यें लक्षण बताते हैं कि अभी आपको इमोशनली स्ट्रॉन्ग होने में वक्त लगेगा, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद

कुछ लोगों के लिए मूव ऑन करना आसान हो सकता है। जबकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी वर्तमान जिंदगी और अतीत के बीच एक साथ जीते हैं। पर इस स्थिति से उबरना आपके लिए जरूरी है।
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अगर आपका पार्टनर भी आपको अपने फैसलों में शामिल करने से कतराता है, तो ये रिश्ते में एक अलार्मिंग साइन है । चित्र शटरस्टॉक।
Updated On: 19 Dec 2022, 08:00 pm IST
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रिश्ते हमेशा एक जैसे नहीं रहते। कभी-कभी न चाहते हुए भी आपको उन रिश्तों को अलविदा कहना पड़ता है जो आपके शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा हों। एक रिश्ते को छोड़कर मूवऑन करना किसी के लिए भी आसान नहीं होता। पर कुछ लोग व्यवहारिक दृष्टि के होते हैं। जो ऐसी स्थिति से जल्दी बाहर आ जाते हैं। जबकि ज्यादातर महिलाएं अपने अतीत और वर्तमान को लेकर कन्फ्यूज रहती हैं। वे यह तय ही नहीं कर पाती हैं कि उन्होंने जो किया वह सही था या गलत? खैर इन सवालों का जवाब किसी एक शब्द में नहीं हो सकता। पर जो रिश्ता आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए संकट खड़ा करने लगे, उससे आगे बढ़ना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहीं हैं तो आप भी अबंडनमेंट बिहेवियर (abandonment behavior) की शिकार हैं। जानिए क्या हैं वे लक्षण जो आपकी भावनात्मक कमजोरी की ओर इशारा करते हैं।

क्यों जरूरी है टॉक्सिक रिश्ते से मूव ऑन करना

मूव ऑन करना किसी व्यक्ति के जीवन की एक ऐसी स्थिति होती है, जहां उसे अपने अतीत को भुलाकर वर्तमान को स्वीकार करना होता है। यह स्थिती किसी अपने को खोने या किसी करीबी रिश्तें के हमेशा के लिए खत्म होने पर हो सकती है। कई लोग खुद पर काम करके अपने अतीत की यादों से जल्द बाहर आ जाते हैं, लेकिन वही कुछ लोग ऐसे भी होते है, जिनका रिश्तों पर से भरोसा उठ जाता है।

यह स्थिति समस्या तब बनने लगती है, जब व्यक्ति अपनी जिंदगी के ऐसे दौर में आकर खड़ा हो जाता है, जहां वह अपने वर्तमान को स्वीकार तो करता है, लेकिन अपने अतीत से पूरी तरह बाहर नहीं आया होता। इस प्रकार की स्थिति को परित्याग व्यवहार (abandonment behavior) कहा जाता है।

अगर आप भी ऐसी ही किसी स्थिती से गुजर रहीं हैं, तो मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ ललीता का यह इंस्टाग्राम पोस्ट आपको इन लक्षणों को पहचानने में मदद कर सकता है।

 

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लेकिन सबसे पहले जानते हैं क्या है यह समस्या

मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ ललिता के मुताबिक यह एक प्रकार की एंजाइटी है, जिसमें व्यक्ति को अपनों को खोने का डर बना रहता है। जिन लोगों को यह समस्या होती है, उनमें रिजेक्ट होना, हद से ज्यादा इमोशनल रहना, गलतफहमियां होना जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं।

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ये लक्षण बताते हैं कि आपको अभी अपनी भावनाओं पर काम करने की जरूरत है

1. बार-बार कंफ्यूजन होना

एक्सपर्ट के मुताबिक इस स्थिति में जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति से मिलता है, जिसे वो पसंद करता है, तो उसके अंदर एक कंफ्यूजन बनी रहती है। उसे लग सकता है कि क्या वो व्यक्ति उन्हें पसंद करेगा या क्या वो सच में उस व्यक्ति को पसंद करती हैं।

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ऐसी स्थिति में व्यक्ति अकेले पड़ जाने के डर से नए रिश्तों की शुरूआत कर लेता है। चित्र: शटरस्टॉक

2. नए रिश्ते में जल्द आना

ऐसी स्थिति में व्यक्ति अकेले पड़ जाने के डर से नए रिश्तों की शुरूआत कर लेता है। साथ ही उसे रिश्ते के खत्म होने का डर भी बना रहता है। कुछ लड़कियां अपने इसे भावनात्मक अकेलेपन से लड़ने के लिए एक साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को डेट करने लगती हैं। उन्हें लगता है कि इनमें से कोई तो होगा जो उन्हें समझेगा। और जो जरूरत पड़ने पर उन्हें भावनात्मक सपोर्ट कर सकेगा।

पर आपके लिए यह समझना जरूरी है कि जब तक आप स्वयं के साथ मजबूती से खड़ी नहीं होंगी, तब तक कोई भी आपकी मदद नहीं कर पाएगा।

3. रिजेक्शन का डर

इस स्थिति में व्यक्ति को रिजेक्शन का डर सताने लगता है। साथ ही उसे ऐसा महसूस होता है कि उसके पार्टनर का उसमें इंट्रस्ट खत्म हो रहा है। अपने पार्टनर पर से भरोसा खोने की स्थिति आपको दोहरे तनाव में डाल सकती है। जिससे आप ओवर प्रोटेक्टिव होने लगती हैं।

4. एक्स से जुड़ने की कोशिश

ऐसे में व्यक्ति अपने अतीत से बाहर नहीं निकल पाता, साथ ही अपने एक्स से जुड़ने की कोशिश भी करता रहता है। फिर चाहे उसका एक्स उस रिश्तें को पूरी तरह खत्म कर चुका हो।

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ऐसी स्थिति में व्यक्ति अकेले पड़ जाने के डर से नए रिश्तों की शुरूआत कर लेता है। । चित्र शटरस्टॉक।

5. समस्याओं से दूर भागना

इस स्थिति में व्यक्ति समस्याओं को नजरअंदाज करना शुरू कर देता है, या इस डर से दूर भागने की कोशिश करने लगता है कि कही उसके कारण उसके पार्टनर को ठेस न पहुचें। साथ ही अपनी इछाओं को भुलाकर अपने पार्टनर को खुश रखने की कोशिश करने लगता है।

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लेखक के बारे में

यंग कंटेंट राइटर ईशा ब्यूटी, लाइफस्टाइल और फूड से जुड़े लेख लिखती हैं। ये काम करते हुए तनावमुक्त रहने का उनका अपना अंदाज है। ...और पढ़ें

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