जब आप पांचों इंद्रियों का इस्तेमाल करती हैं, तो चीजें लंबे समय तक याद रहती हैं, यहां हैं भूलने की समस्या दूर करने वाले उपाय

भूलने की समस्या मस्तिष्क में उम्र, माहौल, बीमारी या कार्य के कारण आने वाले सामान्य बदलाव को दर्शाती है। जानते हैं किन आसान उपायों की मदद से भूलने की समस्या को हल किया जा सकता है।
Bhulne ki samasya ko kaise karein dur
भूलने की समस्या मस्तिष्क में उम्र, माहौल, बीमारी या कार्य के कारण आने वाले सामान्य बदलाव को दर्शाती है। चित्र- अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 10 Apr 2024, 07:00 pm IST
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इनपुट फ्राॅम

उम्र बढ़ने से साथ जहां शरीर कई रोगों का शिकार होने लगता है, वहीं उम्र का असर ब्रेन पर भी दिखने लगता है। ऐसे में अधिकतर लोगों को भूलने की समस्या का सामना करना पड़ता है। किसी सामान को कहीं रखकर भूल जाना और घंटों तक फिर उस सामान की तलाश करना इस समस्या का प्राथमिक संकेत हैं। इसके अलावा बार बार एक ही सवाल पूछना और चीजों को समझने में कठिनाई का सामना करना भी इस समस्या को दर्शाता है। जानते हैं किन आसान उपायों की मदद से भूलने की समस्या को हल किया जा सकता है।

किन कारणों से करना पड़ता है भूलने की समस्या का सामना

इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि भूलने की समस्या मस्तिष्क में उम्र, माहौल, बीमारी या कार्य के कारण आने वाले सामान्य बदलाव को दर्शाती है। इसके अलावा सिर की चोट, सर्जरी, नशीली दवाओं का सेवन और अल्कोहल इनटेक इस समस्या को बढ़ा देता है। वे लोग जो दिनभर तनाव और एंग्जाइटी का शिकार रहते हैं, उन्हें अन्य चीजों पर फोकस करने में परेशानी होती है। इसके अलावा माइल्ड कॉगनीटिव इंपेयरमेंट, डिमेंशिया और अल्जाइमर भूलने की समस्या के जोखिम को बढ़ा देते हैं।

जर्नल ऑफ प्लोस वन के एक लेख के अनुसार लगभग 56 फीसदी लोग जानकारी एक घंटे के भीतर भूल जाते हैं। वहीं 66 फीसदी एक दिन के बाद और 75 फीसदी लोग छह दिनों के बाद जानकारी को भूलने लगते है। रिसर्च के अनुसार अगर किसी जानकारी को बार बार नहीं दोहराया  जाता है, तो वो धीरे धीरे भूलने लगती है।

Bhulne ki samasya kyu badh jaate hai
रिसर्च के अनुसार अगर किसी जानकारी को बार बार नहीं दोहराया  जाता है, तो वो धीरे धीरे भूलने लगती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

किन टिप्स के माध्यम से भूलने की समस्या को हल करने में मिलती है मदद

1. नए स्किल्स को सीखें (Learn new skills)

एनआईएच के अनुसार ब्रेन को हेल्दी और एक्टिव बनाए रखने के लिए नई गतिविधियों में हिस्सा लेने के साथ साथ थोड़े समय के अंतराल में कुछ नया सीखना भी आवश्यक है। इससे ब्रेन अपना कार्य नियमित रूप से करने लगता है और किसी भी कार्य पर फोकस करने में मुश्किलात का सामना नहीं करना पड़ता है। वे लोग जो छोटी छोटी बातें भूलने लगते हैं, उनकी ये समस्या हल हो जाती है।

2. रूटीन को फॉलो करें (Follow routine)

सुबह उठने और रात को सोने के समय को नियमित तौर पर फिक्स करने के अलावा दिन में समय पर मील्स लें और अपने कार्यों को अनुशासन में रहकर पूरा करने की आदत डालें। इससे ब्रेन उसी दिशा में प्रशिक्षित होने लगता है और ऑटोमेटिकली एक के बाद एक चीज़ को आसानी से याद रखने में मदद मिलती है।

3. ऑर्गनाज्ड रहें (Be organized)

इधर उधर सामान फैलाने की आदत को छोड़कर गाड़ी की चाबी से लेकर, वॉलेट, ग्लासिज़ और ज़रूरी कार्डस को एक जगह पर एकत्रित करके रखें। इससे सामान आसानी से मिल जाता है और किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने में मदद मिलती है।

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4. पूरी नींद लें (Quality sleep)

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हर व्यक्ति को 7 से 9 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिएं। एक रिसर्च के मुताबिक बच्चों के एक समूह को शाम को प्रशिक्षण दिया गया और फिर बच्चों ने सुबह उठकर उसका टेस्ट दिया। वहीं दूसरे समूह ने बिना नींद लिए परीक्षा दी। नींद लेने वाले समूह की परफॉर्मेंस अन्य समूह से 20 प्रतिशत बेहतर पाई गइ।।

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हर व्यक्ति को 7 से 9 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिएं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. चीजों को रिपीट करें (Repeat the information)

किसी व्यक्ति का नाम या कोई स्किल सीखने के बाद बार बार उसकी प्रैक्टिस करें। इससे उस चीज़ को याद रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा मेमोरी को शार्प करने के लिए कैलेंण्डर, फाइल, फोल्डर, एडरेस बुक और रूटीन प्लानर बनाएं। इन्हें दिनभर देखने से सभी कार्य आसानी से याद रखने में मदद मिलती है।

6. सभी सेंसिज़ का प्रयोग करें (Use all senses)

हार्वर्ड हेल्थ एजुकेशन के अनुसार किसी भी कार्य को करने या बनाने के लिए सभी सेंसिज़ का इस्तेमाल करने से वो चीजें लंबे वक्त तक दिमाग में रहती है। उदाहरण के तौर पर मिट्टी के बर्तनों को बनाने के लिए हाथों का प्रयोग किया जाता है।

अब इस प्रक्रिया को देखने और टच करने के अलावा स्मैल भी किया जा सकता है। इससे ब्रेन एलर्ट हो जाता है और चीजों को स्मैल के बेस पर कैटेगराइज़ करने में मदद मिलती है। इसी प्रकार से खाने की स्मैल के आधार पर उसे पहचाना जा सकता है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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