हेल्दी डाइट, कैलोरीज पर कंट्रोल और जरूरी व्यायाम – वेट लॉस के लिए यही परफेक्ट मंत्र है। है न ? अगर आपको भी लगता है कि वजन घटाने के लिए सिर्फ इतना ही काफी है, तो बधाई हो। आप भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं, जिन्हें यह लगता है कि वेट लॉस सिर्फ फिजिकल गेम है।
पर आपके ये फिजिकल गोल तब तक पूरे नहीं हो सकते, जब तक आप मानसिक रूप से इसके लिए तैयार न हों। हम यहां उन साइकोलॉजिकल फैक्टर्स की बात कर रहे हैं, जो शायद आपके वजन को कम होने वाले ट्रैक पर नहीं आने दे रहे। स्वभाविक है, जब तक आप इन पर काबू नहीं पा लेतीं, तब शारीरिक मेहनत से भी ज्यादा लाभ होने वाला नहीं है।
अगर आपकी मानसिकता में सब कुछ या कुछ भी नहीं का दर्शन शामिल है, तो सबसे पहले आपको अपनी मानसिकता बदलनी होगी। लाइफस्टाइल और डायट बदलने से पहले इस पर काम करने की जरूरत है।
जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वेट लॉस के सफर को तभी कामयाब किया जा सकता है जब आप अपनी डायट का पूरी तरह से पालन करते हैं। जबकि एक चीट मील आपकी पूरी मेहनत पर पानी फेर सकता है।
लॉजिक बहुत सिंपल है। एक हैवी डायट, या एक बार का जिम स्किप करना आपको दोबारा ऐसा करने की संभावना बढ़ा देता है। इससे वह रूटीन टूटता है जो अभी तक आपने बहुत मेहनत से बनाया था। आप वापिस उन्हीं अनहेल्दी चीजों की तरफ लौट जाती हैं, जिन्हें छोड़ने के लिए आप बहुत मेहनत कर रहीं हैं।
आपको यह तो पता है कि खुद को सही वजन में लाने के लिए आपको कितनी कैलोरी कम करनी है, पर क्या आपको यह पता है कि वेटलॉस के लिए सेल्फ एस्टीम यानी आत्म सम्मान का इंटेक कितना होना चाहिए? खुद को कम आंकना या अपनी आलोचना करना अब आपको बंद करना पड़ेगा।
“मैं अच्छी नहीं दिखती”, “जिम में आने वाले लोग इतने फिट होते हैं, मैं उनके बीच में कितनी अजीब लगूंगी “, “यह मुझसे नहीं हो पाएगा”। हर रोज इस्तेमाल होने वाले ये वे शब्द हैं, जो आपका खुद पर से विश्वास कम करते हैं। इन निगेटिव मान्यताओं को छोड़ने के बाद ही आप जीवन का और फिटनेस का आनंद ले पाएंगी।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ प्राइवेट मनोचिकित्सक, रॉयल सोसाइटी ऑफ़ हेल्थ (यूनाइटेड किंगडम) के सदस्य डॉ. पी.के. मैग्लिक कहते हैं, “ज्यादातर लोग यह मान बैठते हैं कि वेट लॉस करना वाकई बहुत मुश्किल काम है और बस इसी वजह से वे ओवर वेट होकर घूमते रहते हैं। जबकि कुछ लोग अपनी बॉडी की तुलना दूसरों से करने लगते हैं। ऐसे लोग भी लो सेल्फ एस्टीम से ग्रस्त होते हैं। जो उनके वेटलॉस की राह में एक और बड़ी बाधा है।”
आपके अनुभवों में वेटलॉस का कारण कुछ भी हो सकता है। अपने लुक के प्रति असंतोष होना, लाइफस्टाइल से संबंधित कोई बीमारी जिसे कंट्रोल करने के लिए वेट लॉस जरूरी है, कोई शादी जिसमें आप सुंदर दिखना चाहती हैं, या फिर मन का कोई ऐसा तनाव जिसे आप वर्कआउट के जरिए निकाल देना चाहती हैं। असल में कोई भी कारण जो आपको हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए प्रेरित करे, आपको उसे अपना लेना चाहिए।
निश्चित ही, वर्कआउट के जरिए अपनी फ्रस्टेशन को बाहर निकालना वाकई एक बेहतर आइडिया है, पर कभी-कभी यह आइडिया उल्टा भी पड़ सकता है।
तो जब भी आप गुस्से में हों, उदास हों तो आपको जिम जरूर जाना चाहिए। इससे आप अच्छा फील करेंगी। पर तब क्या होगा जब आप उदास नहीं होंगी यानी आपका मूड अच्छा होगा? हो सकता है कि आप जिम मिस कर दें और आपकी वेटलॉस जर्नी फिर से डिस्टर्ब हो जाए।
जब आप उदास होती हैं तो आइसक्रीम आपके चेहरे पर मुस्कान ले आती है। और जब बहुत ज्यादा तनाव में होती हैं तो पास्ता खाकर आप बेहतर महसूस करती हैं। और जब आप खुश होती हैं, तो उन पलों को बटर चिकन के साथ सेलिब्रेट करना चाहती हैं।
दि क्लीनिकली ऑबेसिटी मेंटेनेंस मॉडल (The Clinical Obesity Maintenance Model) के अनुसार अगर हर तरह की मनोदशा का समाधान आपके यहां कुछ न कुछ खाकर ही होगा, तो आपकी वेटलॉस जर्नी कभी पूरी नहीं हो पाएगी।
डॉ. मैग्लिक वेट लॉस के लिए साइकोलॉजिकल फैक्टर्स पर काबू पाने को वेटलॉस के लिए बहुत जरूरी मानते हैं और इसके लिए वे निम्न तरीके सुझाते हैं :-
बस जरूरत है संतुलन बनाए रखने की।