दिमाग़ को बूढ़ा होने से बचाना है तो नींद पूरी कीजिए, शांत रहना भी है जरूरी, जानिए क्यों
अंदर क्या है
- नींद और ब्रेन एजिंग
- नींद और दिमाग़ के बीच कनेक्शन
- हाई ब्लडप्रेशर और ब्रेन एजिंग
- हाई ब्लडप्रेशर का दिमाग़ पर असर
- नींद और हाई ब्लडप्रेशर का कनेक्शन
बदलती लाइफ स्टाइल न सिर्फ हमें शारीरिक समस्याएं दे रही है बल्कि हमारे दिमाग़ को बुरी तरह नुकसान पहुंचा रही है। लोग कम उम्र में ही अल्जाइमर, डिमेंशिया जैसी बीमारियों की समस्या से ग्रस्त हो जा रहे हैं। क्या आपको पता है कि हमारे दिमाग को वक्त से पहले बूढ़ा करने में (Brain aging) और उसे तमाम बीमारियां देने में हमारी अधूरी नींद जिम्मेदार है और इतना ही जिम्मेदार है हमारा हाई ब्लडप्रेशर। किस तरह से ये दोनों हमारे दिमाग़ पर असर कर रहे हैं। समझते हैं।
नींद और ब्रेन एजिंग ( Sleep and Brain Aging)
पर्याप्त नींद दिमाग़ के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि जब हम सोते हैं, तब दिमाग़ और शरीर दोनों को आराम मिलता है और शरीर को फिर से एनर्जी मिलती है। इसे नींद और दिमाग़ के बीच कनेक्शन को जानकर समझा जा सकता है-
नींद और दिमाग़ के बीच कनेक्शन ( Connection Between Mind and Sleep)
1. भूलने की समस्या ( Memory Disorders)
नींद के दौरान हमारा दिमाग़ नई जानकारी को स्टोर करता है और पुरानी जानकारी को उस हिसाब से एडजस्ट करता है। अब जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते तो ये प्रक्रिया बाधित होती है और इसका असर हमारी याद करने की क्षमता पर पड़ता है और आप की ज्यादा उम्र न होते हुए भी आपको भूलने की बीमारी लग जाती है।
2. दिमाग के सेल्स का नुकसान ( Damage to mind cells)
अमरीका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरॉलॉजीकल डिसऑर्डर्स एण्ड स्ट्रोक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नींद हमारे दिमाग़ के डैमेज के रिपेयर के लिए भी जरूरी है। दरअसल जब हम सोते हैं तब हमारा दिमाग उसके डैमेज्ड सेल्स की रिपेयर के लिए हार्मोन रिलीज करता है। अपर्याप्त नींद लेने की सूरत में दिमाग डैमेज रिपेयर नहीं कर पाता और फिर हमारे दिमाग़ में सूजन और सेल्स डैमेज की समस्याएं होती हैं जो हमारे दिमाग़ को और बूढ़ा (Brain aging) बनाती हैं।
3. अल्जाइमर और डिमेंशिया (Alzheimer and Dementia)
जब हम सोते हैं तो दिमाग़ अपने अंदर से टॉक्सिक प्रोटीन्स को बाहर निकालता है लेकिन अपर्याप्त नींद की सूरत में ये प्रक्रिया रुक जाती है और इससे डिमेंशिया जैसी बीमारी के खतरे बढ़ते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक नींद की कमी से दिमाग़ में β-amyloid प्रोटीन लेवल बढ़ सकता है, जो अल्जाइमर जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है।
हाई ब्लडप्रेशर और ब्रेन एजिंग ( High Blood pressure and Brain aging)
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी हमें ब्रेन एजिंग से जूझना पड़ सकता है। इसे ब्लडप्रेशर और दिमाग़ के बीच के कनेक्शन को समझ कर जाना जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर और दिमाग़ का कनेक्शन ( Connection between High Blood pressure and Brain)
1. ब्लड सर्कुलेशन में कमी ( Poor Blood Circulation)
जब ब्लड प्रेशर अधिक रहता है, तो खून वाहिकाओं में दबाव बढ़ता है, जिससे वे संकुचित हो जाती हैं। इससे दिमाग़ तक खून का प्रवाह कम हो जाता है। दिमाग़ के लिए सही मात्रा में खून का पहुंचना जरूरी है, क्योंकि इससे दिमाग़ को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। ब्लड सर्कुलेशन में कमी से दिमाग़ अपना काम धीरे कर देता है। इन समस्याओं में, सोचने में दिक्कत आना, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना, या निर्णय लेने में परेशानी जैसी दिक्कतें शामिल हैं।
2. स्ट्रोक का खतरा ( Threats of mind Stroke)
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपके दिमाग़ में स्ट्रोक का खतरा भी रहेगा। दरअसल हाई ब्लड प्रेशर की वजह से दिमाग़ की नसों पर प्रेशर बढ़ता है। इस प्रेशर की वजह से वे कमजोर हो जाती हैं। अब इसके खतरे की वजह से वे टूट सकती हैं या उनमें खून का थक्का बन सकता है, जिस वजह से अमूमन माइंड स्ट्रोक देखा गया है।
अमूमन ऐसी समस्याएं बुजुर्गों में ज्यादा देखी जाती है लेकिन अगर आपको हाई ब्लडप्रेशर है तो उम्र कोई मैटर नहीं करती क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर आपके दिमाग़ को उम्र से पहले ही (Brain aging) उसे कमजोर कर देता है।
3. डिमेंशिया का खतरा ( Threats of Dementia)
हाई ब्लडप्रेशर दिमाग़ के समय से पहले बूढ़ा होने (early brain aging) का कारण बन सकता है। अल्जाइमर्स सोसायटी नाम की एक संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिमाग़ में खून का प्रवाह ठीक से न होने से दिमाग़ में न्यूरॉन्स की कमी होती है। न्यूरॉन्स दिमाग़ में याददाश्त और सोचने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में अगर दिमाग़ में इनकी कमी हो जाती है तो याददाश्त और सोचने की क्षमता में कमी जैसी समस्याएं होती हैं।
नींद और ब्लडप्रेशर का आपसी कनेक्शन
अभी तक हमने ये जाना कि नींद की कमी से कैसे दिमाग़ कैसे बूढ़ा (Brain aging) हो जाता है। फिर ये भी समझा कि हाई ब्लडप्रेशर कैसे दिमाग़ को बूढ़ा बनाता है। लेकिन अब हम ये समझते हैं कि नींद और ब्लडप्रेशर का आपसी कनेक्शन क्या है।
जरूरत से कम नींद और जरूरत से ज्यादा नींद दोनों ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या जन्म देते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक जब नींद नहीं पूरी होती, तो शरीर में तनाव के हार्मोन बढ़ जाते हैं। यही स्ट्रेस हार्मोन्स हार्ट के काम काज पर असर डालते हैं जिससे ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है।
इसके अलावा , अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे लोग जो 10 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उन्हें भी हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो सकती है। ऐसा ज्यादा सोने की वजह से हुए हार्मोनल इमबैलेन्स की वजह से होता है। इसलिए दोनों स्थितियों से बचना ही हेल्दी ऑप्शन है।
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