जानिए क्‍यों साल के अंत में आप ज्‍यादा उदास रहने लगती हैं? यहां हैं बचाव के उपाय

क्या आपको भी यह शिकायत है कि सर्दियों में आलस महसूस होता है और कुछ करने की इच्छा नहीं होती? कई बार ये महज आलस से कुछ अधिक होता है। हम बताते हैं इस बारे में सब कुछ।
सर्दियों में दिनभर दुखी महसूस करना सामान्य नहीं है। चित्र- शटरस्टॉक
सर्दियों में दिनभर दुखी महसूस करना सामान्य नहीं है। चित्र- शटरस्टॉक
Updated On: 12 Oct 2023, 05:46 pm IST
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सर्दियां किसे पसन्द नहीं, बिना ब्रा के आराम से आप हॉट चॉकलेट या कॉफी का आनन्द ले सकती हैं। लेकिन उसके साथ ही दिन भर कम्बल या रजाई में बैठने की बुरी आदत को भी बढ़ावा मिलता है। और वर्क फ्रॉम होम के कारण तो हम काम से लेकर खाना, पीना भी बेड पर ही करने लगे हैं। लेकिन क्या आपको कभी लगा कि आज कुछ काम करने का मन नहीं कर रहा! आज का दिन कितना अजीब और सैड है! अगर हां तो जान लें कि ये सामान्य नहीं है।

सर्दियों में हम सभी थोड़ा ज्यादा सोने और कम काम करने के दोषी होते हैं। लेकिन अक्सर हम लो या दुखी भी महसूस करते हैं। इस नीरसता की भावना को ही विंटर ब्लूज (Winter Blues) कहा जाता है। अगर आपको दिन भर प्रेरणाहीन, चिड़चिड़ा या दुखी महसूस होता है तो यह समस्या सिर्फ आप तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सभी के साथ ऐसा होता है।

और ये असल में एक स्वास्थ्य समस्या है। वैज्ञानिक भाषा में विंटर ब्लूज को ‘सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर’ (SAD) कहा जाता है।

क्यों होते हैं विंटर ब्लूज?

भले ही अधिकांश लोगों को सर्दियों में विंटर ब्लूज की शिकायत हो, इस समस्या को अब भी लोग मानने से इनकार करते हैं। गौरतलब है कि ये पूरी तरह वैज्ञानिक आधार पर पुष्ट है और व्यक्ति विशेष की समस्या नहीं है।

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वैज्ञानिकों का मानना है कि SAD सर्दियों में रोशनी की कमी के कारण ही होती है। माइंड नामक मेन्टल हेल्थ इंस्टीट्यूट के मासिक पेपर में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार जब रोशनी आंखों के अंदर जाती है तो शरीर के हॉर्मोन्स के स्तर में परिवर्तन होता है। धूप शरीर में स्लीप हॉर्मोन ‘मेलाटोनिन’ को कम करती है।
सर्दियों में धूप न मिलने के कारण शरीर अधिक मेलाटोनिन बनाता है जिससे आलस, चिड़चिड़ापन और अवसाद के लक्षण नजर आते हैं।

इन आदतों के कारण आप पहले ही अपने भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य को काफी नुकसान पहुंचा चुकी हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
इन आदतों के कारण आप पहले ही अपने भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य को काफी नुकसान पहुंचा चुकी हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

विंटर ब्लूज से कैसे बचें ?

इसका जवाब आसान है- पर्याप्त धूप लें। धूप में बाहर जरूर निकलें। अगर तेज धूप नहीं है, तो भी आधे घण्टे के लिए प्राकृतिक सूरज की रोशनी आपको फायदा करेगी।
अगर आपको अत्यधिक विंटर ब्लूज होते हैं, तो सर्दियों में किसी गर्म जगह छुट्टी मनाने जाएं।
अगर आपको सर्दियों में तनाव या अवसाद की समस्या होने लगती है और ये हर समय रहती है तो आपको SAD का गंभीर केस हो सकता है। इसके लिए अपने डॉक्टर से मिलें। गम्भीर केसेस के लिए लाइट थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।

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चलते चलते

लेडीज, मूड खराब होना या लो महसूस करना सामान्य नहीं है और इसको हल्के में न लें। महीने में कभी कभार ऐसी समस्या होना ठीक है, लेकिन हर आये दिन आलस लगे तो धूप में निकलना बढ़ा दें। इससे आपको पर्याप्त विटामिन डी भी मिलता रहेगा।

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