National girl child day 2023 : जानिए उन मुद्दों के बारें में जिन पर हर लड़की अपने परिवार से चाहती है सपोर्ट

अपने बच्चों को अच्छे से समझने के लिए हमें उनसे खुलकर बातचीत जरूर करनी चाहिए, जिससे बच्चे बेखौफ कोई भी बात शेयर कर पाएं। यहां जानिए ऐसे 5 मुद्दें जिन पर बेटियां अपने पेरेंट्स की सपोर्ट चाहती है।
National girl child day
इन 5 मुद्दों पर हर परिवार को है लड़कियों को सपोर्ट करने की जरूरत। । चित्र : अडोबी स्टॉक
ईशा गुप्ता Updated: 20 Oct 2023, 10:06 am IST
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आजकल सभी फील्ड में लडकियां अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं। अपनी जिंदगी बेहतर बनाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं होती। लेकिन कुछ चीजें लड़कियों को आगे बढ़ने से रोक देती हैं। जिसका कारण परिवार से सपोर्ट न मिलना हो सकता है। ज्यादातर इन चीजों की शुरुआत बचपन से ही हो जाती है। क्योंकि समाज से डर और जनरेशन गेप के कारण पेरेंट्स अपनी बेटियों पर रोक लगाते हैं। या उन्हें जबरदस्ती मानने पर मजबूर कर देते हैं। यही चीज लड़कियों के सपनों, व्यक्तित्व विकास और सशक्तिकारण में बाधा बनती हैं। आपको भी इन 5 मुद्दों के बारे में जानना चाहिए।

लेकिन पहले जानते हैं नेशनल गर्ल चाइल्ड डे के बारें में –

नेशनल गर्ल चाइल्ड डे भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास द्वारा 2008 में शुरू किया गया अभियान है। जो हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य लड़कियों में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता लाना है। साथ ही बालिका शिक्षा, स्वस्थ्य और पोषण के जरूरी पहलुओं पर बात करना है।

चलिए अब बात करते हैं ऐसे मुद्दों पर जिन पर हर बेटी अपने पैरेंट्स से जरूर बात करना चाहती है।

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अध्ययन बताते हैं कि दोस्ती किसी टॉनिक से कम नहीं है। चित्र शटरस्टॉक।

1. दोस्त चुनने में आजादी

हमारे समाज में लड़कियों को शुरूआत से सिर्फ लड़कियों को दोस्त बनाने के लिए कहा जाता है। आज भी कई पेरेंट्स लड़कियों के लड़के दोस्त होने पर एतराज करते हैं, या उन पर अप्रत्यक्ष रूप से रोक लगातें हैं। लेकिन हर लड़की चाहती हैं कि उसके पेरेंट्स उस पर भरोसा रखें और उसे अपनी इच्छा के मुताबिक़ दोस्त चुनने की आजादी मिले।

वेब मेड सेंट्रल के विशेषज्ञों के मुताबिक जो पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ ज्यादा गंभीर होते हैं या ज्यादा रुल्स में रखते हैं, उनका बच्चों के साथ रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है।

2. अपनी पसंद का कॅरियर

समाज में बदलाव आने के साथ हमने प्रगति तो की है, लेकिन सोच में बदलाव आज भी बहुत कम देखने को मिलता है। लोग मॉडर्न होने के बावजूद अपने बच्चों पर ऐसे टैबू थोपते हैं, जो बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं हैं। जैसे कि लड़कियों को ऐसे करियर ऑप्शन चुनने चाहिए, जिससे वह घर और दफ्तर दोनों की जिम्मेदारियां संभाल सकें।

जबकि हर लड़की अपने पेरेंट्स से सपोर्ट और आजादी दोनों की इच्छा रखती है। पेरेंट्स का अर्थ सिर्फ माता-पिता नहीं है, बल्कि सास-ससुर भी हैं। बहुत सारी लड़कियों को शादी के बाद अपने पैशन से समझौता करना पड़ता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि लड़कियां अपने सपनों का आसमान छूएं, तो उन्हें अपनी मर्जी का कॅरियर चुनने की आजादी होनी चाहिए। इससे उनमें कॉन्फिडेंस आएगा और उनके लिए जीवन के बड़े फैसले लेना आसान होगा।

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3. भरोसा बनाए रखना

भरोसा हर रिश्तें की ढाल होता है और यही चीज एक लड़की अपने पैरेंट्स से उम्मीद करती है। पैरेंट्स का अपने बच्चें पर भरोसा उसके कॉन्फिडेंस लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। आपको अपनी बेटी को भरोसा दिलाना चाहिए कि उसके सभी फैसलों में आप उसके साथ खड़े है। और किसी भी कीमत पर उसे कभी भी अकेला नही पड़ने देंगे। चाइल्ड माइंड इंस्टीटयूट की रिसर्च के मुताबिक आपको अपनी बेटियों की अच्छी ग्रोथ के लिए उन्हें प्रयास करने के लिए प्रेरित करना चाहिए न कि सही परिणाम पाने के लिए क्योंकि इससे उनका कॉन्फिडेंस ही बढ़ेगा।

4. टैबूज को नजरअंदाज करके आगे बढ़ना

सुनने में थोड़ा अजीब लगता है पर अब भी बहुत सारे अत्याधुनिक परिवारों में भी बहुत सारे टैबूज को फॉलो किया जाता है। जैसे पापा का बिजनेस बेटी से पहले बेटा संभालेगा या बेटी की जिम्मेदारी पहले अपने ससुराल की तरफ है। ये ऐसे टैबू हैं जिन्हें हम साइलेंट रहकर भी आगे बढ़ाते रहते हैं। कभी समाज का डर, तो कभी फैमिली प्रेशर के कारण जब आप अपनी बेटियों को बैकफुट पर ला देते हैं, तो उनका खुद पर भी आत्वविश्वास कम होने लगता है।

हालांकि इनकी शुरुआत पीरियड्स पर अगल-थलग करने से ही हो चुकी होती है। बेटी की विदाई के बाद तो इसे औपचारिक समर्थन ही मिल जाता है। जबकि आपको इन सभी टैबूज को पीछे छोड़ने की जरूरत है।

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शादी और फैमिली का फैसला लड़कियों को अपनी मर्जी से लेना चाहिए। । चित्र : अडोबी स्टॉक

5. शादी और फैमिली के लिए दबाव न डालें

आज भी कई लोगों का यही मानना होता है कि चाहे लड़की के कितने ही सपने हो, लेकिन उसे सही उम्र में शादी और बच्चें कर लेने चाहिए। पैरेंट्स होने के नातें अपने बच्चें के बारें में सोचना जरूरी है, लेकिन इसके कारण उन पर दवाब डालना ठीक नहीं। हर लड़की चाहती है, कि उसके पैरेंट्स उसे समझे और समाज की बातों पर ध्यान न देते हुए उसके साथ खड़े रहें।

अगर आप अपनी बेटी के फैसलों में उसका समर्थन करेंगे और शादी और फैमिली जैसे बडें फैसलें उसे अपनी इच्छा से लेने की इजाजत देंगे, तो इससे उसका आप पर भरोसा बढ़ेगा और वह ज्यादा कॉन्फिडेंट होकर आगे बढ़ पाएगी।

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