ऐसा नहीं है कि दो लोग जिनकी परवरिश अलग माहौल में हुई, जिनका व्यक्तित्व एक-दूसरे से जुदा है, वे मज़बूत रिश्ते में नहीं बंध सकते। मगर उस रिलेशनशिप को बनाए रखना कई बार चुनौतीपूर्ण हो जाता है। रिश्तों में अधिकतर बहुत से मैटर्स पर असहमति और हार्डशिप्स से होकर गुज़रना पड़ता है। अगर आप इन चीजों की तुलना किसी समस्या से करते हैं, तो ये रिश्ते को संकट में डाल सकता है। मतभेद हर जगह संभव है। मगर आप किस तरह से उन सिचुएशन्स को टैकल करते हैं। ये ज़रूरी है। जानते है कि किस तरह से रिश्तों में आने वाली दूरियों को इन आसान टिप्स (how to bridge the gap in a relationship) से कम कर सकते हैं।
एरोगेंस, एक्सपेक्टशंस और एटीटयूट। ये तीन फैक्टर्स कैसे आपके रिश्ते को स्पॉइल कर देंगे। शायद आप नहीं समझ पाएंगे। खुद को बेहतर साबित करना और दूसरे को नीचा दिखाना रिश्ते को खत्म करने का एक संकेत है। दूसरे को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करने की जगह इस बात पर फोक्स रखें कि समस्या का समाधान कैसे करें। कहीं न कहीं आपका व्यवहार ही रिश्तों के हेल्दी और अनहेल्दी होने के लिए जिम्मेदार होते है।
यहां हैं वे टिप्स जो रिलेशनशिप में मौजूद गैप को कम कर आप दोनों के संबंध को और मजबूत बना सकते हैं
अगर आपके रिलेश्न में खटास आ चुकी है, तो उसे दूर करना संभव नहीं है। ऐसे में रिलेश्नशिप को फलैक्सिबल बनाने के बारे में सोचना चाहिए। अपने पार्टनर की लाइकिंग और डिसलाइकिंग को समझें और उसकी रिस्पेक्ट करें। किसी काम को बार बार टालना या उसे दूर भागना रिश्ते में मतभेद पैदा करने का काम करता है। इससे बेहतर है कि आप दोनों बैठे, हेल्दी टॉक करें और निष्कर्ष पर पहुंचगे। अगर एक दूसरे की चाहतों हम समझने लगते हैं, तो रिलेशन में आ रही प्रॉब्लम को सॉल्व किया जा सकता है।
डॉमिनेटिंग लोगों की ये निशानी है कि वो हमेशा इस बात पर ज़ोर देते है कि उनके मुताबिक ही चला जाए। अगर आप भी अपने पार्टनर को नियंत्रित करने की कोशिश करती हैं, तो ये निरर्थक प्रयास छोड़ दें। दरअसल, दो लोगों की सोच का एक जैसा होना संभव नहीं है। इस बात को मानना बेहतर है कि आपका साथी आपसे अलग है। उसे हर चीज के लिए दोषी और हर पल डीग्रेड करने से बचें। उनकी सराहना करें और पार्टनर को रियलाइज करवाएं कि वो आप दोनों बराबर है। ताकि वो खुद को कमतर न आंकें।
मान लेते हैं कि आप बेहतर है, आप सब कुछ जानती है। फिर भी अपने पार्टनर को सुनें। जानें कि हर मुद्दे पर उनकी क्या राय है। अगर आप एक अच्छे श्रोता की तरह पूरी बात को सुनती और समझती हैं, तो इससे संबधों में मज़बूती आती है। अगर आप पूरी बात सुनेंगी, तो ज़ाहिर है कि आपका पार्टनर भी आपकी आपके सुझावों को मानने के लिए तैयार ज़रूर होगा। इस तरह से आप अपनी लाइफ में आने वाली हर छोटी बड़ी परेशानी का आसानी से सुलझा सकते हैं।
हर बात पर गुस्सा ज़ाहिर कर के या बाेलने से पहले ही अपने पार्टनर को चुप कराने से हम बहुत बार अच्छे सुझावों को मिस कर देते हैं। ऐसा करके हम जिंदगी में कहीं न कहीं एरागेंस का शिकार होने लगते हैं। साथ ही अकेलावन और बेवजह की चिंताएं हमें घेरने लगती हैं।
रिश्ते में अंडरस्टैडिंग और विश्वास के अलावा जो एक चीज़ सबसे ज़रूरी है, वो है इंटिमेसी। अगर आप अपने पार्टनर से सेक्सुअली कनेक्टिड है, तो आपसी लगाव और प्यार हमेशा बना रहा है। एक बार जब सेक्सुअल डिज़ायर्स कम या समाप्त हो जाती है। फिर दोबारा से एक दूसरे के करीब आने में वक्त लगता है। ऐसे में एक हेल्दी रिलेशनशिप में यौन संबंधों का होना बहुत ज़रूरी है।
जब दो लोग अलग दिशाओं में बढ़ने लगते हैं, तो रिश्ते में घोर संकट का आना लाज़मी है। मुश्किल वक्त में साथ रहें। इस बात को समझें कि आप दोनों की तकरार का फायदा बहुत लोग उठा सकते हैं। समझौता रिश्तों को लंबे वक्त तक बनाए रखने में सहायक सिद्ध होता है। हर जगह फायदा और नुकसान देखने की बजाय साथ देने पर विचार करना चाहिए।
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