किसी समस्या पर खुलकर बात न करना उसके बढ़ने का मुख्य कारण साबित होता है। ऐसी ही एक मेडिकल कंडीशन है रिलेशनशिप डिप्रेशन। दो लोग जब साथ रहते हैं, तो उनमें प्यार के साथ तकरार का होना भी स्वाभाविक है। मगर कई बार लोग समस्याओं को लेकर इस कदर गंभीर हो जाते हैं कि उससे रिश्ते में तनाव बढ़ने लगता है। समस्या पर विचार न करने से वो समस्या दिनों दिन बढ़ने लगती है, जो मेंटल हेल्थ को कई नुकसान भी पहुंचा सकती है। जानते हैं रिलेशनशिप डिप्रेशन के लक्षण और इस समस्या से कैसे डील करें (tips to deal with relationship depression) ।
इस बारे में बातचीत करते हुए मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बनाते हैं कि किसी भी रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए प्रयास दोनों ओर से होने बेहद आवश्यक है। अगर आपका पार्टनर किसी तनाव में है, तो सबसे पहले समस्या का कारण खोजें और रिश्ते को समय दें। इसके अलावा हेल्दी टॉक भी समस्या को सुलझाने में मददबार साबित होती है। ऐसे में अपने पार्टनर को कॉफिडेंस बूस्ट करने में मदद करें और किसी भी प्रकार की बहस व आरोप लगाने से बचें। इससे रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगती हैं।
नींद की गुणवत्ता का प्रभावित होना और 8 घण्टे की नींद न ले पाना
किसी भी कार्य पर फोकस करने में परेशानी का सामना करना
छोटी-छोटी बातों पर घबरा जाना और उन्हें लेकर चिंतित रहना
निगेटिव सेल्फ टॉक करना और अपनी प्रतिभा पर भरोसा न करना
बार-बार अपने होने को महत्वहीन समझना या आत्महत्या के ख्याल आना।
अगर आप रिश्ते में एक ऐसे मोड़ से होकर गुज़रते हैं, जहां आपका पार्टनर आपको धोखा देता है, तो ये तनाव का कारण बन जाता है। इससे व्यक्ति की भावनाएं आहत होती है और मेंटल पर इसका बुरा असर पड़ने लगता है।
वे लोग जो एक एब्यूसिव रिलेशन में रह रहे हैं। उनके अंदर धीरे धीरे आत्म विश्वास कम होने लगता है और वो हर गलती की जिम्मेदारी खुद पर लेने लगते हैं। इसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर दिखने लगता है, जो रिलेशनशिप डिप्रेशन की समस्या को बढ़ा देता है।
ऐसे दो लोग जिनके बीच मीलों का फासला हो, उन्हें रिलेशनशिप में कई समस्याओं से होकर गुज़रना पड़ता है। एक वक्त के बाद एक दूसरे पर विश्वास बनाए रखना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा बातचीत का समय न मिलना और मीटिंग न होना रिलेशनशिप डिप्रेशन का कारण बनता है।
छोटी छोटी बातें बहस और मनमुटाव का कारण बनने लगती है, जो रिलेशनशिप को धीरे धीरे उस मोड़ पर ले आतीं है, जहां से वापिस लौटना आसान नहीं होता है। ऐसे में हर बात पर रिएक्ट करना और तनाव में रहना डिप्रेशन की समस्या को बढ़ाता है। कुछ बातों को गंभीरत से लेने की बजाय हंसी में उड़ा देने से रिलेशनशिप को बचाया जा सकता है।
हर व्यक्ति जीवन में प्यार और केयर की चाहत रखता है। अगर आप अपने जीवनसाथी की खुशियों और गम में उनके साथ है, तो उससे न केवल पार्टनर का आत्म विश्वास बढ़ता है बल्कि रिश्तों में डिप्रेशन के लिए कोई स्थान बाकी नहीं रहता है।
अगर आपको अपने लिए कुछ भी खरीदना है या कोई जीवन का अहम फैसला लेना है, तो ऐसे में अपने पार्टनर की राय को उसमें शामिल करें। इससे आपके पार्टनर को अपने महत्व को एहसास होने लगता है। वो दुविधाओं से निकलकर आपके करीब आने लगता है, जिससे रिलेशनशिप को मज़बूती मिलने लगती है।
दिनभर काम में मसरूफ रहने के बाद कुछ वक्त अपने पार्टनर के साथ गुज़ारना रिश्तों को मज़बूती प्रदान करता है। क्वालिटी टाइम बिताने से आप दिनभर के बहुत से अच्छे बुरे अनुभव अपने साथी से साझा करते हैं। इससे वो आपकी समस्याओं और चिताओं से वाकिफ हो पाते हैं। इससे रिश्तों में तनाव कम होने लगता है।
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कस्टमाइज़ करेंमेंटल हेल्थ को उचित बनाए रखने के लिए सुबह उठकर 15 मिनट से 30 मिनट तक मेडिटेशन करें। नियमित तौर पर ध्यान लगाने से निगेटिव थॉटस को आसानी से रिलीज़ कर पाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान सांस पर ध्यान केंद्रित करें और किसी भी विचार को दिमाग में समेटकर रखने की जगह उन्हें जाने दें। इससे आप रिश्तों में बढ़ रही समस्याओं से आसानी से डील कर सकती है।
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