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Ruskin Bond: बच्चों के चहेते लेखक रस्किन बॉन्ड के जन्मदिन पर जानिए 5 टिप्स, जो उन्हें फोकस और सफलता दिला सकते हैं

अद्भुत कहानियां, सरल लेखन और बेमिसाल अनुभवों वाले लेखक रस्किन बॉन्ड का आज जन्मदिन है। उनके जीवन और कहानियों से हमने निकाले ऐसे टिप्स जो बच्चों को और बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
Published On: 19 May 2023, 01:03 pm IST
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success pane ke liye aage badhte rehna jarooree hai
सक्सेस पाने के लिए बड़े होने का इंतज़ार न करें। सिर्फ अपने इंटरेस्ट को स्किल के साथ मजबूती देने की कोशिश करें। चित्र : एडोबी स्टॉक

रस्किन बॉन्ड, इनके नाम से ज्यादातर लोग परिचित होंगे। अंग्रेजी के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले लेखकों में से एक हैं। बचपन क्या आज भी लोग ऑफिस से घर आने के बाद रिलैक्स होने के लिए इनकी कहानियां पढ़ते हैं। इनकी अपने जीवन पर आधारित हल्की-फुलकी कहानियां मन को गुदगुदा देती हैं। घर और ऑफिस की चिकचिक को दूर कर तरोताजा कर देती हैं। दरअसल, रस्किन का पूरा जीवन कई खट्टे-मीठे अनुभवों से भरा है। इसलिए उनके जीवन को एक प्रेरक किताब का दर्ज़ा दिया जाता है। चाइल्ड डेवलपमेंट के लिए रस्किन बॉन्ड के 5 टिप्स (5 tips for children) बहुत हेल्पफुल रहेंगे।

आज है रस्किन बॉन्ड का जन्मदिन (Ruskin Bond Birthday-19 May)

रस्किन बॉन्ड का जन्म ब्रिटिश भारत के कसौली (पंजाब स्टेट्स एजेंसी) में 19 मई 1934 को हुआ था। भारतीय लेखक रस्किन बॉन्ड अब तक 500 से अधिक शॉर्ट स्टोरीज, निबन्ध और उपन्यास लिख चुके हैं। हैं बच्चों के लिए उन्होंने 70 से भी अधिक किताबें लिखी हैं। सिंपल लैन्गुएज के कारण उनकी किताबें बच्चों में रीडिंग हैबिट्स डेवलप करने में सक्षम हैं। समय-समय पर रस्किन चाइल्ड डेवलपमेंट के लिए भी टिप्स देते रहते हैं।

तो जानिए क्या हैं वे टिप्स जो बच्चों को आगे बढ़ने और सफलता पाने में मदद कर सकते हैं

1 अपनी रुचि के क्षेत्र को पहचानें ( Identify your area of ​​interest) 

रस्किन मसूरी के लंढौर के आइवी कॉटेज में रहते हैं। वे सप्ताह में एक दिन शाम में लंढौर के एक बुक शॉप पर जाते हैं। वे बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें सक्सेस पाने के लिए टिप्स भी देते हैं। एक बार उन्होंने बच्चों और पेरेंट्स से कहा था, ‘आप अपनी रुचि (interest) जानने की कोशिश करें। उस दिशा में बढ़ने का प्रयास करें। सक्सेस पाने के लिए बड़े होने का इंतज़ार न करें। सिर्फ अपने इंटरेस्ट को स्किल के साथ मजबूती देने की कोशिश करें।’ खुद रस्किन ने मात्र 17 साल की उम्र में “द रूम ऑन द रूफ” नॉवेल लिखा था। इस किताब को कई पुरस्कार भी मिले।

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रस्किन बॉन्ड की किताबें बच्चों में रीडिंग हैबिट्स डेवलप करने में सक्षम हैं।

2  जुनूनी बनें (be passionate) 

रस्किन को लेखक बनने की धुन सवार थी। लेखक बनने के लिए उन्होंने हर छोटे-बड़े काम किये। छोटे काम को करने में उन्होंने कभी संकोच महसूस नहीं किया। कई बार उनकी कहानियां रिजेक्ट हुईं, पर वे हताश नहीं हुए। वे लेखन के मैदान में डटे रहे। एक इन्टरव्यू के दौरान बच्चों से भी रस्किन ने कुछ ऐसा ही कहा था।

उन्होंने कहा, ‘यह संभव है कि आप अपने प्रयास में कई बार असफल हों। असफलता से परेशान होकर अपनी फील्ड कभी नहीं बदलें। क्योंकि सक्सेस आपको अपनी रूचि के क्षेत्र में ही मिलेगी। 89 साल की उम्र में भी वे अपने पैशन को फॉलो कर रहे हैं।

3  नए आइडियाज को ध्यान में रखें (keep new ideas in mind) 

एक बार एक प्रोग्राम में रस्किन दिल्ली आये थे। उस समय उनकी उम्र लगभग 80 वर्ष थी। प्रोग्राम के दौरान वे एक कागज पर नोट करते जा रहे थे। जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने बेहतरीन जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा अपने साथ नोटबुक और पेंसिल रखता हूं।

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नये आइडियाज को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए । चित्र : एडोबी स्टॉक

जब भी मेरे दिमाग में कुछ आईडिया आता है, तो मैं उन्हें नोट कर लेता हूं। इससे आगे उस पर काम करने में सुविधा होती है। बच्चों को भी उन्होंने संदेश दिया, ‘ यदि आप तुरंत माइंड में आये आइडियाज को याद नहीं रखते हैं, तो उसे भूल जाने की संभावना बनी रहती है। नोट कर लेने पर आप उस पर काम कर सकते हैं। संभव है कि वह आइडिया ही आपको सक्सेस दिला दे

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4  कुछ नया करने से डरें नहीं (Try Something New) 

उस समय रस्किन बहुत छोटी उम्र के थे। जब भी किसी के पूछने पर वे जवाब देते-मैं बड़ा होकर लेखक बनूंगा। इतना सुनते ही लोग हंसने लगते। उस समय लेखन को करियर के रूप में अपनाना नई बात थी। लोगों के उपहास उड़ाने के बावजूद वे कभी हताश नहीं हुए। अपनी कोशिश जारी रखी। बच्चों और उनके पेरेंट्स को रस्किन टिप्स देते हैं, यदि खुद पर भरोसा है, तो कुछ नया और अलग करने से कभी नहीं डरें

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यदि खुद पर भरोसा है, तो कुछ नया और अलग करने से कभी नहीं डरें। चित्र शटरस्टॉक।

5 एक्सपेरिमेंट से आता है पर्सनैलिटी में निखार (personality development) 

“पेरेंटस बच्चों को एक्सपेरिमेंट करने से कभी नहीं रोकें। गलतियों से ही व्यक्ति सीखता है। गलतियां कर उसे सुधार करना नहीं भूलें। इससे आपका व्यक्तित्व मजबूत बनकर सामने आता है।’ यह बात रस्किन की किसी भी बातचीत या उनकी लिखी किताब में आसानी से मिल सकती है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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