नए–पुराने किसी भी रिश्ते को ग्रहण लगा देती हैं ये 6 आदतें, इन्हें छोड़ना है जरूरी

बुढ़ापा एक ऐसा वक्त है जब हम बीमारियों से भी घिरे रह सकते हैं और रिश्ते भी कुछ ठीक नहीं होते। इसका बड़ा कारण होती है कुछ आदतें जो हमने अपनी जिंदगी में सालों पहले से लगा रखी होती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही आदतों (bad habits for relationship) के बारे में बताने जा रहे हैं।
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स्वस्थ रिश्ते में होने से शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का उत्पादन कम होता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Published On: 3 Feb 2025, 07:30 pm IST

अंदर क्या है

  • रिश्तों को कैसे करें मजबूत 
  • कौन सी आदतें करती बनाती हैं रिश्तों को खराब 
  • कैसे रखें रिश्ते दुरुस्त?

हमारी जिंदगी की एक सच्चाई ये है कि उसे बीत जाना है। बचपन, जवानी और बुढ़ापा, इसके तीन चरण कह लीजिए। लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी लेकर आता है बुढ़ापा। ऐसा वक्त जब हम बीमारियों से भी घिरे रह सकते हैं और रिश्ते भी कुछ ठीक नहीं होते। इसका बड़ा कारण होती है कुछ आदतें जो हमने अपनी जिंदगी में सालों पहले से लगा रखी होती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही आदतों (bad habits for relationship) के बारे में बताने जा रहे हैं जो आप पहले से छोड़कर अपने उस वक्त के लिए अपने रिश्तों को और मजबूत कर लेंगे जब आपको उन रिश्तों की सबसे ज्यादा जरूरत होगी, यानी आपके बुढ़ापे में।

6 आदतें जिन्हें छोड़ देने से रिश्ते बने रहेंगे हमेशा मजबूत (bad habits for relationship)

1. उम्मीद अधिक लगाना (bad habits for relationship)

क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और रिलेशनशिप कंसल्टेंट स्निग्धा सिन्हा के अनुसार,हम अक्सर रिश्तों में ज्यादा उम्मीदें रख लेते हैं, ये सोचकर कि अगर सामने वाला हमारी तरह नहीं सोचे या वही ना करे जो हम चाहते हैं, तो रिश्ता खराब हो जाएगा। लेकिन, ये आदत (bad habits for relationship) हमारे रिश्ते में बहुत तनाव पैदा कर सकती है। जब हम अपने साथी से ज्यादा उम्मीदें रखते हैं और उन्हें बदलने की कोशिश करते हैं, तो इसका उल्टा असर होता है। यह सिर्फ हमारे पार्टनर को असंतुष्ट करता है, बल्कि रिश्ते में भी दूरी आ सकती है।

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रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती हैं आपकी पार्टनर से बहुत ज्यादा उम्मीदें। चित्र : शटरस्टॉक

ऐसे में उस वक्त (bad habits for relationship) के लिए अभी से तैयारी करें जब आप बैठकर केवल सोच सकेंगे कि क्या सोचा और क्या पाया। अगर आप अपनी उम्मीदों को थोड़ा कम करेंगे और अपने साथी की अच्छाइयों को मानेंगे, तो न सिर्फ रिश्ता मजबूत होगा, बल्कि आप दोनों के बीच प्यार और समझ भी बढ़ेगा और वो लंबे समय तक आपके साथ चलेगा।

2. छोटे छोटे गेस्चर्स को नजरंदाज न करें (bad habits for relationship)

कभी-कभी हम रिश्तों में छोटी-छोटी बातों (bad habits for relationship) को नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे एक हल्की मुस्कान, एक अच्छा शब्द या बस एक छोटा सा इशारा। ट्यूटर चेज नाम की एक संस्था की रिपोर्ट कहती है कि स्वस्थ रिश्ता रहने के लिए पार्टनर्स के बीच गेस्चर्स का आदान प्रदान जरूरी है। ये छोटी बातें (bad habits for relationship) रिश्ते में बहुत मायने रखती हैं और इनसे रिश्ते में खुशियां और मजबूती आती है। अगर हम इनका ध्यान नहीं देते, तो ये छोटे-छोटे इशारे रिश्ते में दूरियां बना सकते हैं। और ये आप अगर अभी से नहीं करेंगे तो उस उम्र में जब आप को रिश्तों की जरूरत होगी, इसकी शुरुआत तब नहीं हो सकेगी और तब शुरुआत करने पर भी गेस्चर्स अपना काम करें, मुश्किल है।

3. दूसरों की गलतियों को बार-बार याद करना 

उम्र बढ़ने के साथ अक्सर लोगों में यह आदत (bad habits for relationship) होती है और आपको अगर बुजुर्ग होने पर ऐसा नहीं बनना तो उसकी शुरुआत आज से करें ताकि आपकी आदतों में ये शामिल हो सके। हैप्पी फेमिली नाम की एक संस्था के लिए डॉक्टर जस्टिन कॉल्सन ने लिखा है कि यह पैटर्न बहुत आम तौर पर पाया गया है कि ऐसे रिश्ते जो टूटे या फिर कमजोर हुए हैं, उसमें दोनों तरफ से एक दूसरे की ग़लतियों को दोहराने का पैटर्न था।

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एक दूसरे की ग़लतियाँ बार बार याद दिलाना भी रिश्ते को कमजोर करता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

यहां आपको यह समझना है कि हर इंसान से गलतियां (bad habits for relationship) होती हैं, और रिश्तों में यह सामान्य बात है कि कभी न कभी कोई न कोई गलती करेगा। लेकिन अगर आप हमेशा उन गलतियों को याद करेंगे और पुराने बातों को ताज़ा करेंगे, तो यह रिश्ते में तनाव ही बढ़ाएगा। उस उम्र में जब आपको रिश्ते की जरूरत होगी तो आपके इर्द गिर्द लोग आने से परहेज कर सकते हैं।

4. सुनने की आदत न होना

हममें से कई लोग अपनी बातों को ज्यादा अहमियत देते हैं और सामने वाले की बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही आदत (bad habits for relationship) रिश्तों में खटास पैदा करती है। रिश्ते तभी अच्छे होते हैं जब दोनों एक-दूसरे को सुनते और समझते हैं। लाइफ काउंसिलिंग इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट  कहती है कि न सुनना, किसी भी रिश्ते के अंत की शुरुआत हो सकता है। तो अगर आप भी चाहते हैं कि आपका रिश्ता मजबूत हो, तो अब से पहले सामने वाले की बात पूरी तरह से सुनें।

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कम्युनिकेशन एक अच्छे रिश्ते का आधार है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

बजाय जल्दी से प्रतिक्रिया (bad habits for relationship) देने के, उनकी बातों को समझने की कोशिश करें। जब आप अपने साथी की बातों को अहमियत देंगे, तो वह भी आपके विचारों की कद्र करेगा। इससे न सिर्फ आपका रिश्ता मजबूत होगा, बल्कि आप दोनों के बीच समझ और नज़दीकी भी बढ़ेगी। यह नजदीकी उस वक्त आपके ज्यादा काम की होगी जब आपको अपने साथी या किसी रिश्ते की जरूरत  (bad habits for relationship) होगी और आपको प्यार चाहिए होगा।

5. वक्त नहीं है, मत बोलिए

हम अक्सर यह बहाना बनाते हैं कि समय की कमी है, खासकर जब हम काम में व्यस्त होते हैं या और कोई जिम्मेदारियां होती हैं। लेकिन अगर हम यही सोचने लगें कि हमारे पास समय नहीं है, तो इससे रिश्तों में दूरी आ सकती है और फिर आप अकेलेपन का शिकार (bad habits for relationship) होने लगेंगे।

आप यह सोचिए कि उस वक्त जब आप अपनी उम्र के ऐसे पड़ाव पर हों जहां आप शारीरिक तौर पर भी कुछ कमजोर हों और आपको मानसिक मजबूती के लिए भी रिश्ते चाहिए हों। लेकिन न सुनने की आदत की वजह से आपने तो रिश्ते गंवा दिए हैं। फिर उस उम्र में आप मुश्किल में होंगे। इसलिए सबसे पहले वक्त की कमी का बहाना (bad habits for relationship) बना कर रिश्तों को टालना छोड़ दें।

6. नकारात्मक सोच रखना

माइंडवेल नाम की एक संस्था की रिपोर्ट कहती है कि अगर आप हमेशा हर चीज़ को नकारात्मक तरीके (bad habits for relationship) से देखते हैं, तो यह आपके रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है। जब हम हर बात में परेशानी (bad habits for relationship) ढूंढ़ते रहते हैं, तो रिश्ते में प्यार और समझ की कमी होने लगती है।

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नकारात्मक सोच भी रिश्ते कमजोर होने की बड़ी वजह है। चित्र : शटरस्टॉक

स्निग्धा सिन्हा इस बारे में कहती हैं कि उम्र के उस पड़ाव (bad habits for relationship) पर जब हम सीख लेते हैं कि हमें क्या नहीं करना, जहां हमारे पास रिश्तों में खुद को बदलने का वक्त होता है तो यह हमारे लिए लाइफटाइम का वरदान बन जाता है। पॉजिटिव थिंकिंग की उम्र के उस पड़ाव पर सबसे ज्यादा जरूरत होती है जब हम उम्र के उस पड़ाव पर हों (bad habits for relationship) जहां हमें शारीरिक तौर पर दिक्कत हो सकती है। और अगर ऐसे में हम नकारात्मक रहे तो रिश्ते भी प्रभावित होंगे और हम खुद किसी भी बीमारी या समस्या से लड़ नहीं सकते।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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