फ्राइडे को बनाना है गुड फ्राइडे, तो मंडे से ही रखें इन जरूरी बातों का ध्यान

पूरे सप्ताह का पेंडिंग काम, लास्ट मिनट मीटिंग्स और दोस्तों के कॉल! क्या आपका फ्राइडे भी तनाव भरा बन जाता है? तो जानिए फ्राइडे को ‘गुड फ्राइडे’ (Good Friday) बनाने के टिप्स।
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गुड स्ट्रेस आपके मेंटल, फिजिकल और भावनातमक स्वास्थ्य के लिए अच्छा हो सकता है. चित्र : शटरस्टॉक

मंडे टू फ्राइडे वाली ये भागदौड़ भरी लाइफ किसी को भी पसंद नहीं। हर दिन मेहनत करना और सुबह से लेकर शाम तक या कभी – कभी रात तक काम करना, आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को परेशान कर सकता है। इसलिए अपने वीकेंड को वेस्ट न होने दें, पहले से ही प्लानिंग करके चलें। पूरे हफ्ते हम सभी काम के बोझ तले दबे रहते हैं। इतना ही नहीं, हमारे पास काम इतना बढ़ने लगता है कि वीकेंड भी इसकी चपेट में आ जाता है। इसलिए सबसे अच्छा है प्लानिंग करना। एक सही प्लान आपके फ्राइडेज को ‘गुड फ्राइडे’ (Good Friday) बना सकता है।

1 मंडे को बनाए प्लानिंग डे – क्या क्या करना है

अपने हफ्ते की शुरुआत थोड़ी प्लानिंग के साथ करें। आप चाहें तो अपने दिन की शुरुआत जल्दी भी कर सकते हैं। हमारी मानें, तो एक कॉपी और पेन लें और पूरे हफ्ते आपको क्या – क्या काम करने हैं, उसकी एक लिस्ट बना लें।

आप अपने मोबाइल पर भी पूरे हफ्ते की एक टू डू लिस्ट तैयार कर सकती हैं। इससे आपको हर दिन पता रहेगा कि आज क्या करना है। चाहें तो इस प्लान को अपनी वर्किंग डेस्क पर लगा लें। यकीन मानिए इससे आपको बहुत मदद मिलने वाली है।

2 सप्ताह के मध्य में करें रिव्यू – क्या हो गया, क्या रह गया

अपने वीकडेज के बीच में बुधवार को रिव्यू डे के तौर पर निर्धारित कर लें। इस दिन आंकलन करें आपने मंडे के लिखे हुए सारे कामों में से क्या – क्या कर लिया है और क्या नहीं। इससे आपको अपने प्लान के बारे में आइडिया मिल जाएगा। साथ ही, यह भी समझ आ जाएगा कि आगे क्या करना है और कितना करना। इन सब की वजह से आपको फ्राइडे पर बोझ नहीं पड़ेगा।

3 सप्ताहांत से पहले – री चैक

सारी प्लानिंग के बाद फ्राइडे को सुबह री चेक ज़रूर करें। क्योंकि कई बार ऐसा हो जाता है कि आप कुछ महत्वपूर्ण काम करना भूल जाएं। जिसकी वजह से आपको वीकेंड पर पछताना पड़ सकता है। इसलिए दोबारा चैक करना बहुत ज़रूरी है। अंत में सब कुछ देख लेने के बाद फ्राइडे को सारा काम खत्म कर लें और चैन की सांस लें।

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अपने प्लैन को रीचेक करना भी है ज़रूरी। चित्र : शटरस्टॉक

4 लास्ट मिनट मीटिंग और असाइनमेंट को कहें न

यदि आपके पास लास्ट मिनट पर कोई काम आ जाता है, तो उसे न कहने की हिम्मत रखें। हालांकि, हम सभी ऐसा सोचते रहते हैं, लेकिन कभी कर नहीं पाते। मगर यही सही है। अपने शरीर और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए लास्ट मिनट आए किसी भी काम को सहज तरीके से न कहें। यह भी एक तरह का वर्क एथिक हो सकता है।

5 वीकेंड को अपने लिए रखें

असल में वीकेंड न तो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बर्बाद करने के लिए होता है और न ही टीम ग्रुप पर चैट करने के लिए। वीकेंड आपको रिफ्रेश होने का मौका देता है। इसलिए इसे सिर्फ अपने लिए रखें। जी हां… वीकेंड पर अपने लिए या अपने घर – परिवारवालों के लिए समय निकालें। क्योंकि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। मगर वीकेंड के लिए कोई काम न रखें। नहीं तो आप इतना थक जाएंगे कि आपका मंडे थकाऊ और बोझिल होगा।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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