Positive parenting : जानिए क्या है पॉजिटिव पेरेंटिंग, जो बच्चों को मजबूत और कॉन्फिडेंट बनाती है

बच्चों की ग्रोथ और उनकी सफलता के लिए उन्हें माता पिता का समय और मोरल सपोर्ट दोनों की ही आवश्यकता होती है। जानते हैं पॉजिटिव पेरेंटिंग क्या है और इसके लिए किन बातों का ख्याल रखें
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हेल्दी एनवायरमेंट मिलने से बच्चा पेरेंटस के करीब आने लगता है और उसमें कॉन्फीडेंस बिल्ड हो जाता है।। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 23 Jun 2024, 02:30 pm IST
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Dr. Arti Anand
मेडिकली रिव्यूड

दिनभर के चिड़चिड़ेपन और तनाव के कारण अक्सर पेरेंटस बच्चों के साथ समय व्यतीत करना भूल जाते हैं। आधुनिक जीवनशैली के चलते वे बच्चों को पूरा समय नहीं दे पाते हैं। इसका असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर दिखने लगता है। इसके बावजूद वे बच्चों से हर पायदान पर सफल होने की उम्मीद भी रखते है। इसके चलते बच्चे प्रेशर का शिकार हो जाते हैं और माता पिता से दूर होने लगते है। बच्चों की ग्रोथ और उनकी सफलता के लिए उन्हें माता पिता का समय और मोरल सपोर्ट दोनों की ही आवश्यकता होती है। बच्चों की सफलता के लिए पॉजिटिव पेरेंटिंग बेहद ज़रूरी है। जानते हैं पॉजिटिव पेरेंटिंग (positive parenting) क्या है और इसके लिए किन बातों का ख्याल रखें।

पॉजिटिव पेरेंटिंग किसे कहते हैं (What is positive parenting)

सेंटर फॉर डिज़ीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार बच्चों की भावनात्मक ज़रूरतों को समझकर उनके मन में उठने वाले नकारात्मक विचारों का मूल्यांकन कर उसे सही दिशा प्रदान करना पॉजिटिव पेरेंटिंग कहलाता है। बच्चों के प्रति उदारता और सहनशीलता दिखाकर उन्हें आगे बढ़ने में मदद करना पॉजिटिव पेरेंटिंग का संकेत है। इससे बच्चे न केवल पेरेंटस के नज़दीक आने लगते हैं बल्कि अपने व्यक्तित्व को भी मज़बूत बनाते हैं।

इस बारे में बातचीत करते हुए डॉ आरती आनंद बताती हैं कि बच्चे के स्वभाव में दिनों दिन बढ़ रही कटुता के बावजूद बच्चों के प्रति प्रेम दर्शा कर उन्हें नैतिक मूल्यों की जानकारी देना पॉजिटिव पेरेंटिंग कहलाता है। ऐसे माता पिता बच्चों की कमियां निकालने की जगह उनको हर कार्य के लिए प्रोत्साहित करते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं। हेल्दी एनवायरमेंट मिलने से बच्चा पेरेंटस के करीब आने लगता है और उसमें कॉन्फीडेंस बिल्ड हो जाता है।

Bacchon ke gusse ko kaise shaant karein
बच्चे के स्वभाव में बढ़ रही कटुता के बावजूद बच्चों के प्रति प्रेम दर्शा कर उन्हें नैतिक मूल्यों की जानकारी देना पॉजिटिव पेरेंटिंग कहलाता है। चित्र : शटरस्टॉक

पॉजिटिव पेरेंटिंग के लिए इन टिप्स को फॉलो करें (tips for positive parenting)

1. रियलिस्टिक एक्सपेक्टेंशन (Realistic expectations)

बच्चों के साथ समय बिताएं और उनसे रियलिस्टिक एक्सपेक्टेंशन रखें, जिन्हें वो पूरा कर पाएं। बच्चों से बहुत ज्यादा उम्मीदें न लगाएं। उन्हें अपना व्यक्तित्व खुद बनाने दें और उनके मन की बात को जानना भी बेहद ज़रूरी है। इससे बच्चे पूरी मेहनत और लगन से आगे बढ़ने में सफल होते हैं। साथ ही दूसरे बच्चों से उनकी तुलना करना छोड़ दें।

2. एप्रीशिएट करें (Appreciation)

अगर आप बच्चों की छोटी छोटी गलतियां नोटिस करते हैं, तो उनके प्रयासों की सराहना भी अवश्य करें। इससे मनोबल बढ़ने लगता है और वो बढ़चढ़कर हर गतिविधि में हिस्सा लेने लगते हैं। उन्हें मोटिवेट करें, ताकि वे किसी भी कार्य को करने से न कतराएं। इससे बच्चे में आत्मविश्वास की भावना बढ़ने लगती है।

3. हर फैसले में बच्चों की राय को भी शामिल करें (Child suggestion)

छोटा समझकर बच्चों को साइन लाइन कर देने से उनमे आत्मविश्वास की कमी रह जाती है और वे हर वक्त पीछे ही रहते हैं। उन्हें आगे लेकर आने के लिए हर चीज़ में उनकी मर्जी को शामिल करें और उन्हें परिवार का ज़रूरी हिस्सा होने का भी एहसास दिलाएं। इससे बच्चा हर क्षेत्र में सफल साबित होता है।

Bacchon se baatchhet jaroori hai
छोटा समझकर बच्चों को साइन लाइन कर देने से उनमे आत्मविश्वास की कमी रह जाती है और वे हर वक्त पीछे ही रहते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

4. उदाहरण देकर अपनी बात समझाएं (Brief with examples)

रोजमर्रा के जीवन में होने वाली छोटी छोटी गतिविधियां बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है। इससे बच्चो में नाराज़गी और चिड़चिडापन बढ़ने लगता है। ऐसे में बच्चों को किसी भी बात को मानने के लिए बाध्य करने से पहले उदाहरण देकर उस समस्या से बच्चों को सचेत करें, ताकि वे उस बात को समझकर जीवन में उसे अपनाएं।

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5. इंडिपेंडेट बनाए (Be independent)

बच्चों कों उनके कार्यों को करने में हर बार मदद न करें। उन्हें अपने अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों की भी जानकारी दें, ताकि वे आत्मनिर्भर बन पाएं। उन्हें उनके हर सामान की जानकारी दें। इससे वे अपनी चीजों की हिफाज़त उचित प्राकर से कर पाएंगे और उसे आवश्यकतानुसार इस्तेमाल करेंगे। इससे बच्चों का स्वभाव मददगार बनने लगता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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