लॉग इन

स्ट्रेस फ्री रहना है तो टैपिंग थेरेपी से करें अपने दिन की शुरुआत, जानिए इसके फायदे और करने का सही तरीका

टैपिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें हम किसी एक समस्या पर ध्यान केंद्रित करते हुए शरीर में मौजूद अलग अलग बिंदुओं पर टैप करते हैं। इससे माइंड रिलैक्स महसूस करता है। जानते हैं इसके फायदे और इसे करने की विधि।
जानते हैं खुद को हेल्दी बनाए रखने और स्ट्रेस फ्री रहने में किस प्रकार से टैपिंग थेरेपी हो सकती है मददगार। चित्र : एडॉबीस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 10 May 2023, 13:07 pm IST
ऐप खोलें

काम का बोझ इस कदर मनुष्य के जीवन को मसरूफ कर चुका है कि वो हर दम काम के स्ट्रेस में रहता है। दिनभर किसी न किसी काम में उलझे रहने के चलते खुद के लिए वक्त निकाल पाना आसान नहीं हो पाता है, जो असल में जीवन में बढ़ रहे तनाव का कारण बन जाता है। हर दम परेशानी में रहने से हमारी इमोशनल हेल्थ प्रभावित होने लगती है। इसका प्रभाव हमारी निजी जिंदगी और वर्क प्रोडक्टिविटी पर भी दिखने लगता है। योग, ध्यान और थैरेपी के ज़रिए हम अपनी हेल्थ को बेहतर और जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। जानते हैं खुद को हेल्दी बनाए रखने और स्ट्रेस फ्री रहने में किस प्रकार से टैपिंग थेरेपी (Tapping therapy) हो सकती है मददगार।

इस बारे में क्या कहते हैं शोध 

फोर्ब्स के मुताबिक ईएफटी टैपिंग (EFT Tapping) यानि इमोशनल फ्रीडम टेकनीक टैपिंग की शुरूआत थॉट फील्ड थेरेपी से संबधित है। इसकी उत्पत्ति सन् 1980 के दशक में मनोवैज्ञानिक, पीएचडी रोजर कैलहन ने की थी। टीएफटी भी ईएफटी के समान एक तकनीक है जिसमें ये दोनों ही किसी एक समस्या पर ध्यान केंद्रित करते हुए शरीर में मौजूद अलग अलग बिंदुओं पर टैप करते हैं।

तनाव में रहना, चिड़चिड़ा होना या बात.बात पर गुस्सा आना मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगता हैं। चित्र अडोबी स्टॉक

इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बता रहे हैं कि टैपिंग थेरेपी एक प्रकार की रिलैक्सेशन एक्सरसाइज है। इसमें आप बॉडी पोर्टस को पीटते है, जिससे शरीर में एक स्थान पर स्ट्रेस बढ़ता है। उसके बाद बॉडी रिलैक्स हो जाती है। अगर आप मुट्ठी को बंद करने हैं, तो उससे स्ट्रेस बढ़ने लगता है।

वहीं मुट्ठी को खोलते ही रिलैक्स महसूस करने लगते हैं। ये आपके शरीर को रेस्टलेस्नेस और एंग्जाइटी से बाहर निकले में मदद करती है। इससे बॉडी में गुड हार्मोंन भी रिलीज होते है।

टैपिंग थेरेपी को करने की विधि (How to practice tapping therapy)

इसे प्रोग्रेसिव मस्कूलर थेरेपी भी कहते है। जो पैर से शुरू होकर सिर तक जाती है।

  1. इस करने के लिए पहले आप पंजों को अपनी ओर खींचते हैं। फिर उसे ओेपोज़िट तरह मोड़ देते हैं। अब दोनों पैरों को हवा में उठाते हैं और फिर उसे छोड़ते हैं।
  2. इसके बाद पीठ को मोड़ते हैं और फिर पीठ को एकदम सीधा कर लेते हैं। उसके बाद नॉर्मल पोज़िशन में आते हैं।
  3. अब हाथों की मुट्ठी बनाकर अपने लोअर एबडोमन से लेकर गर्दन मुट्ठी से अपनी बॉडी टैप करते हैं। फिर मुट्ठी को खोल देते हैं।
  4. इसी प्रकारे ये आंख, नाक, बाजूओं और अन्य अंगों पर भी टैपिंग की जाती है। इससे शरीर में स्ट्रेस बढ़ने और बॉडी के रिलैक्स होने के मध्य इस विधि को अपना या जाता है।

जानिए आपके लिए कैसे काम करती है टैपिंग थैरेपी (tapping therapy benefits)

1. स्ट्रेस और एंग्जाइटी होगी दूर

इस थैरेपी की मदद से आपको शरीर में स्ट्रेस और रिलैक्सेशन के मध्य संतुलन बनाना आ जाता है। अपने बॉडी पार्टस पर अगर आप रोज़ाना टैपिंग करते हैं। शरीर को टैप करने में बॉडी में स्ट्रेस और एंग्ज़ाइटी बढ़ती हैं। फिर बॉडी को रिलैक्स छोड़ दें। इससे आपकी बॉडी रिलैक्सेशन महसूस करने लगती है।

एंग्जाइटी किसी को भी मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रभावित कर सकती है।चित्र : अडोबी स्टॉक

2. मेंटल और फिज़िकल परफार्मेंस

इसे करने से आपके अंदर स्थिरता पैदा होती है। इससे मांइड और ओवर ऑल बॉडी अपना संतुलन बनाए रखती है। शरीर में हैप्पी हार्मोंस रिलीज़ होते हैं। इसका असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर दिखने लगता है। आपकी मेंटल और फिज़िकल परफार्मेंस बेहतर होने लगती है। आपका शरीर आपके नियंत्रण में रहने लगता है।

3. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है

एक्यूप्रेशर के समान टैपिंग थेरेपी में भी बॉडी के प्वाइंटस को प्रैस या टैप किया जाता है। ऐसा करने से आपकी बॉडी के प्वाइंटस में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। ब्लड फ्लो बढ़ने से शरीर में होने वाली दर्द दूर होती है। इसके अलावा शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है।

4.नींद की समस्या दूर होती है

कई बार तनाव के चलते हम दिनभर कुछ न कुछ सोचने लगते हैं। इसका प्रभाव हमारी नींद नी भी नज़र आता है। पूरी नींद न लेने से दिनभर थकान का अनुभव करने लगते है। टैपिंग थेरेपी को करने से शरीर से तनाव अपने आप रिलीज़ होने लगता है।  हम खुद को हेल्दी फील करते हैं और नींद भी पूरी आने लगती है।

ये भी पढ़ें- लड़कों के मुकाबले लड़कियों में कम नजर आते हैं ऑटिज़्म के लक्षण,जानिए क्या है इसका कारण

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख