बड़ा भाई होना एक तोहफा और जिम्मेदारी का काम है। भाई-बहन में छोटी – मोटी नोक – झोक तो चलती रहती है। मगर, काफी बार सामाजिक रूढ़ियों की वजह से इस रिश्ते में डर और सूपेरियारिटी की भावना पैदा हो सकती है। जो आगे चलकर उन्हीं सोशल टैबूज को मजबूत करती है, जिन्हें हम तोड़ना चाहते हैं। इसलिए जरूरी है कि बचपन से ही लड़कों को स्त्रियों के सम्मान और स्वतंत्रता के प्रति जागरुक करें। क्योंकि सुरक्षा का अर्थ किसी भी तरह से अधिकार जमा लेना नहीं है। यहां हैं वे जरूरी टिप्स (Rakshabandhan tips for parents) , जो आपके बच्चे को एक अच्छा और समझदार भाई बनने में मदद करेंगे।
पेरेंट्स के लिए यह समझना ज़रूरी है कि भाई-बहन एक-दूसरे के सबसे अच्छे सहयोगी, चीयरलीडर्स या सबसे अच्छे दोस्त हो सकते हैं। समाज तभी बदलेगा, जब हमारे और आपके जैसे लोग अपने बच्चों को सही सलाह देंगे। जिसकी वजह से भाई – बहन के खट्टे – मीठे रिश्ते में, जलन, ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा, बड़े- छोटे जैसे नकारात्मक भाव आने की बजाए एक हेल्दी रिलेशन बन सके। तो चलिये इस रक्षाबंधन उन टिप्स पर गौर करें जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी सुंदर बना सकते हैं।
अपने बेटे के मन से ये निकाल दें कि लड़के और लड़कियों में कोई अंतर होता है। दोनों जेंडर एक समान हैं और उन्हें उसे सम्मना देना आना चाहिए। उन्हें किसी भी तरह से यह महसूस न कराएं कि वे बहन से सुपीरियर हैं और जो चाहें वह कर सकते हैं। छोटी-मोटी नोक-झोंक भाई-बहनों में चलती रहती है, लेकिन इसका आधार प्यार होना चाहिए न कि एक – दूसरे को नीचा दिखाना।
इसमें छोटी – छोटी चीज़ें शामिल हो सकती हैं जैसे बहन की केयर करना, उसे सही नाम से बुलाना, उसकी मदद करना, शेयरिंग सीखना आदि।
अक्सर देखा गया है कि भाई काफी ज़्यादा प्रोटेक्टिव होते हैं, जिसे बहनों के प्रति उनके प्यार के रूप में देखा जाता है। मगर, उनका ये प्रोटेक्टिव एटिट्यूड, बहन की पढ़ाई, आज़ादी और अन्य चीजों में रुकावट नहीं बनना चाहिए। इसके बजाय उनको सिखाएं कि बहन को सही सलाह दें और हर कदम पर उनके साथ खड़े रहें और उनका सपोर्ट करें। ताकि बहन अपने जीवन के निर्णय खुद ले सके।
बेटों का भी घर के कामों में हाथ बंटाना उतना ही ज़रूरी है, जितना बेटियों का। यदि घर में दोनों भाई – बहन साथ में हाथ बटाएंगे, तो उन्हें साथ में काम करने की आदत पड़ेगी। इससे अच्छी बॉडिंग डेवलप होगी। किसी को यह महसूस नहीं होगा कि ये काम मेरे लिए नहीं है या यह सिर्फ बहन को ही करना चाहिए।
भाई – बहन का रिश्ता दोस्ती का होता है। और इसकी शुरुआत आपके द्वारा दी गयी सही शिक्षा से होती है। इसलिए, अपने बेटों को सिखाएं कि अच्छा दोस्त कैसे बनना है। ताकि बहन डरने के बजाय उनसे बेझिझक सब कुछ शेयर कर सके। कभी – कभी जो बातें वे अपने माता – पिता से शेयर न कर पाए तो भाई से करने में सहज महसूस करें।
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