रिश्ते के टूटने की कगार पर आने के बावजूद उसका एक सिरा हम अपने हाथ में ज़बरदस्ती बनाए रखते हैं। जिस रिश्ते में हम इमोशनली इन्वेस्ट होते हैं, उससे बाहर निकलते हुए हर बार यह यह कश्मकश बनी रहती है कि फिजिकली तो शायद अलग हो भी जाया जाए पर इस रिश्ते से भावनात्मक रूप से अलग कैसे हुआ जाए? तो डियर लेडीज़, अगर आप भी किसी ऐसे ही रिश्ते में फंसी हुई हैं और आपको यह पता चल चुका है कि आपको इससे बाहर निकलना है, तो आपको बधाई क्योंकि आप आत्म विकास और स्वतंत्रता की दिशा में पहला कदम उठा चुकी हैं। अब जानिए कि इससे भावनात्मक रूप से अलग कैसे होना है।
जिन लोगों को किसी न किसी वजह से अपनों से अलग होना पड़ा, वे हमेशा अलग होने वालों को याद करते हुए खुद को तकलीफ देते रह जाते हैं। कई बार आप दूर गए लोगों की उपस्थिति को महसूस करना चाहती हैं। पर ऐसा असम्भव है और इस स्थिति में आप लगातार निराशा की ओर बढ़ने लगती हैं। क्योंकि कई बार बिछड़े हुए लोगों को भूलने की कोशिश में ही आप उन्हें बेहद याद करने लगती हैं। ये भावनानाएं जीवन में आगे बढ़ने और खुश रहने के रास्ते में रकावट बन कर सामनेआती हैं।
यह भी देखने को मिला है कि भले ही व्यक्ति किसी जहरीले यानी टॉक्सिक रिश्ते में हो, भावनात्मक अलगाव मुश्किल हो जाता है, यह जानने के बावजूद कि यह जुड़ाव आपके मानसिक कल्याण और शान्ति के लिए ठीक नहीं और आपके व्यक्तिगत विकास के लिए आपका उस रिश्ते को छोड़ना अनिवार्य रूप से महत्वपूर्ण है।
अगर आप वाकई ऐसी स्थिति में फंसी हैं, जहां इस स्थिति से निकलने में आपको दिक्कत आ रही है, तो यह बेहद ज़रूरी है कि यह समझा जाए कि किसी व्यक्ति से अलग होने का मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें भूल जाती हैं या उनसे कम प्यार करने लगती हैं। यह सिर्फ अपने रिश्ते को देखने का आपका नजरिया बदल देता है।
कई बार दूर होना भविष्य के लिहाज से ज़रूरी होता है क्योंकि आने वाले समय में यह आपके विकास में सहायक बनने के साथ ही आपकी खुशी का कारण भी बनता है। हम सभी को यह जानने की आवश्यकता है कि हमारे जीवन में सब कुछ और हर बात अस्थायी है, इस दुनिया में किसी के पास भी अनंत काल तक जीने की शक्ति नहीं है और हर चीज़ कभी न कभी ख़त्म भी होगी और दूर भी जाएगी।
की चीफ मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट ऋचा वशिष्ठ के मुताबिक लोगों से भावनात्मक रूप से अलग होना सीखना जीवन में आगे बढ़ने और इसे जी भर के जीने के लिए बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट रिचा वशिष्ठ कहती हैं कि अलगाव लोगों को व्यक्तिगत विकास की ओर बढ़ने में मदद करता है, जो उन्हें स्वस्थ संबंधों के लिए तैयार कर सकता है। एक व्यक्ति के साथ स्वस्थ जुड़ाव बनाना और फिर भी खुश रहना संभव है।
जीवन में आपके पास जो चीजें हैं, उन चीजों के प्रति सचेत रहें और यह कभी न भूलें कि आपको जो हासिल है आप उसके लिए आभारी हैं। ऐसी ब्लिसफुल चीजों की एक लिस्ट बनाएं। खुश रहने को ग़ालिब ख्याल अच्छा है, ग़ालिब का यह शेर तो आपने ज़रूर सुना होगा बस तो यह भी लिस्ट आपको यह एहसास दिलाएगी कि जो नहीं है कोई बात नहीं। साथ ही यह सूची आपके दिमाग में इस बात को मजबूत करने में मदद करेगी कि आपके पास जीने और खुद को भाग्यशाली समझने के लिए ढेरों अन्य चीज़ें भी हैं। यह लिस्ट आपको यकीन दिलाने में मदद करेगी कि किसी एक व्यक्ति के साथ न रहने से आपका जीवन पटरी से नहीं उतर जाता।
अपना समय किसी सुकून देने वाले रचनात्मक काम में लगाएं। कोई ऐसा कम जिसके बारे में आप भावुक हों या जुड़ाव महसूस करती हों। यह कुछ भी हो सकता है जैसे नाचना, गाना, पेंटिंग करना या कोई खेल खेलना। यह आपको न सिर्फ क्रिएटिव सेटिस्फेक्शन देगा, बल्कि आपको इंगेज रख कर आपके मूड को भी खुशनुमा करेगा।
यह आपको आज़ाद महसूस कराएगा और आपको खुश रहने या अपने भीतर के खालीपन भरने के लिए लोगों की कम ज़रुरत पड़ेगी। यह जीवन में भावनात्मक अलगाव यानी इमोशनल डिटैचमेंट अभ्यास करने का एक शानदार तरीका है।
यदि कोई व्यक्ति जीवन में अपनी आवश्यकताओं की पहचान करने में सक्षम है और जानता है कि उसे क्या मोटिवेटेड और खुश रहने के लिए क्या चाहिए, तो उसका संतुष्ट और खुश रहना आसान हो जाएगा। जब कोई इस बोध तक पहुंच जाता है, तो उसे अपने जीवन में किसी अन्य व्यक्ति की आवश्यकता महसूस नहीं होती है। वह खुश रहता है, भले ही कोई उसके साथ हो या नहीं।
रिश्ते में खुश रहते हुए भी अलग होने की कोशिश करना सबसे कठिन है। ऐसे समय में न तो व्यक्ति को अलग होने की आवश्यकता महसूस होती है और न ही वह अलग होना चाहता है। लेकिन फिर भी, एक स्वस्थ रिश्ते के लिए यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको अपना स्पेस बनाए रखने में मदद करता है। यह बेहद ज़रूरी है कि आप जिस भी रिश्ते में हैं उसमें सामने वाला व्यक्ति अपनी सीमाओं को जाने और उसे यह एहसास रहे कि कब आपको अपने मी स्पेस की ज़रुरत पड़ेगी या पड़ सकती है।
जब व्यक्ति व्यस्त दिन भर की थकान या काम के बाद बिस्तर पर जाता है तो उस समय शांत समय होने के कारण भूली हुई बातें या व्यक्ति भी बहुत याद आता है। दूर गए व्यक्ति के विषय में सोचते सोचते वह निराशाजनक विचारों से घिर जाता है।
यदि आप भी ऐसे दौर से गुज़र रही हैं तो अपने मन से नकारात्मक भाव खाली करने की कोशिश करें । सोने से पहले 10-15 मिनट के लिए मेडिटेशन करने का प्रयास करें या कोई अच्छी किताब पढ़ने की कोशिश करें।ये हैक्स आपके दिमाग को शांत करेंगे और आपको मानसिक शांति देंगे।
इन उपायों का पालन करने के बावजूद, यदि आप अभी भी खुद को भावनात्मक रूप से परेशान पाते हैं, तो पेशेवर मदद लेने और भावनात्मक अलगाव में मदद करने के लिए मनोवैज्ञानिक से परामर्श करने में कोई बुराई नहीं है।
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