लंबे वक्त से हेल्दी बॉन्ड शेयर कर रहे रिश्तें में कई बार अचानक कड़वाहट बढ़ने लगती है। इसके चलते दो लोगों के मध्य बढ़ने वाली दूरियां देखते ही देखते कई समस्याओं का कारण बन जाती है। ऐसे में लोग अक्सर खुद को एंग्जाइटी (anxiety) और चिंता से घिरा हुआ पाते हैं, जिससे रिलेशिनशिप प्रभावित होने लगता है। अधिकतर कपल्स ऐसी परिस्थितियों को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं, मगर हालात धीरे-धीरे बेकाबू होने लगते हैं। इसके फलस्वरूप रिश्ते में बढ़ने लगता है असंतुलन। ऐसे हालात से बाहर निकलने के लिए पार्टनर को थोड़ा स्पेस देना बेहद ज़रूरी है। जानते हैं वो संकेत जो इस ओर इशारा करते हैं कि आपके पार्टनर को स्पेस की आवश्यकता है (losing spark in relationship)।
इस बारे में बातचीत करते हुए मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि रिश्तों में गहरी समझ बढ़ाने के लिए प्यार और विश्वास को बनाए रखना ज़रूरी है। कई बार अपने पार्टनर की हर चीज़ का ख्याल रखते हैं, मगर बावजूद इसके रिश्ता संतुलित नहीं हो पाता है। दूसरे साथी का चीजों को छुपाना, बात बात पर चिढ़ जाना और पार्टनर को वैल्यू न देना किसी भी रिश्ते की नींव को कमज़ोर बना सकता हैं। ऐसे में रिलेशनशिप से ब्रेक लेने की जगह पार्टनर को थोड़ा स्पेस देना बेहद ज़रूरी है। कभी कभार ऑफिशियल या पर्सनल प्रॉबलम्स रिलेशनशिप पर गहरा प्रभाव डालने लगती हैं।
जब कोई व्यक्ति जीवन में बेहद करीब होता है, तो हर पल उसी का ख्याल जहन में रहता है। लेकिन अगर पार्टनर की ओर से मैसेज या कॉल का रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा, तो ये इस बात को दर्शाता है कि रिलेशनशिप में अस्पष्टता और अस्थिरता बढ़ने लगी है।
अगर पार्टनर अधिकतर समय अपने दोस्तों के साथ गुज़ारने लगे, तो जान जाएं कि रिश्ते में स्पार्क धीरे-धीरे कम होने लगा है। घर और साथी को समय देने के स्थान पर दोस्तों के साथ आउटिंग पर जाना या अकेले समय बिताना रिश्ते में बढ़ने वाली दूरी का संकेत है।
आपसी सहमति से सभी कार्यों को पूरा करने वाले कपल्स में धीरे-धीरे बढ़ने वाले मतभेद झगड़े का रूप ले लेते हैं। हर बात पर अलग विचारधारा बॉन्ड को कमज़ोर करने लगती है। अगर साथी बात-बात पर उलझने लगे और अपनी राय को सर्वोपरि मानने लगे, तो जान जाएं कि रिश्ते में स्पेस मिलना ज़रूरी है।
रिलेशनशिप में आने वाले उतार-चढ़ाव के कारण पार्टनर के सुझाव अब इंटरफैरेंस लगने लगते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन को अपने हिसाब से जीना चाहते हैं। इसके चलते उन्हें पार्टनर की उचित राय भी अनुचित लगने लगती है। ऐसे लोग पार्टनर से मन ही मन दूरी बना लेते है। रिश्ते में दोबारा फ्रेशनेस लाने के लिए एक दूसरे को समय देना ज़रूरी है।
रिलेशनशिप में दिनों दिन कम होता रोमांस रिश्ते में रैड फ्लैग का काम करता है। पार्टनर का गले लगाना और छूना जब अच्छा न लगे, तो समझ जाएं कि रिश्ते में तनाव बढ़ रहा है। इंटिमेसी से बचने के लिए अक्सर बहाने बनाना रिलेशनशिप को कमज़ोर बनाता है। ऐसे में रिलेशनशिप को स्पेस देना बेहद ज़रूरी है।
पार्टनर को समझने का प्रयास करें। इस बात को जानें कि वो कौन सी समस्याएं या परिस्थितियां हैं, जिसका सामना उसे अकेले ही करना पड़ रहा है।
कुछ वक्त अपने पार्टनर के लिए निकालें। अगर आप सप्ताह में 1 दिन पार्टनर के साथ आउंटिंग पर जाते हैं, तो उससे रिश्ते में सकारात्मकता बढ़ने लगती है।
साथी पर अपनी मर्जी थोपने की जगह केवल एक सुझाव दें। इससे व्यक्ति आ आत्मविश्वास कायम रहता है और खुद पर भरोसा बना रहता है।
किसी भी कार्य के लिए अपने पार्टनर को जिम्मेदार न ठहराएं। हर गलती का इल्ज़ाम पार्टनर को देने से वे मन ही मन परेशान रहने लगता है। इससे रिश्तों में दूरियां बढ़ने लगती है।
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