मां कहानियां सुनाती है कि मेरे जमाने में सुपरस्टार राजेश खन्ना के प्रति प्रेम में लड़कियां इतनी पागल थीं कि वे उसके नाम का सिंदूर लगाती थीं। उसके साथ बच्चे पैदा करना चाहती थीं। कुछ समय पहले तक लड़कियां क्रिकेट प्लेयर सचिन तेंदुलकर से भी कुछ इसी तरह आकर्षित थीं। एक्सपर्ट मानते हैं कि ये उनका सेलेब्रिटीज के प्रति शारीरिक आकर्षण हो सकता है। वहीं दक्षिण भारत में लोग एक्ट्रेस श्रीदेवी की मूर्ति बनाकर पूजा किया करते थे। वे उन्हें अपनी बेटी जैसा मानते थे। ऐसा प्यार भावनात्मक लगाव या आकर्षण को प्रदर्शित कर सकता है। इन दोनों प्रकार के अलावा, किसी व्यक्ति के प्रति आकर्षित होने के कई और रूप हो सकते हैं। इसमें अपोजिट सेक्स के प्रति अट्रैक्शन का फंडा भी काम नहीं कर सकता है। अट्रैक्शन(Attraction) सेम सेक्स(same sex) के बीच भी हो सकता है। आइये जानते हैं कि आकर्षण कितने प्रकार का हो सकता है।
मनोवौज्ञानिक व वेलनेस एक्सपर्ट श्रुति माथुर कहती हैं, ‘जरूरी नहीं है कि हमें जो इंसान अच्छा लगता हो, हम उसके प्रति रोमांटिक रूप से या सेक्सुअली भी आकर्षित हो जाएं। कभी-कभार हमें भ्रम हो जाता है और लस्ट(lust) को ही लव(love) समझ लेते हैं। पर हम जल्दी ही इस फर्क को समझ लेते हैं और उस व्यक्ति से किसी भी प्रकार का रिलेशन बनाने से दूर हो जाते हैं। यहां यह समझना जरूरी है कि किशोरावस्था में हमारे लिए किसी के प्रति आकर्षित होना सहज होता है। हम बिना किसी व्यक्ति के व्यवहार और आदतों को जाने-समझे उसके प्रति आकर्षित हो जाते हैं। कभी-कभार तो हम ऐसे व्यक्ति के रिश्ते में बंध जाते हैं, जिन्हें हम युवावस्था या प्रोढ़ावस्था में बेवकूफी या मूर्खता का नाम देते हैं।
चर्चित स्टार सैफ अली खान पहले अमृता सिंह के प्रति आकर्षित हुए, फिर प्यार और शादी हुई। इस पर सभी ने आश्चर्य व्यक्त किया। ज्यादातर लोगों को दोनों की जोड़ी बेमेल लगी। पर दोनों का साथ लंबे समय तक बना रहा। दो बच्चे भी हुए। डॉ श्रुति कहती हैं, ‘सुंदरता हमारी आंखों में बसती है। जरूरी नहीं कि जिसके प्रति हम आकर्षित हों, जो हमें अच्छा लगे, वह दूसरों को भी अच्छा लगे। सभी की पसंद अलग-अलग होती है। अपने व्यक्तित्व के अनुसार ही व्यक्ति पार्टनर का चुनाव करता है।
काफी साल पहले भारतीय जोड़े पर सर्वे की एक रिपोर्ट आई थी। इसके अनुसार, 70 प्रतिशत से अधिक पार्टनर पति या साथी की बजाय अपनी कल्पना या सपनों की दुनिया में अपने पसंद के कई लोगों के साथ सेक्स करते हैं। यानी यौन आकर्षण किसी के प्रति भी हो सकता है। पार्टनर के साथ ओर्गाज्म होने के बावजूद आकर्षण वहीं नहीं रुकता है। यह राह चलते भी किसी के प्रति हो सकता है। यदि आप किसी को देखकर योनिक उत्तेजना महसूस करती हैं, तो यह यौन आकर्षण है।
रोमांटिक आकर्षण यौन आकर्षण से अधिक गहरा हो सकता है।जरूरी नहीं है कि इसमें सेक्स के लिए तड़प हो। व्यक्ति भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के प्रति बहुत अधिक लगाव महसूस करता है। यह मित्रता और उससे अधिक भी हो सकती है। इसमें सेक्स बहुत अधिक मायने नहीं रखता है, जबकि एक दूसरे की पसंद-नापसंद का ख्याल अधिक रहता है।
फिजिकल स्ट्रक्चर को देखकर आकर्षित होना शारीरिक आकर्षण है। सेक्स की बजाय सिर्फ छूने, चूमने की चाहत इस श्रेणी में आती है। शारीरिक रूप से करीब होना चाहता है व्यक्ति।
व्यक्ति शारीरिक या यौन की बजाय भावनात्मक आकर्षण महसूस करता है। वह उस व्यक्ति के साथ अधिक महफूज़ व्यक्त कर सकता है। यह आकर्षण समान लिंग में भी हो सकता है। जहां व्यक्ति को प्यार, सम्मान, समर्थन और स्वीकृति मिलती है, यह आकर्षण महसूस होता है। आप जिनसे अपने दिल की बात शेयर करती हैं, वे इस श्रेणी में होंगे।
इसमें किसी के प्रति आकर्षित होना जरूरी नहीं है। बस सौंदर्य को देखकर सराहना करने की इसमें चाहत होती है।
इसमें आमतौर पर सेक्स, स्पर्श, अंतरंगता या रोमांस की इच्छा शामिल नहीं होती है। उदाहरण के लिए ऐश्वर्या राय के सौंदर्य की सराहना स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं और उन्हें देखकर सेक्स की इच्छा हो, यह जरूरी नहीं है।
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कस्टमाइज़ करेंहर किसी व्यक्ति के लिए आकर्षण का अनुभव करना संभव नहीं है। मनोवैज्ञानिक और रिलेशनशिप एक्सपर्ट अनु गोयल कहती हैं, कम उम्र में हुआ आकर्षण टिकाऊ हो, यह जरूरी नहीं है। वह किसी के प्रति आसक्त हो सकता है और उसका जी ऊब सकता है।व्यक्ति में जैसे जैसे परिपक्वता आती है, उसका आकर्षण क्षणिक नहीं हो सकता है, उसका आकर्षण टिकाऊ होने लगता है। रिश्ते के लिए, चाहे वह डेट या सौल्मेट या फ्रेंड सभी के चुनाव के लिए आत्म-जागरूकता बेहद जरूरी है। रिश्तों में आकर्षण की जांच आप स्वयं कर सकती हैं। आप किसी व्यक्ति के बारे में कैसा महसूस करती हैं। आंखें बंद कर हर व्यक्ति पर विश्वास करना और आकर्षित महसूस करना गलत है।
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