तनाव, थकान और चिड़चिड़ेपन से राहत दिला सकती हैं ये 5 एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटियां, जानिए कैसे करती हैं काम

आयुर्वेद में एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटियाें के बारे में विस्तार से लिखा गया है। कठिन परिस्थितियों में जब आप तनाव का शिकार होने लगती हैं, तब ये आपको राहत दे सकती हैं।
kya hota hai adaptogenic herbs
एडाप्टोजेनिक हर्बस से तनाव से निपटने में मदद मिलती है, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 16 Apr 2023, 14:00 pm IST
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एडाप्टोजेनिक हर्ब्स के जरिए लोगों का इलाज करना काफी समय से आयुर्वेद का हिस्सा है। कई तरह की समस्याओं और कई तरह की बिमारियों से लड़ने के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा है। एडाप्टोजेनिक हर्बस के गुणों के कारण ये कई समस्याओं में लाभ देता है। दैनिक जीवन शैली में एडाप्टोजेन्स को शामिल करने से कई तरह के चुनौतीपूर्ण चीजों से लड़ने में राहत मिलती है।

एडाप्टोजेनिक हर्बस से तनाव से निपटने में मदद मिलती है, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और कई तरह के स्ट्रेस से भी राहत पाने में मदद मिलती है। एडाप्टोजेनिक हर्बस शरीर में बेहतर तनाव के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया देने में मदद करती है। इससे तनाव के कई प्रभाव कम होते है।

क्या है एडाप्टोजेनिक हर्बस

एडाप्टोजेनिक कुछ पौधों और मशरूम में सक्रिय तत्व होते हैं जो आपके शरीर को तनाव, चिंता और थकान से निपटने के तरीके को प्रभावित कर सकते हैं। पौधे और मशरूम एडाप्टोजेनिक क्रियाएं प्रदान करते हैं। सेवन करने पर ये पौधे आपके शरीर में कई तरह के तनावों का सामना करने में मदद करते है।

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किसी पौधे में ये 3 गुण उसे एडाप्टोजेनिक बना सकते है

सामान्य खुराक में लेने पर यह जहरीला नहीं होता है।
यह आपके तनाव को कम करने में मदद करता है।
यह आपके शरीर को संतुलित रखता है।

जानते हैं उन एडाप्टोजेनिक हर्ब्स के बारे में जो आपको तनावपूर्ण स्थिति में रिलैक्स कर सकती हैं

एडाप्टोजेनिक हर्बस के बारे में हमें ज्यादा जानकारी दी न्यूट्रीनिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट करिशमा शाह ने, करिशमा शाह इंस्टाग्राम पर डाइट और न्यूट्रीशन को लेकिर काफी जानकारी देती हैं।

1 अश्वगंधा

करिशमा शाह नें बताया कि यह जड़ी बूटी तनाव के प्रभाव के अनुकूल होने में हमारी मदद करके संतुलन और शरीर के कामकाज को मजबूत करने का काम करती है। अश्वगंधा आराम और शांति देता है, पूरे शरीर में संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, और नर्वस सिस्टम को आराम देने में मदद करता है। लोकप्रिय रूप से अश्वगंधा को चाय में या फिर सप्लिमेंट के रूप में इसका सेवन किया जाता है। अश्वगंधा तनाव को कम करने के अलावा आपके बालों के लिए काफी अच्छा है।

अश्वगंधा को चाय में या फिर सप्लिमेंट के रूप में लिया जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2 तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्ते कई गुणों से भरपूर होते है। यह ह एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव और एंटी-बैक्टीरियल होते है। इसको चाय, काढ़ा और कई अन्य व्यंजनों में भी शामिल करके इसका सेवन किया जा सकता है। यह एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है जो इम्यून सेस्टम को भी मजबूत करती है। तुलसी के पत्ते आपके शरीर को शांत करने और एक नई उर्जा देने का काम भी करते है।

3 आंवला

यह एक सुपरफूड है जिसे आयुर्वेद में “अमलकी” के रूप में भी जाना जाता है। यह एक प्राकृतिक विटामिन सी का अच्छा स्रोत है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आंवला आपके पूरे स्वास्थ के लिए एक बढ़िया टॉनिक है। आंवला का सेवन करने से आपके शरीर को काफी तरह की समस्या से निपटने में मदद मिलाती है।

4 शतावरी

आयुर्वेद में जड़ी बूटियों को काफी माना जाता है। शतावरी एडाप्टोजेनिक को लोकप्रिय रूप से महिला प्रजनन टॉनिक के रूप में उपयोग किया जाता है, यह स्तनपान कराने वाली माहिलाओं के लिए भी शारीरिक और मानसिक तनाव से निपटने के लिए काफी अच्छा है। शतावरी का उपयोग अपच, बुखार, और गैस्ट्रिक अल्सर से निपटने के लिए भी किया जाता है। इसे पाउडर, टिंचर और टैबलेट के रूप में लिया जा सकता है।

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हजारों बरसों से भारत में हर्ब को कई बिमारियों से लड़ने के लिए भी उपयोग में लिया जाता रहा है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5 ब्राह्मी

संस्कृत और आयुर्वेद में ब्राह्मी को गोटू कोला के रूप में भी जाना जाता है। ब्राह्मी मस्तिष्क को पोषित करती है, मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद करती है और तनाव को कम करने में भी योगदान करती है। ब्राह्मी का सेवन रस, पाउडर या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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