इस समय मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ा चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि इस दौरान डिप्रेशन, एंजायटी, सहित कई अन्य मानसिक स्थितियों है, जो लोगों को आसानी से अपना शिकार बना रही हैं। इस समय लोग अधिक व्यस्त रहने लगे हैं, जिसकी वजह से वे अपने शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर उचित ध्यान नहीं दे पाते। सभी गतिविधियों से अधिक महत्वपूर्ण है, उचित खानपान।
आपकी डाइट आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकती है, या आपकी मानसिक स्थिति को नकारात्मक रूप में प्रभावित कर सकती है। शरीर में कुछ विटामिन की कमी आपके शरीर को प्रभावित करने के साथ ही आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर विटामिन डिफिशिएंसी के प्रभाव को जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने सिस्को डायट क्लिनिक की डाइटिशियन विधि चावला से सलाह ली। डाइटिशियन ने शरीर पर विटामिन डिफिशिएंसी से होने वाले नकारात्मक प्रभाव पर बात करते हुए मानसिक स्वास्थ्य के लिए इनके महत्व बताएं हैं (vitamins for mental health)। साथ ही उन्होंने इन महत्वपूर्ण विटामिन के डाइटरी सोर्स भी बताएं हैं (vitamins for mental health), तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।
मेंटल हेल्थ समस्याएं जैसे की मेमोरी लॉस, एंग्जाइटी, डिप्रेशन, इरिटेशन और इनसोम्निया की स्थिति विटामिन बी1 की कमी से हो सकती है। हमारा ब्रेन इस विटामिन का इस्तेमाल कर ग्लूकोज और ब्लड शुगर को एनर्जी में बदल देता है। ऐसे में शरीर में विटामिन B1 की कमी हो जाए तो ब्रेन के पास सामान्य रूप से फंक्शन करने के लिए पर्याप्त एनर्जी नहीं होती, और मानसिक समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। इसके अलावा विटामिन की कमी से थकान, भूख की कमी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर का सामना करना पड़ता है।
रेड ब्लड सेल्स के फॉर्मेशन में विटामिन B12 का एक बेहद महत्वपूर्ण रोल होता है। शरीर में इसके डिफिशिएंसी से ब्लड में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होता और एनीमिया की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जिसके कारण मूड स्विंग्स, इरिटेशन, कन्फ्यूजन, डिमेंशिया या हल्लुसीनेशन जैसे मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का सामना करना पड़ता है।
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जब हम विटामिन B12 और फोलेट सप्लीमेंट को एक साथ कंबाइन करते हैं, तो यह बॉडी में सेरोटोनिन और डोपामाइन का प्रोडक्शन बढ़ा देते हैं। यह दोनों हॉर्मोन एक बेहतर मेंटल हेल्थ को एस्टेब्लिश करने में मदद करता है। ओल्ड एज में यह अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।
शरीर में विटामिन B12 की उचित मात्रा को बनाए रखने के लिए एनिमल प्रोडक्ट जैसे की मछली, मीट, अंडा, लो फैट और फैट फ्री मिल्क आदि का सेवन करें। साथ ही फोर्टीफाइड ब्रेकफास्ट में भी विटामिन B12 की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इन सभी में अन्य प्रकार के विटामिन B भी मौजूद होते हैं।
विटामिन डी एड्रेनालाईन, नॉरएड्रेनालाईन और डोपामाइन के उत्पादन को नियंत्रित करता है, और मस्तिष्क के कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण हार्मोन के रूप में जाना जाता है। विटामिन डी की कमी कई तरह से प्रकट होती है, जिसमें थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, बालों का झड़ना, पीठ दर्द, त्वचा संबंधी समस्याएं, हड्डियों में दर्द और मूड में बदलाव शामिल हैं। विटामिन डी की कमी से डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं, इसलिए विटामिन डी डिफिशिएंसी को लेकर सचेत रहना चाहिए।
शरीर में विटामिन डी की मात्रा को बनाए रखने के लिए सूरज की किरणों में उचित समय बिताए। इसके अलावा सन ड्राइड ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। साथ ही मशरूम, अंडा, फैटी फिश, फोर्टीफाइड फूड्स, ग्लूटेन फ्री ओट्स आदि में भी विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड ब्रेन फंक्शन के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, यह व्यक्ति को मानसिक रूप से अधिक सक्रिय रहने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा पॉजिटिव माइंड सेट एस्टेब्लिश करने में मदद करती है। ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी से मूड स्विंग्स और डिप्रेशन जैसे मानसिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा थकान, यादाश्त की कमी, ड्राई स्किन, हृदय संबंधी समस्या और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की उचित मात्रा को बनाए रखने के लिए फ्लैक्स सीड्स, ऑयली फिश, अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियां, चिया सीड्स आदि को शामिल करें। यह सभी खाद्य पदार्थ ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रदान करने के साथ ही, आपकी मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेंगे।
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