Teachers day 2021 : स्वामी विवेकानंद के ये 5 विचार आपको खुद का गुरु बनने में मदद कर सकते हैं

एक अच्छा गुरु हमें अच्छे-बुरे की पहचान करना सिखाता है और कठिन परिस्थितियों में हमारा मार्गदर्शन करता है। पर एक वक्त के बाद केवल आप खुद अपने लिए सही फैसला ले सकती हैं।
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जानते हैं विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किस प्रकार टीचर्स करते है उनकी मदद। चित्र : शटरस्टॉक

एक गुरु की हमारे जीवन में बहुत बड़ी भूमिका होती है, शायद माता-पिता से भी ज़्यादा! क्योंकि वे हमें सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं करवाते, बल्कि जीवन के कई सबक भी सिखाते हैं। वे लोग बहुत सौभाग्यशाली होते हैं जिन्हें जीवन के हर मोड़ पर अपने गुरु का सनिध्य प्राप्त होता है। परंतु, कई बार ऐसा समय भी आता है जब हमें सलाह देने के लिए या सही राह दिखाने के लिए कोई नहीं होता है। ऐसे मुश्किल वक़्त में हमें खुद पर भरोसा करना और कठिन समय का निडर होकर सामना करना आना चाहिए!

इसलिए, टीचर्स डे (Teachers Day 2021) के उपलक्ष पर हम आपको बताएंगे ऐसे 5 टिप्स जिनसे आप खुद के गुरु बन सकते हैं।

1. बोलें कम और सुनें ज़्यादा

आपने अपने बड़े-बुजुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि कम बोलना चाहिए। तब आपको लगा होगा कि पता नहीं वे ऐसा क्यों बोल रहे हैं? मगर, यह सच है कि कम बोलने से और सबकी बातों को सुनने से नॉलेज, पेशेंन्स और सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है।

किसी भी काम को करने से पहले हमारे मन में एक इंट्यूशन होता है, एक ऐसी भावना जो हमें बताती है कि क्या सही हो सकता है और क्या गलत। बस इसी इंट्यूशन को गहराई से समझने के लिए चुप रहें और अपने मन-मस्तिष्क के निर्देशों को समझें।

2. खुद पर भरोसा करना सीखें

जब भी कठिन परिस्थिति आती है, तो अक्सर हम यह निर्णय नहीं ले पाते हैं कि हम सही कर रहे हैं या गलत। किसी भी परिस्थिति में हम सही निर्णय तभी ले सकते हैं जब हम खुद पर भरोसा करना सीखें।

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खुद पर भरोसा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। चित्र: शटरस्टॉक

खुद पर भरोसा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और साथ ही, इससे आपको जो खुशी होगी उसे कोई भी नहीं छीन सकता। आप छोटी-छोटी चीजों के साथ खुद पर भरोसा करने का अभ्यास कर सकती हैं।

3. अपने निर्णय खुद लेने की कोशिश करें

दूसरों की मदद लेना कोई बुरी बात नहीं है, मगर बार – बार अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए किसी और के निर्णय पर भरोसा करना आपको भारी पड़ सकता है। यह जीवन आपका है, तो इसके इससे जुड़े सभी निर्णय लेने का अधिकार भी सिर्फ आपको है।

ऐसा इसलिए, क्योंकि सिर्फ आप ही यह अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलत, आपको क्या पसंद है और क्या नहीं। इसलिए, लोगों की सलाह ज़रूर लें मगर, अंतिम निर्णय खुद ही लें!

4. सब्र रखें और मन से डर निकाल दें

कोई भी काम करने के बाद या एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने के बाद सब्र रखना बहुत ज़रूरी है। एक बार आपने अपना 100% दे दिया उसके बाद सब्र करना और सकारात्मक रहना भी उतना ही ज़रूरी है, जितना कि एक सही निर्णय लेना। अगर आप डरते रहेंगे और सिर्फ इस बात के लिए खुद को तनाव में डालेंगे कि परिणाम क्या होगा! तो इसका वाकई में अपने जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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सकारात्मक रहें और डरें नहीं। चित्र- शटरस्टॉक

5. यूनिवर्स पर भरोसा करें

योग दर्शन में ‘ईश्वर प्रणिधान’ नामक एक शब्द है जिसका मूल अर्थ है “ब्रह्मांड के प्रति समर्पण।” इसका मतलब यह नहीं है कि हम कभी कुछ नहीं करते, बल्कि इसका मतलब यह है कि जब हम पूरी लगन और मेहनत से किसी चीज़ को पाने की कोशिश करते हैं, तो हम कुछ भी प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, खुद पर और आप जिस भी दिव्य शक्ति में विश्वास रखते हैं उस पर ज़रूर भरोसा रखें।

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“तुम्हें अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना है। कोई तुम्‍हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्‍हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के आलावा कोई और गुरू नहीं है।”- स्‍वामी विवेकानंद

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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