माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को पानी से सुरक्षा, सड़क सुरक्षा और अन्य चीजों को लेकर सावधान रहना सिखते है। जैसे बारिश में रेनकोट पहनने और धूप वाले मौसम में सनस्क्रीन लगाने के बारे में सिखाने के बारे में सोचते है। लेकिन अफसोस की बात है कि कई लोग बच्चों को उनके ही शरीर और उसकी सुरक्षा के बारे में सीखाने में विफल रहते है। यह पता होने के बावजूद की आपके बच्चे की शारीरिक सुरझा सबसे पहले है, लेकिन हम फिर भी उन्हें उनके शरीर के बारे में सूचना देने में विफल रहते है।
बच्चों को शारीरिक सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना और इन चर्चाओं को शुरू करना बहुत जरूरी है न की उसे टालना चाहिए। इस विषय पर बात करने से माता-पिता और बच्चे दोनों के लिए असुविधा या आशंका हो सकती है, लेकिन इसमें देरी करने से आपके बच्चे पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। बच्चों को ये बताना जरूरी है कि आप उन पर पूरा भरोसा करते हैं और उनके साथ कुछ भी गलत होता है तो आप उनके साथ खड़े हैं।
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डाॅ आशुतोष श्रीवास्तव से, उन्होंने बताया कि बच्चों को कुछ चीजें समय के साथ बताना बहुत जरूरी है। इसमें अगर आप देरी करते है तो उसके नाकारात्मक प्रभाव हो सकते है।
अपने बच्चे को आश्वस्त करें कि अधिकांश टच सही टच होते हैं, जैसे केयर करने वालों द्वारा नहलाते या शौचालय में मदद करना, या जब डॉक्टर उनके शरीर के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। इसके विपरीत खराब टच वह है जो उन्हें पसंद नहीं है, जो उन्हें चोट पहुंचाता है, उन्हें असहज, डरा हुआ महसूस कराता है, या निजी अंगों को छूने की कोशिश करता है।
अपने बच्चों को सहमति के महत्व के बारे में शिक्षित करना और उन्हें यह समझने के लिए सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है कि उन्हें असुविधा पैदा करने वाले किसी भी शारीरिक संपर्क से इनकार करने का अधिकार है, भले ही इसमें परिवार के सदस्य या भरोसेमंद लोग ही शामिल क्यों न हों।
एक सुरक्षित और सहायक माहौल बनाने या उसको बढ़ाने के लिए जहां आपके बच्चे असहज या डर में रहने वाली स्थितियों सहित किसी भी विषय पर चर्चा करने में सहज महसूस करें। आपको उनसे हर चीज के बारे में खुल कर बात करनी चाहिए और बच्चों को डाटने या जज किए बिना उनकी बातों का आराम से सुनना चाहिए।
अपने बच्चों को उन विश्वसनीय व्यक्तियों को पहचानने में सहायता करें जिन पर वे कभी भी असुरक्षित या खतरे में महसूस होने पर सहायता के लिए भरोसा कर सकते हैं। इसमें माता-पिता, शिक्षक, परिवार के सदस्य या अन्य केयर करने वेृाले लोग शामिल हो सकते हैं जिन पर वे विश्वास करने में सहज महसूस करते हैं।
शारीरिक परेशानी को सीक्रेट रखना बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं और अधिकांश लोग बच्चों के साथ गलत करते है वे उन्हें दुर्व्यवहार को गुप्त रखने के लिए कहेंगे। अपने बच्चों को बताएं कि चाहे कोई उन्हें कुछ भी बताए, शारीरिक सीक्रेट ठीक नहीं हैं। आपके बच्चे को यह जानने और समझने की आवश्यकता है कि यदि कोई उनसे कोई असुरक्षित रहस्य रखने के लिए कहता है तो उन्हें यह बात किसी विश्वसनीय व्यक्ति को बतानी चाहिए।
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