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Irretrievable Broken Relationship: ये 5 संकेत बताते हैं कि अब आपके रिश्ते में नहीं बची है सुधार की गुंजाइश, मूव ऑन करना है बेहतर

कई बार लाख कोशिशों के बावजूद रिश्ते को टूटने से नहीं बचाया जा सकता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि अपनी तरफ से रिश्ते को बचाने की कोशिश जरूर करनी चाहिए। साथ ही उन 5 संकेतों को भी पहचानना चाहिए, जो बताते हैं कि अब रिश्ते को रिपेयर कर पाना मुश्किल है।
कभी-कभी आप अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे होते हैं, इसके बावजूद रिश्ता सुधर नहीं पाता। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 9 May 2023, 14:44 pm IST
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प्रेम प्रकृति का उत्तम उपहार है। प्रेम यदि पार्टनर से भी मिले, तो इससे व्यक्ति की फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों बढ़िया रहती है। दरअसल, प्रेम जीवन के खालीपन को भरकर संपूर्णता प्रदान करता है। मगर यह जितना जरूरी है, इसे पाना उतना ही मुश्किल भी है। कभी-कभी आप अपनी तरफ से कर संभव कोशिश कर रहे होते हैं, इसके बावजूद रिश्ता सुधर नहीं पाता। इसी की इर्रिट्रेवेबल ब्रोकन रिलेशनशिप (Irretrievable Broken Relationship) कहा जाता है। यानी एक ऐसा रिश्ता जिसमें अब सुधार या मरम्मत की गुंजाइश नहीं बची है। ऐसे रिश्ते को पहचानना बहुत जरूरी है, वरना यह आपकी मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए बोझ बन सकता है। यहां हम एक खराब रिश्ते के लक्षण (sign of a broken relationship) बता रहे हैं, ताकि आप अपनी बेहतरी के लिए उससे आगे बढ़ सकें।

क्या है इर्रिट्रेवेबल ब्रोकन रिलेशनशिप (Irretrievable Broken Relationship)

इर्रिट्रेवेबल ब्रोकन रिलेशनशिप का अर्थ यह है, एक ऐसा रिश्ता जो न सिर्फ अपना आकर्षण खो चुका है, बल्कि दोनों या दोनों में से किसी एक पार्टनर के लिए घातक हो सकता है। अर्थात पति या पत्नी के बीच संबंधों को सुधारने के लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता है। डाइवोर्स के लिए केवल पार्टनर को यह दावा करना होता है कि विवाह अपरिवर्तनीय रूप से टूट गया है।

भावनात्मक आधार की कमी 

भारत में विवाह की असहमति को लेकर भी धाराएं हैं। एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन कॉन्स्टीट्यूशन के आर्टिकल 142 का हवाला दिया। धारा यह बताती है कि यदि एक-दूसरे के स्वभाव की असंगति है, तो विवाह टूट सकता है। इस डैमेज को रिपेयर नहीं किया जा सकता है। यदि विवाह में भावनात्मक आधार पूरी तरह से गायब है। यह रिपेयर से परे हो गया है, तो इस वैवाहिक बंधन और शादी को बचाने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। सार्वजनिक हित के लिए इसके संकेत को पहचानना और उसे अमल में लाना जरूरी है।

ब्रोकन रिलेशनशिप को पहचानना मुश्किल

हालांकि ज्यादातर जोड़े अलग-अलग कारणों से इसे बचाने की कोशिश करते हैं। पर अगर यह प्रयास दोनों तरफ से बराबर नहीं हो रहे हैं, तो अकेले की कोशिशों के बावजूद रिश्ता टूटने से नहीं बच पाता है। इस ब्रोकन रिलेशनशिप को पहचानना मुश्किल है। कुछ संकेत मिलने लगते हैं, जिससे यह समझ में आ जाता है कि रिलेशन को रिपेयर करना मुश्किल (relationship beyond repair signs) है। रिलेशनशिप एक्सपर्ट और साइकोलॉजिस्ट डॉ. सुवर्णा कुमार उन संकेतों के बारे में बता रही हैं।

यहां हैं वे 5 संकेत जो बताते हैं कि अब आपके रिश्ते में सुधार की गुंजाइश नहीं बची है (sign of a broken relationship) 

रिश्ते एक बार में ही नहीं टूटते हैं। इसकी नींव पहले ही पड़ जाती है। यदि आपको लगता है कि आपका रिश्ता रिपेयर नहीं हो सकता है, तो इसे जानने के लिए आपको इन संकेतों को समझना होगा।

1 कभी भी अपनी गलती नहीं मानना (Difficult to recognize broken relationship) 

डॉ. सुवर्णा कहती हैं, ‘यह देखना जरूरी है कि अपनी बात मनवाने के लिए कौन अधिक जोर दे रहा है।
यदि आप गलत बात मनवाने का भी पार्टनर पर दवाब देती हैं, तो आपको खुद में सुधार करना होगा। वहीं यह काम यदि आपके पार्टनर हमेशा करते हैं, अपनी गलत बात को मानने पर जोर देते हैं। अपने-आप में कोई बदलाव लाना नहीं चाहते या अपनी गलती नहीं मानते हैं, तो इसका मतलब है कि आपका रिश्ता मरम्मत से परे है।

2 घरेलू हिंसा और भावनात्मक दुर्व्यवहार (domestic violence)

मेंटल हेल्थ काउंसलर डॉ सुवर्णा बताती हैं, “मुझे आज भी याद है कि दिल्ली की एक पॉश सोसाइटी में रहने वाली महिला पति के शाम को घर लौटने के समय भयभीत हो जाती थी। वह उस निश्चित समय में घर आई अपनी दोस्तों और सहेलियों को जल्दी से विदा कर देती। अपने द्वारा किये गये क्रिएटिव वर्क को छुपा कर रख देती।

सालों बाद पता चला कि पार्टनर द्वारा किये गये शारीरिक शोषण, यौन शोषण, घरेलू हिंसा, भावनात्मक दुर्व्यवहार के कारण वे डर जाती थीं। यदि कोई भी महिला पार्टनर के घर आने की बात सुनकर डर और तनाव महसूस करे, तो इसका मतलब है कि उनका संबंध खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। यदि आपका साथी लगातार आपको नीचा दिखाता है। आपको हमेशा कमतर महसूस कराता है, तो यह एक अनहेल्दी रिलेशन की निशानी है। इसे समाप्त करने की जरूरत है।”

यदि आपका साथी लगातार आपको नीचा दिखाता है, तो यह एक अनहेल्दी रिलेशन की निशानी है। चित्र:अडोबी स्टॉक

3 बॉन्डिंग का खत्म हो जाना (sign of a broken relationship)

दोनों पार्टनर को एक-दूसरे की जरूरत महसूस नहीं हो रही है, तो मानिए कि यह रिश्ता अपना अर्थ खाे चुका है। कभी-कभार एक दूसरे के प्रति उदासीन हो जाना नेचुरल है। इसका लंबा खिंचना सही नहीं है। यह एक संकेत हो सकता है कि दोनों के बीच का प्रेम अब फीका पड़ गया है। यह यथास्थिति बनी रहती है, तो अपने रिश्ते पर पुनर्विचार करना जरूरी है।

हालांकि एक उम्र के बाद ज्यादातर जोड़े रिश्ते में पहला जैसा आकर्षण महसूस नहीं करते। इसके बावजूद शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक जरूरतों में एक-दूसरे का साथ पसंद करते हैं। अगर आप दोनों एक-दूसरे के लिए यह जरूरतें महसूस नहीं करते, तो आपको इस रिश्ते के भविष्य के बारे में सोचना होगा

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4 अंतिम प्रयास को भी खराब करने की कोशिश (trying to spoil the last attempt) 

रिश्ते को रिवाईव करने की कोशिश जरूर करनी चाहिए। सब कुछ खत्म हो जाने के बावजूद कुछ न कुछ जुड़ने के लिए बचा रहता है। आपसी मतभेद को भुलाकर साथ आने का जरूर प्रयास करें। इस प्रयास में दोनों का बराबर सहयोग होना चाहिए।

आपसी मतभेद को भुलाकर साथ आने का जरूर प्रयास करें। इस प्रयास में दोनों का बराबर सहयोग होना चाहिए। चित्र : अडोबी स्टॉक

यदि कोशिश करने पर कोई एक भी साथी ताने मारता है, सामने वाले की जरूरतों को नजरअंदाज़ करता है, अपनी तरफ से किसी तरह की कोशिश नहीं करता है, तो रिश्ते से बाहर निकल जाने में ही समझदारी है

क्यों जरूरी है ऐसे रिश्ते से बाहर निकलना (getting out of a relationship) 

बहुत सारे जोड़े अकेले रहने के डर के कारण, बच्चों के भविष्य और उनकी भलाई के लिए एक-दूसरे के साथ बने रहते हैं। इस बात के लिए उन्हें गिल्ट भी महसूस होता है कि बंधन के कारण खोया हुआ समय वे वापस नहीं पा सकते। यह जरूरी है कि अपने दिल और उन भावनाओं को सुना जाये, जिन्हें लगातार महसूस किया जा रहा है। रिश्ते को बोझ की तरह ढोने की बजाए सच स्वीकार करना चाहिए।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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