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कोविड-19 रिकवरी के बाद अगर डायबिटीज या डिप्रेशन से जूझ रहीं हैं, तो यहां है उससे उबरने का उपाय

कोविड-19 (Covid-19) से जंग जीतना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। लेकिन क्या पोस्ट कोविड इफेक्ट (post covid effect) डायबिटीज और डिप्रेशन जैसी खतरनाक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है? जानिए इससे जुड़ी जरूरी बातें।
मास्क उतारने की गलती भूलकर भी न करें। चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 29 Oct 2023, 19:57 pm IST
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यदि आप कोविड-19 से ठीक हो गए हैं, लेकिन फिर भी कुछ लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको पोस्ट कोविड सिंपटम (Post covid symptoms) हो सकते हैं। इसे कभी-कभी “लॉन्ग कोविड” (Long covid) भी कहा जाता है। कोविड के बाद के ये प्रभाव न केवल आपके निजी जीवन, बल्कि प्रोफेशनल लाइफ को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप इससे उबरने के उपाय जानें।

कोविड से उबरने के बाद भी आपको हो सकती हैं ये समस्याएं

पोस्ट कोविड-19 (Post covid) स्थिति के कुछ सबसे सामान्य लक्षणों में सांस की तकलीफ, संज्ञानात्मक शिथिलता, जिसे लोग ब्रेन फॉग कहते हैं, शामिल हो सकते हैं। साथ ही इसमें थकान भी शामिल है।

हालांकि, 200 से अधिक लक्षण ऐसे हैं जो वास्तव में रोगियों में बताए गए हैं। यह सूची काफी लंबी है। अन्य लक्षण जो रोगियों या लोगों को अनुभव हो सकते हैं, उनमें सीने में दर्द जैसी चीजें शामिल हैं। इसके अलावा बोलने में परेशानी, कुछ ने चिंता या अवसाद, मांसपेशियों में दर्द, बुखार, स्मेल लॉस, टेस्ट लॉस का वर्णन किया है।ऐसे ही एक अध्ययन में कोविड-19 रिकवरी के बाद डायबिटीज या डिप्रेशन की शिकायत की जा रही है।

लॉन्ग कोविड का असर हो सकता है डिप्रेशन। चित्र:शटरस्टॉक

पोस्ट कोविड इफेक्ट में मधुमेह और अवसाद भी हो सकते हैं शामिल

अमेरिका में पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि यह स्पष्ट नहीं है कि SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित कितने लोग पोस्ट कोविड इफेक्ट या लॉन्ग कोविड (Long Covid) से पीड़ित हैं। यह किसी व्यक्ति के बीमारी से उबरने के लंबे समय बाद अन्य दुर्बल लक्षणों का एक समूह है।

हालांकि, शोधकर्ताओं का अनुमान है कि वायरस से संक्रमित लोगों में से 15% से 80 % लोग इस स्थिति से पीड़ित हैं।

इस रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं का कहना है कि लॉन्ग कोविड डिप्रेशन का कारण बनता है। साथ ही यह रक्त शर्करा के स्तर को उस बिंदु तक बढ़ा सकता है, जहां लोग मधुमेह कीटोएसिडोसिस (diabetic ketoacidosis) विकसित करते हैं। यह संभावित रूप से टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों में जीवन के लिए खतरनाक स्थिति है।

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, लॉन्ग कोविड ब्रेन फॉग, मांसपेशियों में दर्द और थकान सहित अन्य दुर्बल लक्षणों का एक महत्वपूर्ण कारण है। यह किसी व्यक्ति के प्रारंभिक संक्रमण से ठीक होने के बाद महीनों तक रह सकता है।

उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति कोविड-19 से बहुत बीमार नहीं हो सकता है, लेकिन छह महीने बाद, खांसी या बुखार के चले जाने के बाद, उन्हें मधुमेह हो जाता है।

एक्सरसाइज यानी व्यायाम है पोस्ट कोविड इफेक्ट से बचने का तरीका

एक अध्ययन के अनुसार, व्यायाम करने से सूजन कम हो सकती है। सूजन किसी भी व्यक्ति को SARS-CoV-2 से उबरने के महीनों बाद मधुमेह और अवसाद दे सकती है। जो वायरस कोविड-19 का कारण बनता है।

इसलिए व्यायाम आपकी मदद कर सकता है। यह सूजन को डील करने में आपकी मदद कर सकता है। जो हाई ब्लड ग्लूकोज, मधुमेह और नैदानिक ​​​​अवसाद के विकास और प्रगति का कारण बन सकता है।

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इस परेशानी से छुटकारा दिलाता है रेगुलर एक्सरसाइज। चित्र : शटरस्टॉक

व्यायाम और खेल विज्ञान समीक्षा पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि पोस्ट कोविड इफेक्ट का समाधान व्यायाम है। शोधकर्ताओं ने कहा कि व्यायाम कुछ ऐसे तत्वों की रिलीज को प्रेरित कर सकता है, जो एंटी इंफ्लेमेटरी प्रतिक्रिया में मदद करते हैं। यह ब्रेन होमियोस्टेसिस का समर्थन करते हैं और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं।

कितना व्यायाम करना है जरूरी?

आपको एक मील दौड़ने की ज़रूरत नहीं है या तेज़ गति से एक मील भी चलने की ज़रूरत नहीं है। धीरे चलना भी व्यायाम होता है। आदर्श रूप से, आप व्यायाम का 30 मिनट का सत्र करेंगे। लेकिन अगर आप एक बार में केवल 15 मिनट ही कर सकते हैं, तो 15 मिनट के दो सत्र करने का प्रयास करें।

शोधकर्ताओं ने नोट किया कि दिन में एक बार 15 मिनट के लिए चलना भी शुरुआत के लिए पर्याप्त है। इसके बाद आप अपने व्यायाम सत्र को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।

सारांश

इस शोध से पता चलता है कि व्यायाम का उपयोग सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। यह उच्च रक्त शर्करा के स्तर और डिप्रेशन की ओर जाता है, और फिर टाइप 2 डायबिटीज या अवसाद के विकास या प्रगति को रोकने में मदद कर सकता है।

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अदिति तिवारी

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