दोस्ती (Friendship) एक बेहद खूबसूरत रिश्ता है, क्योंकि इस रिश्ते को हम पर कोई थोप नहीं सकता। इसका चुनाव हम एक जैसी सोच, पसंद या खुशी के आधार पर खुद करते हैं। अजीब बात यह है कि दोस्तों को खोने से होने वाले दुख को हमेशा कम आंका जाता है। किसी भी अन्य नुकसान की तरह, किसी मित्र के खोने पर भी हमें दुःख होता ही है। ऐसे में हमें खुद को यह अलाऊ करना चाहिए कि हम रिश्ते के ब्रेकअप की तरह ही फ्रेंडशिप ब्रेकअप से उबरने के लिए भी समय लें।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट ऋषि माथुर फ्रेंडशिप ब्रेकअप की स्थिति से निपटने के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं, “बेहद ज़रूरी है यह मानना कि आपका दोस्त अब आपके जीवन का हिस्सा नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यही होना ठीक था। दोस्त को खोने की तकलीफ से निपटने के लिए अपना समय लें, और अतीत से आगे बढ़ने में जल्दबाजी न करें, क्योंकि यह आपको भविष्य में आगे बढ़ने से रोक सकता है।”
एक दोस्त को खोना अपने सबसे करीबी विश्वासपात्र को खोने जैसा है। ऐसा नज़दीकी जो आपके सभी व्यक्तिगत विचारों और जीवन के उतार-चढ़ावों से परिचित था। उनका नुकसान निश्चित रूप से आप पर भारी पड़ सकता है और आप खुद को दुनिया से दूर करना चाहती हैं।
एक्सपर्ट माथुर के अनुसार यह ज़रूरी है कि इस सिचुएशन में आप अपने-आप से तालमेल न खोएं। किसी चीज़ को अतीत में ले जाने का एकमात्र तरीका उसके अस्तित्व को स्वीकार करना है। अपने दिमाग में आते सभी विचारों को इकठ्ठा करें। आप इसे या तो एक डायरी बनाकर या अपने फोन पर नोट्स लिखकर कर सकती हैं, जो आपके अन्दर मौजूद सभी भावनाओं को रिलीज़ होने और उनसे छुटकारा पाने में मदद करेगा।
अपने बारे में किसी से सब कुछ साझा करना, खुल कर कहना-बताना पहली बार में मुश्किल लग सकता है, लेकिन इसे शुरू करने के बाद सब बेहतर हो ही जाता है। यदि आप ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो अपने आपको खुल कर एक्सप्रेस कर सकें, तो किसी ऐसे व्यक्ति को खोजने का प्रयास करना आवश्यक है जिससे बात करके आप अपने मन के सारे गुबार बाहर निकल सकें।
यह कोई भी हो सकता है, एक चिकित्सक, आपका साथी, आपका परिवार, या आपका कोई विश्वासपात्र सहकर्मी भी। लोगों से बात करना आपको खुद को दोषी समझने से रोकता है और आपको दोस्ती के ख़त्म होने के कारणों को बेहतर करने में मदद करता है। आमतौर पर यह देखा गया है कि आपको सबसे अच्छी सलाह उन लोगों से ही मिलती है जिनसे कभी कोई उम्मीद नहीं होती।
समय के साथ, जब आप फिर से नॉर्मल महसूस करें, तो सोशलाइज़ करें लोगों से मिलें और जुड़ें। अपने आप को ग्रुप ऐक्टिविटीज़ का हिस्सा बनाएं और नए-पुराने लोगों से मिलें। अपने दोस्त को हमेशा अपनी अच्छी यादों में बनाए रखें और पर इससे अपने वर्तमान को प्रभावित न होने दें। याद रखें कि सब कुछ स्थायी नहीं हो सकता और अगर एक दोस्ती नहीं चली, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको दोस्त बनाने बंद कर देने चाहिए।
यह भी पढ़ें: यदि आपका मूड भी अकसर खराब रहता है, तो इन 5 चीज़ों को बनाएं अपना मूड लिफ्टर