलिए यदि आपको अपने मन को शांत रखना है तो रोज चलने की आदत डालनी होगी। 

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Paidal chalne se aap chust-durust rahenge
पैदल चलने से आप चुस्त-दुरुस्त रहेंगे। चित्र-शटरस्टॉक

5. पौष्टिक आहार का सेवन हैं जरूरी 

कम खाना या गलत आहार आपको चिड़चिड़ा बना सकता हैं। अपने शरीर को कभी भी कूड़ेदान के रूप में नहीं मानना चाहिए। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हर एक चीज जो आपके शरीर में जाती है, वह स्वस्थ और पौष्टिक हो। गांधीजी ने भी जंक और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहना पसंद किया और स्वस्थ जीवन और अच्छी खाने की आदतों पर ध्यान केंद्रित किया। इसलिए आप भी देखें कि आप क्या खा रहे हैं और यह आपके स्वास्थ्य पर क्या असर डाल सकता है। 

6. सर्वोदय 

हम जानते हैं कि यह कॉम्पीटिशन का समय है और आप सबसे आगे बढ़ना चाहते हैं। पर सब के साथ आगे बढ़ने में एक अलग तरह की मानसिक शांति मिलती है। जिसे गांधी जी ने सर्वोदय कहा है। यानी हमारे आसपास का हर व्यक्ति आगे बढ़े और अगर संभव हो तो हम आगे बढ़ने में उनकी मदद करें। जब आप दूसरों के लिए कुछ करते हैं, तो यह आपको संतोष के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है। 

तो लेडीज, अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक शांति के लिए फॉलो करें गांधीजी के 6 मंत्र! 

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