ऑफिस हो या घर दूसरों को डॉमिनेट करने वाले, अपनी बातें मनवाने वाले और उन पर हुकूम चलाने वाले लोग कहीं भी देखे जा सकते हैं। पर यह एक तरह का व्यवहारात्मक विकार है। इससे पीड़ित लोग हर रिश्ते में इसी तरह का व्यवहार करते हैं। फिर चाहें पार्टनर के साथ हों या दोस्तों के साथ। मगर शायद वे लोग ये नहीं समझते कि भावनात्मक जुड़ाव के कारण अगर कोई उनके इस व्यवहार को बर्दाश्त कर रहा है, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि उनका व्यवहार स्वीकार्य है। अगर आपके दोस्तों में भी ऐसा कोई व्यक्ति है, जो किसी बॉस की तरह कंट्रोलिंग व्यवहार अपनाए हुए है, तो जानिए उससे कैसे निपटना (How to deal with a Bossy friend) है।
दोस्ती का मतलब केवल कुछ चुटकुले साझा करना, मजेदार चीजें करना या समान रुचियां रखना ही नहीं है। हेल्दी फ्रेंडशिप में परस्पर सम्मान भी महत्वपूर्ण है। कई बार आपको कंट्रोलिंग बिहेवियर वाले दोस्त मिल सकते हैं। कोई ऐसा व्यक्ति, जो आपको यह हमेशा बताता रहता है कि क्या करना है और क्या नहीं। आपको खुश करने की बजाय, उनका नियंत्रित करने वाला स्वभाव आपको परेशान भी कर सकता है।
चाहे वह दोस्त हो या बॉस या आपका साथी आपको किसी को भी अपने ऊपर नियंत्रण नहीं करने देना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने दोस्त के साथ तीखी बहस कर लें! आइए कुछ टिप्स जानते हैं कि बॉसी फ्रेंड के साथ कैसे डील किया (How to deal with a Bossy friend) जाये।
कंट्रोलिंग फ्रेंड को संभालने के तरीके समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने साइकोथेरेपिस्ट, लाइफ और बिजनेस कोच डॉ. चांदनी तुगनैत से बात की।
आप एक बॉसी दोस्त से आसानी से मिल सकती हैं। वे समूह या उसके भीतर के लोगों को नियंत्रित करने या हावी होने की कोशिश करती रहती हैं। वह व्यक्ति दूसरों की राय या भावनाओं पर विचार किए बिना निर्णय लेने का प्रयास कर सकती हैं। वे स्वाभाविक रूप से चीजों को कैसे किया जाना चाहिए, यह बताती रहती हैं। वे यह तय करने की कोशिश कर सकती हैं कि आपको क्या पहनना चाहिए, आपको अपना समय कैसे व्यतीत करना चाहिए। वे यह भी बता सकती हैं कि आपको किसके साथ घूमना चाहिए। वे आपकी राय और भावनाओं की अवहेलना भी कर सकती हैं। डॉ. तुगनैत कहती हैं, बॉसी दोस्त बहुत मांग करने वाली हो सकती है। बात न मानने पर गुस्सा या परेशान भी हो सकती है।
एक बॉसी दोस्त होना बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उनसे स्वस्थ और सकारात्मक संबंध बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बॉसी मित्र के व्यवहार से नाराजगी, हताशा और क्रोध की भावना भी पैदा हो सकती है, जो लंबे समय में दोस्ती के लिए हानिकारक हो सकती है।
अपने मित्र के साथ ईमानदार रहें। उन्हें बताएं कि उनके व्यवहार से आपको कैसा महसूस हो रहा है। आप अपनी भावनाओं को बिना गुस्सा किये व्यक्त करें और कहें। यह स्वार्थी होना नहीं, बल्कि ईमानदार होना है।
अपनी दोस्त को बताएं कि कौन से व्यवहार आपको स्वीकार्य नहीं हैं। उनके सामने स्पष्ट रूप से सीमाएं निर्धारित करें। अपनी सीमाओं के लिए दृढ़ रहें। यदि वे आपकी बातों का सम्मान नहीं करती हैं, तो जो भी परिणाम सामने आते हैं, पालन करें।
अपने लिए खड़े होने और अपनी राय और विचार व्यक्त करने के लिए तैयार रहें। उन्हें यह कभी अनुमति नहीं दें कि आपके विचार या इनपुट लिए बिना आपके लिए कोई निर्णय ले लें। इसलिए मुखर रहें।
यदि आपकी बॉसी दोस्त किसी विशेष स्थिति के बारे में अपनी बात पर अड़ गई हैं, तो उनके सामने वैकल्पिक समाधान पेश करें। यह हेल्दी फ्रेंडशिप के लिए आवश्यक है।
बॉसी लोग अक्सर उन लोगों को निशाना बनाते हैं, जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। इसलिए खुद पर और अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखें। अपने मित्र के व्यवहार या किसी भी चीज़ को आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने का कारण न बनने दें।
दबंग लोग अपनी पॉवर दिखाने के लिए संघर्ष करते हैं। उनमें शामिल होने से बचें। इसकी बजाय, शांत और मुखर रहें। एक ऐसा समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करें, जो सभी के लिए काम करे।
यदि आप अपने बॉसी फ्रेंड से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं, तो अन्य मित्रों या चिकित्सक से सहायता लें। किसी के साथ बात करने से आपको अपनी भावनाओं को प्रकट करने और स्थिति से निपटने के लिए रणनीति विकसित करने में मदद मिल सकती है।
यदि आपकी मित्र का व्यवहार आपके प्रति लगातार खराब रह रहा है और वे बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आपको दोस्ती समाप्त करने पर विचार करना पड़ सकता है। यह एक कठिन निर्णय हो सकता है, लेकिन अपनी भलाई और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है।
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