आपकी मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखती हैं आउटडोर गेम्स, जानिए मस्तिष्क पर इनका प्रभाव
एक गतिविधि के रूप में स्पोर्ट्स हमे कमिट्मेंट से लक्ष्य प्राप्त करने तक का पाठ सिखाता है, तनाव कम करता है, लीडरशिप स्किल्स को बढ़ावा देता है, साथियों क लिए सम्मान की अनुभूति करवाता है और असफलता का सामना करना सिखाता है। हॉकी, क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक, आउटडोर गेम्स अपने खिलाड़ियों को सामाजिक क्षमता और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करते हैं। आप में से बहुत से लोग स्पोर्ट्स के फैन होंगे, चाहे वह खेलना हो या देखना। शारीरिक खेल और फिटनेस का स्वाभाविक संबंध है, लेकिन खेल कई प्रकार के मानसिक लाभ भी प्रदान करते हैं।
क्या कहते हैं अध्ययन
जर्नल ऑफ एडोलसेंट हेल्थ के एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग टीम स्पोर्ट्स खेलते हैं, उनमें तनाव कम होता है और उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। अध्ययन में पाया गया कि स्पोर्ट्स खेलने से ग्रुप गोल्स को हासिल करने की इच्छा होती है, जिससे एकता की भावना विकसित होती है। यह लंबे वक्त में मानसिक स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद साबित होता है।
जानिए कैसे स्पोर्ट्स आपके मानसिक स्वास्थ्य को बूस्ट कर सकती हैं
खेल खेलने से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर छोटे-छोटे परंतु बहुत गहरे प्रभाव होते हैं
1 मूड को बूस्ट करना
शारीरिक गतिविधि के कारण शरीर में एंडोर्फिन (endorphin) और सेरोटोनिन (serotonin) नाम के केमिकल्स निकलते हैं, जिससे आप खुश और तनावरहित महसूस करने लगते हैं। यह बदले में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल (cortisol) के स्तर को कम करता है, क्योंकि मूड अपलिफ्टर न्यूरोट्रांसमीटर, जिसे नॉरपेनेफ्रिन (norepinephrine) कहा जाता है, उत्तेजित हो जाता है।
तो, अगली बार जब आप अपना पसंदीदा स्पोर्ट्स खेल रहे हों, और आश्चर्य करें कि आप रीलैक्स क्यों महसूस कर रहे हैं, तो अब आप जानते हैं कि सेरोटोनिन और एंडोर्फिन आपके मूड को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।
2 स्वाभिमान और आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं
खेल में लक्ष्य निर्धारित करना, टीम के सदस्यों के साथ कॉर्डिनेट करना और लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करना ज़रूरी है। इस प्रक्रिया में खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करने के साथ मज़ा भी कर सकता है। यह आत्मविश्वास के स्तर और आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने में मदद करता है, क्योंकि हर खेल के साथ अपनी खासियत का पता चलता है।
3 फोकस बढ़ाने में कारगर
खेल में केवल मनोरंजन और शारीरिक विकास ही नहीं होता है, बल्कि स्पोर्ट्स में कई परिस्थितियों को पहले ही परख लिया जाता है। इसके लिए कॉगनिटीव स्किल्स (cognitive skills) जैसे सही सोचना और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को नियमित व्यायाम से विकसित किया जाता है।
4 डिप्रेशन (depression) और एंग्जायटी (anxiety) को कम करता है
व्यायाम और स्पोर्ट्स नैचुरल एंटी-डिप्रेसेंट (anti-depressant) का काम करते है। यह एंडोर्फिन (endorphin) का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे कोर्टिसोल (cortisol) कम होता है और तनाव या चिंता में से मुक्ति मिलती है। साइकियाट्रिया डेनुबिना (Psychiatria Danubina) नामक पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, निरंतर व्यायाम से हल्के डिप्रेशन और चिंता पर काबू किया जा सकता है।
तो लेडीज़, शुरू हो जाएं और अपना पसंदीदा खेल खेलकर अपने मूड, फिटनेस के स्तर और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए तैयार हो जाए!
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