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अगर नहीं छोड़ी ये 5 आदतें, तो आप अलग-थलग पड़ जाएंगे, जानिए आइसोलेशन से कैसे बचना है

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे परिवार, दोस्तों और समूह में रहना अच्छा लगता है। यह किसी भी व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। पर अनजाने में कई बार हम ऐसी आदतें डेवलप कर लेते हैं, जो अकेलेपन का जोखिम बढ़ा देती हैं।
Published On: 30 May 2024, 06:30 pm IST
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लोगों से मिलना बहुत ज़रूरी है । चित्र: शटरस्‍टॉक
लोगों से मिलना बहुत ज़रूरी है । चित्र: शटरस्‍टॉक

आज की हाइपरकनेक्टेड दुनिया में, यह विरोधाभासी लग सकता है कि बहुत से लोग लगातार अकेलापन महसूस करते हैं। अकेलापन एक ऐसी भावना है जो हमारी आदतों और व्यवहारों के साथ कई कराणों से प्रभावित हो सकती है। कुछ आदतों को पहचानना ज़रूरी है जो अनजाने में अकेलेपन की भावना को बढ़ावा दे सकती हैं। जिसके बाद आपको लोगों के साथ सार्थक संबंध बनाने में मदद मिल सकती है।

समस्या यह है कि अकेलापन सिर्फ एक ऐसी भावना नहीं है, जो बिना किसी परिणाम के आता है और चला जाता है। यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। यह समय से पहले मृत्यु का कारण भी बन सकता है। इसलिए आपको उन आदतों से बचना चाहिए जो किसी के लिए भी अकेलेपन का कारण बन सकती हैं।

ये आदतें आपको अकेला महसूस करवा सकती है

1 कम्फर्ट जोन में रहना

उस रूटीन और वातावरण से चिपके रहने से जिसमें आप खुद को सेफ और कम्फर्ट महसूस करते है तो ये नए लोगों से मिलने के आपके अवसर सीमित कर सकता हैं। कम्फर्ट जोन सुरक्षा की भावना प्रदान करते हैं, वे ठहराव और अकेलेपन की भावनाओं में भी योगदान दे सकते हैं। इससे आपकी ग्रोथ और आगे बढ़ने में संभावना भी कम हो जाती है।

अपनी कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर बनाने पर काम करें। एक्टिव लिसनर बनें। चित्र- अडोबी स्टॉक

2 डिजिटल स्पेस पर ज्यादा समय बिताना

हमारे डिजिटल युग में, सोशल मीडिया बाहरी दुनिया के लिए जीवन रेखा की तरह लग सकता है। हालाँकि, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर बहुत अधिक समय बिताना वास्तव में अकेलेपन और अधुरेपन की भावनाओं को बढ़ा सकता है। सोशल मीडिया अक्सर जीवन का एक क्यूरेटेड, आदर्श संस्करण प्रस्तुत करता है, जिससे तुलनाएं होती हैं जो आपको अलग-थलग या हीन महसूस करा सकती हैं।

3 अपने आसपास के लोगों में घुलने-मिलने से बचना

फिजिकल रूप से लोगों से मिलने की बजाय केवल सोशल मीडिया पर रहने से आप अकेले हो सकते है। किसी के इनविटेशन को ठुकराना या सामाजिक कार्यक्रमों से दूर रहना अकेलेपन का चक्र बना सकता है। कभी-कभी अकेला रहना स्वाभाविक है, लेकिन आदतन टालमटोल आपको सार्थक रिश्ते बनाने और बनाए रखने में बाधा बन सकता है।

4 किसी एक रिश्ते में पूरी तरह खो जाना

अपनी सभी सामाजिक ज़रूरतों का बोझ पार्टनर पर डालने से दूसरे तरह के रिश्तों से अलगाव हो सकता है। एक संतुलित सामाजिक जीवन बनाए रखना महत्वपूर्ण है जिसमें दोस्ती और पारिवारिक संबंध शामिल हों। रिलेशनशिप में ज्यादातर लोग एक दूसरे में ही ज्यादा समय बिताते है जिससे वे सोशल कनेक्शन नहीं बना पाते है।

5 सभी को खुश करने की कोशिश करना

आप सोचेंगे कि लोगों को खुश करना और दूसरों की इच्छा के अनुसार चलना आपको दोस्त बनाने में मदद करेगा। लेकिन लगातार लोगों की ज़रूरतों को अपनी ज़रूरतों से ऊपर रखना निश्चित रूप से आपको अंदर से अकेला महसूस करा सकता है। ऐसा तब होता है जब आप अपनी सच्ची भावनाओं को अपने तक ही सीमित रखते हैं।

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अकेलेपन से बाहर कैसे निकलें (How to overcome isolation)

1 नई एक्टिविटी और वातावरण में शामिल होने की कोशिश करें। क्लबों में जाएं, वर्कशॉप में भाग लें। ये नए अनुभव आपको समान विचारधारा वाले व्यक्तियों से मिलवा सकते हैं और आपके सोशल नेटवर्क को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते है।

2 ज्यादा लोगो के बीच जाना और कार्यक्रम में जाना शुरू करें। भले ही शुरूआत में असहज लगें। उन आयोजनों में शामिल होकर छोटी शुरुआत करें जहां आप ज़्यादा सहज महसूस करते हैं, और धीरे-धीरे अपने सामाजिक दायरे को बढ़ाएं।

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नई एक्टिविटी और वातावरण में शामिल होने की कोशिश करें। चित्र- अडोबी स्टॉक

3 सोशल मीडिया के उपयोग को सीमित करें और असल जीवन की बातचीत पर ध्यान दें। सोशल मीडिया को चेक करने के लिए अलग समय बनाएं और उन गतिविधियों को प्राथमिकता दें जिनमें आमने-सामने बातचीत हो।

4 अपनी कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर बनाने पर काम करें। एक्टिव लिसनर बनें। जब किसी से बात कर रहे हों, तो आई कॉन्टेक्ट बनाए रखें। उन विषयों पर बात करें, जिन्हें आप और दूसरे लोग भी पसंद करते हैं। असहमति होने पर भी दूसरों की बात का सम्मान करें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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