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मानसिक थकान और लो प्रोडक्टिविटी का कारण बन सकती है ओवरथिंकिंग, इन 5 उपायों से करें इसे कंट्रोल

ओवरइटिंग के अलावा ओवरथिकिंग भी हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। कई वजहों से हमारा दिमाग कभी किसी मुद्दे पर गहराई से सोचने लगता है। जानते है इसके कारण और इससे बचने के उपाय भी।
कई बार किसी बात को लेकर बार.बार सोचना हमारी मेंटल हेल्थ के लिए परेशानी का कारण भी बन सकता है। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 14 Apr 2023, 16:32 pm IST
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हर काम को हम सोच विचार करने के बाद ही अंजाम तक पहुंचाते है। सोचना जरूरी है, लेकिन अगर वो सोच आवरथिकिंग में कनवर्ट हो जाती है, तो हमें कई प्रकार से परेशान कर सकती है। कई बार किसी बात को लेकर बार-बार सोचना हमारी मेंटल हेल्थ के लिए परेशानी का कारण भी बन सकता है। अगर आपको दिन भर में बार- बार कुछ ख्याल सताने लगते हैं, तो इन्हें समझकर इन्हें कंट्रोल करना जरूरी है। यहां हम उन टिप्स के बारे में बात कर रहे हैं, जो आपको ओवरथिंकिंग (How to control overthinking) से बचाने में मददगार होंगे।

ओवरथिकिंग के लक्षण (Symptoms of overthinking)

अगर आप बात करते-करते भूल जाते हैं और चलते-फिरते किसी सामान को कहीं भी रखकर घंटों उसे ढूंढते हैं, तो यकीन मानिए कि आप ओवरथिंकिंग के शिकार हो चुके हैं।

इस बारे में डॉ युवराज बताते हैं कि जब हमारे विचार हम पर हावी होने लगते हैं, तो उस वक्त हम एक ही बात को बार-बार सोचने लगते हैं। वो विचार जो आपके माइंड में घूम रहा है, वो कई प्रकार की मेंटल डिसएबिलिटीज़ का कारण साबित हो सकता है। कई बार उम्र के साथ लोग डिमेंशिया और हाइपरटेंशन समेत कई और मानसिक रोगों के शिकार हो जाते हैं। अगर आप भी ज्यादा सोचती हैं, तो इसे नजरंदाज करने की बजाए कंट्रोल करना सीखें।

क्यों हो जाते हैं लोग ओवरथिकिंग के शिकार

अपने आप को दूसरों से कम आंकना यानी आत्मविश्वास की कमी
सोशल गैदरिंग से हर वक्त बचने का प्रयास करना
लोगों से बातचीत करने में हिचक का अनुभव होना
खुद से प्यार न करना और दूसरों के बारे में ही हर समय सोचते रहना
अपनी दिनचर्या में योग और मेडिटेशन के लिए समय न निकालना
असंतुलित और कम पोषण वाले आहार का सेवन करना।

ओवरथिकिंग से बचने के इन 5 सुपर टिप्स को ज़रूर अपनाएं

1. व्यस्त रहें

डॉ युवराज का कहना है कि इस बात को जान लें कि वो कार्य, जो आपको खुशी देता है, आपके मानसिक विकास में भी सहायत सिद्ध होता है। कई बार खालीपन ओवरथिंकिंग का कारण बन जाता है। अगर आप बार-बार एक ही बात पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे, तो स्वाभाविक है कि आपकी सोचने की क्षमता इससे प्रभावित होने लगेगी। आप किसी भी ऐसे कार्य में अपना समय दें, जिससे आपको लगाव हो। अगर आपकी रुचि कुकिंग में, पेंटिंग में या डांसिंग में है, तो उन एक्टिविटीज़ को पूरी निष्ठा से करें।

महत्वपूर्ण काम को अधिक प्राथमिकता दें चित्र: शटरस्टॉक

2. खुश रहने का प्रयास करें

उम्र किसी शौक की मोहताज़ नहीं है। अगर आपको घूमना पसंद है, तो घूमने निकल जाएं। इससे आपका मन खुशी का अनुभव करने लगता है। चार दीवारी में कैद रहकर आप दिन भर किसी न किसी सोच में उलझे रहेंगे। डज्ञॅ युवराज का कहना है कि समुद्र किनारे या फिर प्रकृति के नज़दीक जाने से हमारा मन कई प्रकार की चिंताओं को दूर रख खुशी और सुकून की प्राप्ति करता है।

3. मेडिटेशन का अभ्यास करें

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक मेडिटेशन ओवरथिंकिंग से बचने में मददगार साबित हो सकती है। यह आपके मन को शांत करती है और उन विचारों को कंट्रोल करने में मदद करती है, जो आपको मानसिक थकान दे रहे हैं।

इसके लिए सबसे पहले एकदम सीधा बैठें। उसके बाद अपनी सांस पर ध्यान केन्द्रित करें। साथ ही अपने नाक, कान, पेट और हाथों समेत सभी चीजों पर कान्संट्रेट करें। इससे आपको अपने आसपास होने वाला हल्का सा शोर भी गहराई से सुनाई देने लगेगा। इसके बाद आपके ज़हन में उठने वाले हर विचार को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ें। दोबारा से सांस पर ही पूरा ध्यान केन्द्रित करें। इससे आपके अंदर अवेयरनेस बढ़ने लगेगी।

मेडिटेशन आपके मन को शांत रखता हैं। चित्र:शटरस्टॉक

4.सोशल सर्कल बढ़ाएं

हम अपनी जिंदगी में कई बार इस कदर व्यस्त होते हैं, कि लोगो से नाता टूट जाता है। दोस्तों से नियमित तौर पर मिलना शुरू करें और अपने सर्कल को वाइड करें। दोस्तों के साथ आउटिंग पर जाएं और उनसे बात करें। उनकी जिंदगी के बारे में जानें और जिंदादिल बनने का प्रयास करें । परिवार की खुशी के अलावा खुद का ख्याल रखना आपकी पहली जिम्मेदारी है। अगर आपकी मेंटल हेल्थ ठीक होगी, ता अन्य लोग भी आपके करीब आएंगे और आप उन्हें भी खुश रख पाएंगे।

5. दूसरों के विचारों को खुद पर हावी न होने दें

किसी का कुछ कहना स्वाभाविक रूप से हमारे मन को क्षुबध कर जाता है। घंटों का समय हम केवल उस विचार को सोचने में बर्बाद कर देते हैं। इस तरह की प्रैक्टिव आपके विचार को गहन रूप से प्रभावित करती है। इससे हम ओवरथिकिंग का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में उन बातों के बारे में सोचना छोड़ दें, जो आपको मानसिक रूप से परेशान कर रही है। इसके अलावा जो व्यक्ति आपकी परेशानी का कारण है। उससे सीधेतौर पर बात करें और परेशनी का कारण खोजकर उसका निवारण कर दें।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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