प्यार हर एक के लिए अद्भुत हाेता है। कहां तो एक मिनट की दूरी भी बर्दाश्त नहीं होती और कहां मीलों की दूरी भी प्यार के आड़े नहीं आती। डिजिटल मीडिया बूम के बाद से लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में भी एक तरह की बॉन्डिंग डेवलप हो गई है। यही मीडिया जहां दो दिलों को जोड़ने का माध्यम बनता है, वहीं कभी-कभी दोनों में गलतफहमी भी पैदा कर सकता है। यहां आज हम उन गलतियों (Long distance relationship mistakes) की ओर आपका ध्यान दिला रहे हैं, जो लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
प्यार किसी दूरी का मोहताज नहीं हैं। जब दो लोग एक दूसरे से प्यार करते हैं, तो मीलों की दूरी भी उनके दरमियान फासला पैदा नहीं कर पाती है। वे भले ही एक- दूसरे के आसपास मौजूद नहीं होते हैं। मगर दिलों में प्यार और अपनापन हर क्षण बना रहा है। ऐसा नहीं है कि इस रिश्ते में खटास नहीं आती है या ये रिश्ता किसी परीक्षा से होकर नहीं गुज़रता है। वे दो लोग जब खुद को दूर महसूस करने लगते है, तो कही न कहीं अपने पार्टनर को लेकर इनसिक्योग हो जाते हैं। नतीजन कुछ गलतियां कर बैठते हैं। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं, वो बातें, जो आपको अपने लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में करने से बचना है।
इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हलद्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि लॉन्ग डिसटेंस रिलेशनशिप में एक दूसरे से बात बात पर उम्मीद लगाने से बचना चाहिए। एक्सपेक्टेंशन हमारे रिश्ते का कमज़ोर करने का काम करती है। एक्सपेक्टेंशन फुलफिल न होने पर हम खुद को अपने पार्टनर से श्रेष्ठ साबित करने लगते हैं। इससे रिश्ते में गलत फहमियों का दौर शुरू हो जाता है। एक दूसरे का समझना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा अगर आप एक दूसरे को नीचा दिखाएंगे, तो रिश्ते में विश्वास और प्यार की नींव कमज़ोर होने लगती है।
बहुत बार ऐसा होता है कि हमारा पार्टनर फोन नहीं पिक कर पाता हैं या इंस्टेंट मेसेज का जवान नहीं देता है। ऐसे में मन ही मन ये विचार उत्पन्न हो जाता है कि कहीं उसकी लाइफ में कोई और तो नहीं है। क्या वो मुझे अवॉइड तो नहीं कर रहा। क्या वो किसी और की तलाश तो नहीं कर रहा।
इस तरह के सवाल कुछ ही मिनटों में हमारे दिमताग के आस पास गोल गोल चक्कर काटने लगते हैं। पार्टनर का जवाब न आने का अर्थ ये नहीं है कि आप उस पर शक करने लगें। आपको कुछ देर इंतज़ार करना चाहिए। साथ ही लगातार कॉलिंग करने से बचना चाहिए। शक करने से रिश्तों में दरार का आना लाज़मी है।
अगर आपका पार्टनर आपकी सिटी में नहीं है और आपसे दूर है, तो हर सप्ताह या 15 दिनों में मिलना आसान नहीं हो पाता है। ऐसे में बार बार मिलने की जिद्द करना और बिना बताए मिलने चले जाना आपकी लाइफ को परेशानी में डाल सकता है। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि अगर आप किसा वीकेण्ड पर फ्री है, तो आपका पार्टनर भी आपके लिए समय निकालने में कामयाब हो पाएं।
इस बात को ध्यान में रखें कि आपसी बॉन्डिंग मज़बूत करने के लिए म्यूचुअल अंडरस्टैण्डिंग ज़रूरी है। जब भी समय मिले दोनों लोग आपसी सहमति से मिलें और क्वालिटी टाइम स्पैंड करें।
प्यार को मज़बूत बनाए रखने के लिए एक दूसरे से दिन में 1 से 2 बार बात अवश्य करें। दिनभर की एक्टिविटीज़ शेयर करें और गंभीर बातों पर भी एक साथ मिलकर विचार करें। इससे प्यार में बढ़ोतरी होती है। दूर होने का अर्थ ये नहीं है कि अब आपका रिश्ता समाप्त हो चुका है। रेगुलर कम्यूनिकेशन अपने दरमियान बढ़ने वाले गैप को कम करने का काम करता है। नियमित तौर पर बात न करने से रिश्तों में दूरी आना स्वाभाविक है।
अक्सर ऐसा होता है कि जैसे जैसे रिश्ते की उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे आपसी इंटरस्ट में कमी आने लगती है। लोग रिलेशन को एजॉय करने की जगह निभाने लगते हैं। ऐसे में बहुत बार बर्थडे के अलावा एनीवर्सिरीज़ तक सब कुद भूल जाते हैं। इससे रिश्ते में खालीपन आने लगता है। जो रैड फ्लैग का काम करता है। जहां तक संभव हो सके एक दूसरे का इंपॉरटेंट फील करवाएं। दोनों एक दूसरे की खुशी का ख्याल रखें और तोहफे देना न भूलें। इससे एक दूसरे के प्रति लगाव और अपनापन बना रहता है।
ये बात दोनों को समझनी चाहिए कि वे एक दूसरे से दूर है। ऐसे में आपसी प्यार को बरकरार रखना दोनों की ही जिम्मेदारी है। बात बात पर आक्रामक होने से बचें। अगर किसी से कोई गलती हुई है, तो उस पर हेल्दी टॉक करके उसे सुलझा लें। एक दूसरे को नीचा न दिखाए और गलतिया गिनाने से बचें। आपको ऐसा व्यवहार रिश्ते को खत्म करने की कगार पर पहुंचा सकता है।
ये भी पढ़ें- Single Mom Burnout : तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ता ही जा रहा है, तो समझिए इस स्थिति से कैसे उबरना है