हम अपना लक्ष्य हासिल करने में चूक भी सकते हैं। असफलता हासिल होने पर हमारा आत्मविश्वास डगमगाने लगता है।हमारा कांफिडेंस डगमगाने लगता है। हम अपने भाग्य और किस्मत को कोसने लगते हैं। फिर इस पर विचार करने लगते हैं कि खोया हुआ आत्मविश्वास कैसे वापस आये। दरअसल, हमारी आदतें आत्मविश्वास को प्रभावित करने में मुख्य भूमिका निभाती हैं। ये आदतें भले ही हमें बिल्कुल छोटी लगें। पर आत्मविश्वास या कांफिडेंस को बूस्ट अप करने के लिए इन बुरी आदतों से बचना (how to boost confidence level) होगा। इन आदतों से छुटकारा पाना होगा।
‘गेट आउट ऑफ़ योर माइंड एंड इंटू योर लाइफ’ के लेखक स्टेफन सी हेज कहते हैं, ”कॉन्फिडेंस और कुछ नहीं आपकी सोच है। यदि आप आपने लिए पॉजिटिव सोचते हैं, तो आपका कॉन्फिडेंस लेवल हाई रहता है। वहीं यदि आप अपने लिए नेगेटिव सोचते हैं, तो आपका कॉन्फिडेंस लेवल लो रहता है। पॉजिटिव विचार असफल होने पर भी आपको निराश नहीं होने देती है।”
लक्ष्यों को निर्धारित करना और पूरा करना किसी के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है। लेकिन करियर और परिवार में अति महत्वाकांक्षा आपको निराश कर सकती है और आत्मविश्वास भी डगमगा सकता है। हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करें। करियर में, रिश्तों में, या स्वास्थ्य में – आपको असफलता और निराशा के लिए स्थापित करने की संभावना है। अर्जेंटीना के विश्वविख्यात फुटबालर लियोनेल आंद्रेस मेस्सी कहते हैं, जब हम अपने लक्ष्यों तक नहीं पहुंचते हैं, तो हम प्रेरणा और आत्मविश्वास दोनों को खो देते हैं। इससे सिर्फ असफलता ही हाथ लगती है। इसलिए पहले छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करें। उन लक्ष्यों को सीढ़ी दर सीढ़ी की तरह पार करने की कोशिश करें। जब आपको छोटी सी उपलब्धि भी मिलती है, तो आपका कॉन्फिडेंस बूस्ट अप होता है।
हम हमेशा ऑलराउंडर बनना चाहते हैं। इसके पीछे हमारी सोच होती है कि यदि सभी काम को पूरा कर लिया जायेगा, तो हमारी खूब तारीफ होगी। हमें खूब वाहवाहियां मिलेंगी। काम के बोझ से लद जाने के कारण कुछ काम ठीक तरह से पूरे हो पाते हैं, तो कुछ नहीं। फिर असफल होने पर हम दुखी होते हैं और हमारा आत्मविश्वास भी खोने लगता है। फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो कहते हैं, ‘अपनी प्राथमिकताओं पर विचार किए बिना सभी के लिए काम करने का कोई औचित्य नहीं है।जो आपके करियर के ग्राफ को ऊपर उठाने में मदद करे, उसी काम के लिए हां कहिये और काम कीजिये। इसमें असफलता मिलने का चांस भी घट जाएगा। आप अपना लक्ष्य पूरा करने में पूरी कोशिश लगा देंगे।’ इसलिए हर काम के लिए हां कहने से पहले कई बार विचार करें।
हम हर दो मिनट पर सोशल साइट के स्टैट्स, वाल को खंगालते रहते हैं। दूसरे के हासिल और सफलता को देख-देखकर कुढ़ते रहते हैं।
दूसरों की तुलना खुद से करते हैं और अपना आत्मविश्वास प्रभावित कर लेते हैं। साइकोलॉजिस्ट आरती आनंद के अनुसार, सबसे पहले व्यक्ति को हर दो मिनट पर सोशल साइट देखना बंद कर देना चाहिए। यदि अपने आत्मविश्वास को बनाये रखना चाहती हैं, तो सिर्फ रचनात्मक कार्यों के लिए इनका उपयोग करने की आदत डालें।
व्यायाम की तरह मुस्कुराना भी आत्मविश्वास बढ़ा सकता है। हमेशा बुझा और उदास चेहरा खुद के साथ-साथ दूसरों के मूड को भी बिगाड़ सकता है। इससे न सिर्फ आपका काम बिगड़ सकता है, बल्कि आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंच सकती है।सकारात्मक सोचें और हमेशा खुश रहने की कोशिश करें।
भारतीय फुटबॉलर सुनील क्षेत्री कहते हैं, पीछे मुड़ कर देखने की बजाय हमेशा आगे की सोचें। यदि पीछे के जीवन में असफलता मिली है, तो उस पर सोचने की बजाय आगे के लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें।
मातम मनाने की बजाय गलतियों से सीखने की कोशिश करें। पिछले बुरे अनुभव आपको दुर्बल बनायेंगे और नए विचार उत्साह और आत्मविश्वास की नीव डालेंगे।
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