ठंड के दिन नजदीक आ चुके हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे को स्कूल जाने की नहीं भी इच्छा हो सकती है। उन्हें आलस महसूस हो सकता है। या फिर किसी और कारण से भी उन्हें स्कूल नहीं जाने की इच्छा हो सकती है। इस बात की हमें जरूर जांच करनी चाहिए कि बच्चा बहाने बना रहा है या सचमुच उसके साथ कोई परेशानी है। इन्स्टाग्राम पर मशहूर कार्यक्रम गेट सेट गो विद पल्लवी की प्रस्तोता और साइकोलोजिस्ट डॉ. पल्लवी राव चौधरी बच्चों की इस समस्या पर अपने इस पोस्ट में विस्तार से बता (school refusal tips for parents) रही हैं।
डॉ. पल्लवी बताती हैं, ‘बच्चे आलस महसूस कर सकते हैं, लेकिन बेहतर होगा कि पेरेंट्स इस बात की अच्छी तरह जांच करें कि क्या बच्चों के पास स्कूल छोड़ने के कोई अन्य कारण भी हैं। उन पर भरोसा करें, उनकी बात ध्यान से सुनें और फिर निर्णय लें। अगर वे केवल झूठ बोल रहे हैं, तो इस अवसर का उपयोग उन्हें सबक देने के लिए करें।
स्कूल नहीं जाने के लिए बच्चे बहाना बना रहे हैं या सच कह रहे हैं, यह जानने के लिए डॉ. पल्लवी 3 टिप्स बता रही हैं।
बच्चे बहाना बना रहे हैं या सच कह रहे हैं, यह पता करना थोडा मुश्किल है। पर बच्चे की आदतों और व्यवहार को देखते हुए इस बात की तहकीकात की जा सकती है। यदि बच्चा पहले भी स्कूल नहीं जाने के लिए बहाने बना चुका है, तो संभव है कि वह अभी- भी बहाने बना रहा हो। यदि उसने पहले कभी झूठ नहीं बोला हो, या शिकायत नहीं की हो, तो आप अपने बच्चे की बात पर विश्वास कर सकती हैं। संभव हो कि उसे किसी प्रकार की दिक्कत हो।
बच्चे की आदतों और उसके द्वारा बताई गई स्कूल की बातों का सूक्ष्मता से निरीक्षण करें। उसके साथ स्कूल में किसी प्रकार की समस्या है या शरीर में किसी प्रकार की दिक्कत है। समस्या के मूल कारण का पता लगते ही स्पष्ट हो जायेगा कि बच्चा स्कूल नहीं जाने के लिए बहाने बना रहा है या उसे किसी प्रकार की समस्या है।
यदि बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है, तो उसका तुरंत हल करें। तबियत ठीक नहीं होने पर बच्चे के लिए पढाई करना मुश्किल भरा हो सकता है। यदि जरूरी हो, तो बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं।
बच्चा स्कूल नहीं जाने के लिए किसी प्रकार की शारीरिक चोट या किसी अन्य स्थिति की शिकायत करता है, तो किसी फिजिशियन से उसकी जांच कराना जरूरी हो जाता है। कई मामलों में बच्चे पेट दर्द, सिर दर्द, बदन दर्द का बहाने बनाते हैं। संतुष्टि के लिए उनका चेकअप कराना जरूरी हो जाता है। इससे समस्या का कारण पता चल जाएगा और निदान भी हो जाएगा।
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